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रिम्स में इस दिन सेवाएं रहेंगी बाधित, नेक्स्ट जेन हॉस्पिटल में तब्दील होगा राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल - NEXT GEN HOSPITAL

RIMS को नेक्स्ट जेन अस्पताल में तब्दील किया जाएगा. इसके अपग्रेडेशन के कारण 17 जनवरी को RIMS में रजिस्ट्रेशन और बिलिंग सेवा बाधित रहेगी.

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रिम्स (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 15, 2025, 9:44 PM IST

रांची: रिम्स के ई-हॉस्पिटल पोर्टल को एनआईसी द्वारा नेक्स्ट जेन हॉस्पिटल में स्थानांतरित किया जाना है, जिसके कारण 17 जनवरी 2025 को रिम्स में रजिस्ट्रेशन और कैश काउंटर (बिलिंग) की सेवाएं बाधित रहेंगी. इसे ध्यान में रखते हुए रिम्स प्रबंधन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.

रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि 17 जनवरी को मरीजों और उनके परिजनों को रजिस्ट्रेशन और बिलिंग में कोई परेशानी न हो, इसके लिए रिम्स सर्वर पर सभी सेवाएं जारी रहेंगी. डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि संभव है कि रिम्स के सर्वर से स्पीड थोड़ी कम हो, लेकिन प्रबंधन यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि मरीजों को कम से कम परेशानी हो.

उन्होंने कहा कि एनआईसी द्वारा रिम्स को नेक्स्ट जेन हॉस्पिटल में परिवर्तित करने का फायदा यह होगा कि रजिस्ट्रेशन के बाद ई-स्लिप जेनरेट होगी, इतना ही नहीं ओपीडी में मरीज की सारी जानकारी संबंधित डॉक्टरों के एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएगी. एक विभाग से दूसरे विभाग में जब मरीज रेफर किए जाएंगे तो संबंधित मरीज की सारी केस हिस्ट्री और इलाज की जानकारी उस विभाग के सिस्टम में उपलब्ध हो जाएगी. डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि ओपीडी को सुसज्जित करने के लिए करीब 300 कंप्यूटर खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.

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रांची: रिम्स के ई-हॉस्पिटल पोर्टल को एनआईसी द्वारा नेक्स्ट जेन हॉस्पिटल में स्थानांतरित किया जाना है, जिसके कारण 17 जनवरी 2025 को रिम्स में रजिस्ट्रेशन और कैश काउंटर (बिलिंग) की सेवाएं बाधित रहेंगी. इसे ध्यान में रखते हुए रिम्स प्रबंधन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.

रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि 17 जनवरी को मरीजों और उनके परिजनों को रजिस्ट्रेशन और बिलिंग में कोई परेशानी न हो, इसके लिए रिम्स सर्वर पर सभी सेवाएं जारी रहेंगी. डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि संभव है कि रिम्स के सर्वर से स्पीड थोड़ी कम हो, लेकिन प्रबंधन यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि मरीजों को कम से कम परेशानी हो.

उन्होंने कहा कि एनआईसी द्वारा रिम्स को नेक्स्ट जेन हॉस्पिटल में परिवर्तित करने का फायदा यह होगा कि रजिस्ट्रेशन के बाद ई-स्लिप जेनरेट होगी, इतना ही नहीं ओपीडी में मरीज की सारी जानकारी संबंधित डॉक्टरों के एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएगी. एक विभाग से दूसरे विभाग में जब मरीज रेफर किए जाएंगे तो संबंधित मरीज की सारी केस हिस्ट्री और इलाज की जानकारी उस विभाग के सिस्टम में उपलब्ध हो जाएगी. डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि ओपीडी को सुसज्जित करने के लिए करीब 300 कंप्यूटर खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.

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