रांचीः राज्य में बंद खदानों को खोलने की दिशा में हेमंत सरकार ने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है.बुधवार 15 जनवरी को मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सरकार द्वारा आवंटित सभी 34 कोल ब्लॉकों को शुरू करने में आ रही समस्या के समाधान को लेकर बैठक की. बैठक में इन कोल ब्लॉक को चालू करने में आ रही कठिनाई से अवगत कराया गया. बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जितनी जल्द ये कोल ब्लॉक शुरू होंगे, उतनी ही जल्दी उस इलाके में आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी. इससे जहां रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, वहीं राज्य सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा.
समय सीमा में हो समस्याओं का समाधानः सीएस
समीक्षा के दौरान पाया गया कि अधिकांश आवंटित कोल ब्लॉकों को शुरू करने में जमीन अधिग्रहण, रेट की गणना, मुआवजा, फॉरेस्ट क्लियरेंस, भूमि हस्तांतरण, कोल ब्लॉक की जमीन से गुजरने वाले नाला, नदी और सड़क को लेकर समस्या आ रही है. कुछ स्थानों पर विधि व्यवस्था की भी समस्या है. जिसे देखते हुए मुख्य सचिव ने सभी संबंधित उपायुक्तों को निर्देश दिया कि इन समस्याओं का समाधान एक समय सीमा के भीतर करें.
34 में से 4 कोल ब्लॉक जल्द होंगे शुरू
समीक्षा के दौरान 34 में से 4 कोल ब्लॉक पलामू का राजहारा, लातेहार का तुबेद, हजारीबाग जिला में स्थित बदाम और मोइत्रा जेएस डब्ल्यू से अविलंब खनन शुरू करने का निर्देश दिया गया. ये कोयला खदान सप्ताह भर के भीतर ऑपरेशनल हो जाएंगे. वहीं अन्य 9 कोल ब्लॉकों की समस्या का भी समाधान जल्द कर इनको भी ऑपरेशनल यथाशीघ्र होने की संभावना जतायी गई. बाकी बचे अन्य कोल ब्लॉकों को लेकर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि इनकी समस्या का भी समाधान कर जितनी जल्द हो सके उसे ऑपरेशनल करें.
मुख्य सचिव ने आवंटित कोल ब्लॉकों के प्रतिनिधियों को भी निर्देश दिया कि वे समय पर संबंधित विभागों और जिला प्रशासन को जरूरी कागजात उपलब्ध कराएं. प्रशासन के साथ समन्वय कर कोल ब्लॉकों को ऑपरेशनल करने में आ रही समस्याओं का समाधान करें. समीक्षा बैठक में वन एवं पर्यावरण सचिव अबू बक्कर सिद्दिकी, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव चंद्रशेखर, खान सचिव जितेंद्र सिंह, खान निदेशक राहुल सिन्हा के अलावे सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक राजीव लोचन बख्शी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
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