रांची: राजधानी रांची में एक तरफ जहां कुछ संगठित आपराधिक गिरोह अपनी जोरदार धमक दिखाने में लगे हैं. वहीं, दूसरी तरफ ग्रामीण इलाकों में कुछ उग्रवादी संगठन भी सिर उठाने लगे हैं. पिछले एक महीने से इस दोहरी चुनौती से रांची पुलिस जूझ रही है. पुलिस इस पर लगाम लगाने की भरपूर कोशिश भी कर रही है, लेकिन फिलहाल नतीजा शून्य ही निकल रहा है.
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रांची के ग्रामीण इलाकों की बात करें तो यहां उग्रवादी संगठन टीपीसी एक बार फिर से जोरदार तरीके से एक्टिव हो चुका है. रांची के रातू, बुढ़मू, खलारी, पिठौरिया, कांके, ठाकु गांव, ओरमांझी, चान्हो, मैक्लुस्कीगंज, नगड़ी और मांडर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में टीपीसी संगठन थोड़ा ज्यादा ही एक्टिव हुआ है. इन इलाकों में काम करने वाले कारोबारी इस संगठन के निशाने पर हैं.
डीपीसी के द्वारा ईंट भट्ठों के मालिकों, क्रशर मालिकों के साथ साथ जमीन कारोबारियों से भी खुलेआम रंगदारी की डिमांड की जा रही है. इंटरनेट कॉल के जरिए टीपीसी के द्वारा रंगदारी की डिमांड दो दर्जन से ज्यादा कारोबारियों से की गई है. कारोबारियों ने जब टीपीसी के द्वारा धमकी भरे कॉल को नजरअंदाज किया तब टीपीसी ने हमले करवाने शुरू कर दिए. रविवार की रात रातू थाना क्षेत्र के रहने वाले जमीन कारोबारी कमरुल हक के होटल पर टीपीसी नक्सलियों के द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गई. इस गोलीबारी में कमरुल हक इसलिए बच गए क्योंकि वे 5 मिनट पहले ही घटनास्थल से निकल गए थे. हालांकि इस गोलीबारी में कमरुल हक के दो कर्मचारियों को गोली लगी, जिनका इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है. जानकारी के अनुसार कमरुल हक जैसे एक दर्जन से ज्यादा ऐसे कारोबारी हैं, जिनसे टीपीसी ने रंगदारी की डिमांड की है और नहीं देने पर में जान से मारने की धमकी भी दे रखी है.
शहर ने गैंग्स का दबदबा: झारखंड के नक्सल प्रभावित जिलों में रहने वाले कोयला कारोबारी जब नक्सलियों के खौफ की वजह से राजधानी रांची में आकर रहने लगे तो वहां संगठित आपराधिक गिरोह उनके दुश्मन बन बैठे. अमन साव, अमन श्रीवास्तव और सुजीत सिन्हा जैसे गैंग्स कोयला कारोबारियों को निशाना बना रहे हैं. सबसे रंगदारी के रूप में बड़ी रकम मांगी जा रही है, जो लोग रकम देने से इंकार कर रहे हैं वह गोलियां खा रहे हैं. रांची के अरगोड़ा इलाके में रहने वाले कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता को अमन साव के गुर्गों ने सिर्फ इसलिए गोली मार दी क्योंकि उन्होंने रंगदारी देने से इनकार कर दिया था. गोलीबारी में घायल रंजीत गुप्ता अभी भी दिल्ली में अपना इलाज करवा रहे हैं. गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस अमन के गुर्गों की तलाश में जुटी हुई है हालांकि अभी तक इस में उन्हें कोई विशेष सफलता हाथ नहीं लगी है.
कड़ाई से निपटा जाएगा- एसएसपी: राजधानी में संगठित आपराधिक गिरोह और कुछ उग्रवादी संगठनों के एक्टिव होने को लेकर रांची एसएसपी बेहद गंभीर हैं. रांची एसएसपी के अनुसार मामले में मुख्यालय के द्वारा भी कई तरह के निर्देश दिए गए हैं. जिसके बाद सीआईडी और एटीएस के साथ मिलकर रांची पुलिस संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ काम कर रही है. रांची पुलिस के तरफ से अमन साव सहित दूसरे अपराधी गिरोहों के गुर्गो को चिन्हित किया गया है. बड़े पैमाने पर सीसीए की कार्रवाई के लिए भी सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. रांची एसएसपी ने बताया कि जो भी रंगदारी के मामले सामने आए हैं उनमें सभी में इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल किया गया है. इसके लिए रांची पुलिस की टेक्निकल से लगातार काम कर रही है इसमें भी पुलिस को जैसे ही सटीक इनपुट मिलेगा वैसे ही कार्रवाई तेज कर दी जाएगी.