रांची: कुछ दिनों पहले एक खबर आई थी कि कुख्यात गैंगस्टर अमन साव और सुजीत सिन्हा एक साथ काम कर रहे हैं. पुलिस के द्वारा इस मामले की पुष्टि भी की गई थी, लेकिन इस मामले को लेकर अमन गैंग एक बार फिर से मुखर हुआ है, गैंगस्टर अमन साहू के खास सहयोगी मयंक ने अमन गैंग और सुजीत सिन्हा गैंग के एकता की बात से साफ इनकार किया है.
ये भी पढ़ें: Jharkhand Crime News: झारखंड के दो गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और अमन साव हुए एकसाथ, पुलिस के हाथ लगे पुख्ता सबूत
फोन और मैसेज भेज गैंग कर रहा खंडन: अमन गैंग से जुड़े मयंक ने रांची में कई लोगों को फोन कर ये जानकारी दी है कि उनका सुजीत सिन्हा से कोई लेना देना नहीं है. मयंक ने बताया है कि काफी पहले उसका और उसके बॉस यानी अमन का सुजीत सिन्हा से संपर्क था, लेकिन कुछ चीजों को लेकर अमन गिरोह उनसे अलग हो गया. उसने यह भी जानकारी दी कि पलामू में शिवालय कंस्ट्रक्शन के साइट पर जो गोलीबारी की गई थी उसमें उनके गिरोह का कोई हाथ नहीं है. मयंक सिंह ने पलामू पुलिस को इंगित करते हुए साफ लिखा है कि अमन गिरोह के द्वारा जब भी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है उसे खुलकर स्वीकार भी जाता है. मयंक के अनुसार अमन साव का नाम अपने आप में बड़ा है. यह किसी परिचय का मोहताज नहीं है. अमन गिरोह का यह भी दावा है कि उनकी पलामू में कोई गतिविधि नहीं है. मयंक ने पलामू पुलिस से यह आग्रह भी किया है कि उनका नाम वे लोग सुजीत सिन्हा गिरोह से ना जोड़ें.
जेल से राज कर रहा अमन साव: जेल में रहकर भी अमन साव झारखंड के कई जिलों की पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. उसके एक इशारे पर उसके गुर्गे किसी का भी काम तमाम करने के लिए तैयार है. बीते बुधवार को रांची में कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता को अमन गिरोह के द्वारा ही गोली मारी गई थी. इससे पहले जेल में रहते हुए भी हजारीबाग में अमन ने हैदराबाद के रहने वाले शरद बाबू की गोली मरवा कर हत्या करवा दी थी. बताया जा रहा है कि झारखंड के अलग-अलग जिलों के लगभग दो दर्जन व्यापारी और कारोबारी अमन गिरोह के निशाने पर हैं. सभी से लगातार गिरोह के द्वारा रंगदारी की डिमांड की गई है. जो लोग रंगदारी नहीं दे रहे हैं उन पर हमला किया जा रहा है.
जल्द गिरफ्त में होंगे अपराधी: अमन साव गिरोह रांची, धनबाद, हजारीबाग, लातेहार और चतरा पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. बताया जा रहा है कि अमन गैंग में 100 से ज्यादा अपराधी शामिल हैं जिनमें से अधिकांश जेल से बाहर हैं. गिरोह के पास एके-47 जैसे खतरनाक हथियार भी हैं. वहीं, दूसरी तरफ झारखंड एटीएस और बाकी जिलों की पुलिस की टीम भी अमन गिरोह पर शिकंजे के लिए लगातार काम कर रही है. पुलिस के अनुसार गैंग के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.