रांचीः झारखंड सरकार के महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग के द्वारा पूरे राज्य में 3 साल में बाल विवाह के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं. सरकार के आदेश पर झारखंड सीआईडी की टीम सभी जिलों से आंकड़े इकट्ठा कर रही है.
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क्या है पूरा मामलाः सरकार के महिला बाल विकास व समाज कल्याण विभाग के द्वारा राज्यभर में तीन साल में बाल विवाह के आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं. सरकार के आदेश पर सीआईडी ने सभी जिलों से इससे जुड़े आंकड़े मांगे हैं. सीआईडी ने सभी जिलों को पत्र भेजकर तीन साल में हुए बाल विवाह के दर्ज मामले, तीन साल में सामने आए वैसे मामले जब बाल विवाह को रोका गया हो, इसके साथ ही बाल विवाह के मामलों में दर्ज केस की जानकारी मांगी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने मांगी जानकारी, राज्यों से नहीं मिल रही तथ्यात्मक रिपोर्टः भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालयों ने सुप्रीम कोर्ट के एक वाद में हलफनामा दायर करने के लिए सभी राज्यों से बाल विवाह से जुड़े आंकड़े मांगे थे. मंत्रालय ने सभी राज्यों के महिला, बाल विकास व समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव, सचिव स्तर के अधिकारियों को पत्र लिखकर 21 अप्रैल 2023 को आंकड़े मांगे.
इसको लेकर बाद में दो बार 2 मई और 6 जून को भी आंकड़ों के संबंध में रिमाइंडर भी भेज गए थे. इसके बावजूद तथ्यात्मक आंकड़े कई राज्यों के द्वारा नहीं भेजे गए. मंत्रालय ने फिर से 18 जुलाई को पत्र लिखकर नए सिरे से आंकड़ों की मांग की है. पत्र में लिखा गया है कि राज्यों से मिले आंकड़े सही से नहीं भेजे गए हैं. इसलिए तीन बिंदुओं पर आंकड़े यथाशीघ्र भेजने के लिए मंत्रालय ने पत्राचार किया.