रांची: राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या प्रत्येक दिन बढ़ती ही जा रही है. इससे राज्य में अब तक दो लाख कोरोना संक्रमित के एक्टिव मरीज हैं. वहीं, 2000 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरा को देखते हुए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की घोषणा की है, ताकि सड़कों पर भीड़ कम हो और लोगों में संक्रमण से मुक्ति मिले.
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लॉकडाउन से मिलेगी सफलता
राज्य में संक्रमण पर नियंत्रण पाने को लेकर विश्व स्वास्थ संस्थान के कंसलटेंट डॉ रजाक अनूब बताते हैं कि जब तक पूरे राज्य में 100 प्रतिशत लोग मास्क का उपयोग करने के साथ साथ कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे, तब तक संक्रमण पर नियंत्रण पाना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने 22 से 29 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया है. यह कहीं ना कहीं संक्रमण के चेन को तोड़ने में कारगर साबित होगा.
कोरोना गाइडलाइन का हो पालन
डॉ. रजाक अनूब कहा कि WHO का अनुमान है जब तक झारखंड के लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे, तब तक कोरोना का प्रकोप बढ़ता जाएगा. संक्रमण के दूसरी लहर के स्ट्रेन के म्यूटेंट में बदलाव आया है, जो काफी आक्रमक है. इस संक्रमण में फैलने की क्षमता अधिक है. यही वजह है कि दूसरी लहर में मृत्यु दर बढ़ती जा रही है.
सही तरीके से करे मास्क का उपयोग
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की तरफ से बार-बार यह संदेश दिया जा रहा है. कोरोना से बचाव के लिए मास्क का उपयोग हर हाल में जरूरी है. राज्य के शत प्रतिशत लोग सही तरीके से मास्क का उपयोग करेंगे, तो एक से दो सप्ताह में मरीजों की संख्या में कमी दिखने लगेंगी.
बेवजह टीकाकरण केंद्रों पर दिखती है भीड़
झारखंड में डब्ल्यूएचओ के कंसलटेंट डॉ रजाक अनूब ने बताया कि लोग कोरोना से बचने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर अनावश्यक भीड़ लगाते हैं. वही, सैकड़ों लोग मास्क को सही तरीके से नहीं पहनते हैं, जिससे कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है.