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झारखंड में तीन दिन में खत्म हो जाएगा वैक्सीन का स्टॉक, रेमडेसिविर उपलब्ध कराने में असम सरकार ने की मदद

झारखंड में में 5 अप्रैल तक सिर्फ साढ़े तीन लाख वैक्सीन डोज ही उपलब्ध हैं. इसमें सवा तीन लाख डोज कोविशील्ड की है जबकि 25 हजार डोज कोवैक्सीन की है. ऐसे में तीन दिन के भीतर वैक्सीन की खेप नहीं पहुंची तो झारखंड में टीकाकरण अभियान प्रभावित हो जाएगा.

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झारखंड में कोरोना का टीका खत्म
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Published : Apr 5, 2021, 10:50 AM IST

Updated : Apr 5, 2021, 5:02 PM IST

रांचीः झारखंड में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. लेकिन चिंता की बात यह है कि राज्य में 5 अप्रैल तक सिर्फ साढ़े तीन लाख वैक्सीन डोज ही उपलब्ध हैं. इसमें सवा तीन लाख डोज कोविशील्ड की है जबकि 25 हजार डोज कोवैक्सीन की है. जाहिर सी बात है कि तीन दिन के भीतर वैक्सीन की खेप नहीं पहुंची तो झारखंड में टीकाकरण अभियान प्रभावित हो जाएगा. झारखंड के स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने बताया कि मार्च के अंतिम सप्ताह में 5 लाख वैक्सीन डोज और 2 अप्रैल को भी 5 लाख अतिरिक्त वैक्सीन डोज उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है. यानी 10 लाख डोज की मांग की गई है लेकिन अभी तक वैक्सीन की खेप नहीं आई है. उन्होंने कहा कि इसके लिए दोबारा केंद्र सरकार के प्रतिनिधि से आग्रह किया जाएगा.

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पंचायत स्तर पर चलेगा टीकाकरण अभियान

झारखंड के स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने कहा कि 4 अप्रैल तक झारखंड में 15,94,804 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. जबकि 2,63,737 लोगों को दूसरी डोज मिल चुकी है. चूंकि झारखंड में टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जा रहा है, इसलिए पर्याप्त संख्या में वैक्सीन को स्टॉक में रखना जरूरी है. फिलहाल विशेष अभियान चलाया जा रहा है जो 14 अप्रैल तक चलेगा. प्रतिदिन 1 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के दिन न सिर्फ पंचायत स्तर पर टीका लगाया जाएगा बल्कि कोरोना से बचाव के तरीके और वैक्सीनेशन की अहमियत को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा.

ये भी पढ़ें-खूनी बना चतरा का यह पेड़, सड़क हादसे में जा रही लोगों की जान

कोवैक्सीन के पहले डोज पर लगी रोक

स्वास्थ्य सचिव ने उम्मीद जताई है कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक कोवैक्सीन की खेप मिल जाएगी. फिलहाल 37 हजार लोगों को कोवैक्सीन की दूसरी डोज देनी है . इसकी तुलना में सिर्फ 25 हजार डोज उपलब्ध है. अब प्लान किया गया है कि किसी को कोवैक्सीन की पहली डोज नहीं दी जाएगी. ताकि सेकेंड डोज लेने वालों को इंतजार न करना पड़े. 14 अप्रैल तक कोवैक्सीन की खेप मिलने की उम्मीद है. जिन लोगों ने 20 मार्च के आसपास टीका लिया है उन्हें 30 अप्रैल तक दूसरा डोज देनी है. इस वजह से ऐसा फैसला लिया गया है.

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रेमडेसिविर उपलब्ध कराने में असम सरकार ने की मदद

स्वास्थ्य सचिव केके सोन का कहना है कि कोरोना संक्रमितों को दी जाने वाली रेमडेसिविर की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है . मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने से आपूर्ति में दिक्कत जरूर आई थी. हालांकि कई राज्यों की ऐसी ही स्थिति है. कल रिम्स में रेमडेसिविर के 100 वायल उपलब्ध थीं. असम सरकार की मदद से रेमडेसिविर का 2000 वायल उपलब्ध हो गईं हैं. अलगे दो-तीन दिनों में 4 हजार वायल और मिल जाएंगे. निजी अस्पतालों में इस दवा की कमी को दूर करने के लिए आज ही 500 वायल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. कल तक रेमडेसिविर का 1500 वायल और उपलब्ध हो जाएगा. जैसे ही आपूर्तिकर्ता अन्य स्थानों से भेजेंगे तो रेमडेसिविर की कहीं कमी नहीं होगी.स्वास्थ्य सचिव ने निजी अस्पतालों को हिदायत दी है कि अगर रेमडेसिविर की जरूरत हो तो सात दिन पहले इसकी जानकारी दें.

रांचीः झारखंड में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. लेकिन चिंता की बात यह है कि राज्य में 5 अप्रैल तक सिर्फ साढ़े तीन लाख वैक्सीन डोज ही उपलब्ध हैं. इसमें सवा तीन लाख डोज कोविशील्ड की है जबकि 25 हजार डोज कोवैक्सीन की है. जाहिर सी बात है कि तीन दिन के भीतर वैक्सीन की खेप नहीं पहुंची तो झारखंड में टीकाकरण अभियान प्रभावित हो जाएगा. झारखंड के स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने बताया कि मार्च के अंतिम सप्ताह में 5 लाख वैक्सीन डोज और 2 अप्रैल को भी 5 लाख अतिरिक्त वैक्सीन डोज उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है. यानी 10 लाख डोज की मांग की गई है लेकिन अभी तक वैक्सीन की खेप नहीं आई है. उन्होंने कहा कि इसके लिए दोबारा केंद्र सरकार के प्रतिनिधि से आग्रह किया जाएगा.

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पंचायत स्तर पर चलेगा टीकाकरण अभियान

झारखंड के स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने कहा कि 4 अप्रैल तक झारखंड में 15,94,804 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. जबकि 2,63,737 लोगों को दूसरी डोज मिल चुकी है. चूंकि झारखंड में टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जा रहा है, इसलिए पर्याप्त संख्या में वैक्सीन को स्टॉक में रखना जरूरी है. फिलहाल विशेष अभियान चलाया जा रहा है जो 14 अप्रैल तक चलेगा. प्रतिदिन 1 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के दिन न सिर्फ पंचायत स्तर पर टीका लगाया जाएगा बल्कि कोरोना से बचाव के तरीके और वैक्सीनेशन की अहमियत को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा.

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कोवैक्सीन के पहले डोज पर लगी रोक

स्वास्थ्य सचिव ने उम्मीद जताई है कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक कोवैक्सीन की खेप मिल जाएगी. फिलहाल 37 हजार लोगों को कोवैक्सीन की दूसरी डोज देनी है . इसकी तुलना में सिर्फ 25 हजार डोज उपलब्ध है. अब प्लान किया गया है कि किसी को कोवैक्सीन की पहली डोज नहीं दी जाएगी. ताकि सेकेंड डोज लेने वालों को इंतजार न करना पड़े. 14 अप्रैल तक कोवैक्सीन की खेप मिलने की उम्मीद है. जिन लोगों ने 20 मार्च के आसपास टीका लिया है उन्हें 30 अप्रैल तक दूसरा डोज देनी है. इस वजह से ऐसा फैसला लिया गया है.

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रेमडेसिविर उपलब्ध कराने में असम सरकार ने की मदद

स्वास्थ्य सचिव केके सोन का कहना है कि कोरोना संक्रमितों को दी जाने वाली रेमडेसिविर की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है . मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने से आपूर्ति में दिक्कत जरूर आई थी. हालांकि कई राज्यों की ऐसी ही स्थिति है. कल रिम्स में रेमडेसिविर के 100 वायल उपलब्ध थीं. असम सरकार की मदद से रेमडेसिविर का 2000 वायल उपलब्ध हो गईं हैं. अलगे दो-तीन दिनों में 4 हजार वायल और मिल जाएंगे. निजी अस्पतालों में इस दवा की कमी को दूर करने के लिए आज ही 500 वायल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. कल तक रेमडेसिविर का 1500 वायल और उपलब्ध हो जाएगा. जैसे ही आपूर्तिकर्ता अन्य स्थानों से भेजेंगे तो रेमडेसिविर की कहीं कमी नहीं होगी.स्वास्थ्य सचिव ने निजी अस्पतालों को हिदायत दी है कि अगर रेमडेसिविर की जरूरत हो तो सात दिन पहले इसकी जानकारी दें.

Last Updated : Apr 5, 2021, 5:02 PM IST
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