रांचीः झारखंड में 26 हजार सहायक आचार्यों की नियुक्ति का विज्ञापन जारी होते ही विवाद शुरू हो गया है. सरकार ने जिन टेट पास पारा शिक्षकों के लिए इस भर्ती परीक्षा में विशेष प्रावधान कर उन्हें नियमित करने की घोषणा की है, आज वही पारा शिक्षक सरकार के इस विज्ञापन का विरोध करने लगे हैं. इतना ही नहीं 2016 में उर्दू सहित विभिन्न विषयों में टेट पास किए अभ्यर्थी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं. इन अभ्यर्थियों का मानना है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा जारी विज्ञापन में उर्दू सहित विभिन्न विषयों के लिए सहायक आचार्य के पद ही निर्धारित नहीं किए गए हैं. ऐसे में शिक्षक बनने की चाहत रखने वाले विद्यार्थी सरकार के विरुद्ध गोलबंद होने लगे हैं.
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26 हजार सहायक आचार्यों की नियुक्ति पर ग्रहण लगता हुआ दिख रहा है. छात्र संघ के साथ-साथ टेट पास पारा शिक्षकों ने भी आंदोलन की धमकी दी है. टेट पास पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने विज्ञापन प्रकाशित किए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि सरकार ने टेट पास पारा शिक्षकों के साथ धोखा किया है. नियमित वेतन देने के बजाय पारा शिक्षकों को 7 घंटे की परीक्षा देकर अपनी योग्यता प्रमाणित करनी होगी. जिसके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा और न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा.
छात्र नेता एस अली ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा निकाली गई शिक्षक भर्ती विज्ञापन में कई तरह की खामियां होने की बात कहते हुए आंदोलन की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि एक ओर इस विज्ञापन में उर्दू शिक्षकों के लिए कोई पद निर्धारित नहीं किया गया है, वहीं दूसरी ओर जो विज्ञापन निकाले गए हैं उसमें सहायक आचार्य के वेतनमान को कम करके रखा गया है. 2016 और उससे पहले टेट परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों ने उर्दू एवं अन्य भाषा विषयों से परीक्षा पास की थी आखिर उनका क्या होगा. बिहार के समय से यह प्रावधान था कि जब कभी भी शिक्षकों की नियुक्ति निकलती थी तो उसमें उर्दू शिक्षकों के लिए भी प्रावधान किया जाता था, मगर इस बार जो बहाली निकाली गई है इसमें कोई रिक्ति नहीं दर्शायी गई है.