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मुआवजे को लेकर कंपनी और परिजनों में बनी सहमति, कंपनी ने परिजनों को सौंपा शव - शॉर्ट सर्किट से मौत

12 फरवरी को बेरमो के रहने वाले सुरेंद्र महतो की अफ्रीका में शॉर्ट सर्किट से मौत हो गई थी. जिसके 16 दिन बाद परिजनों को शव सौंपा गया. वहीं, कंपनी और परिजनों में मुआवजे पर सहमति बनी गई है. परिजनों को मुआवजे की आधे से अधिक राशि दे दी गई है और बाकी राशि भी अगले 15 से 20 दिनों में दे दी जाएगी.

Consent body made between company and family was given for compensation
परिजन
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Published : Feb 28, 2020, 5:36 PM IST

रांची: 12 फरवरी को बेरमो के रहने वाले सुरेंद्र महतो की अफ्रीका में शॉर्ट सर्किट से मौत हो गई थी. जिसके 16 दिन बाद परिजनों को शव सौंपा गया, जबकि मृतक सुरेंद्र महतो का शव कंपनी ने 25 फरवरी को ही भेज दिया था. लेकिन परिजनों को मुआवजा का आश्वासन नहीं मिलने की वजह से सुरेंद्र महतो के परिवार वालों ने शव लेने से मना कर दिया था. जिस कारण 25 फरवरी को सुरेंद्र महतो का मृत शरीर वापस दिल्ली भेज दी गई थी.

देखें पूरी खबर

वहीं, कल्पतरु कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने परिजनों से दोबारा संपर्क कर 12 लाख 50 हजार रुपए के मुआवजे पर सहमति बनी. जिसके बाद कंपनी ने सुरेंद्र महतो के शव को दिल्ली से शुक्रवार को इंडिगो की विमान से लाकर परिजनों को सौंपा दिया गया.

कंपनी के कर्मचारी चंदन कुमार ने कहा कि पिछली बार परिजनों से संपर्क नहीं होने के कारण शव को वापस ले जाना पड़ा था, लेकिन बाद में कंपनी और परिजनों के बीच सीधा संपर्क होने के कारण अब किसी तरह की कोई समस्या नहीं है. परिजनों को मुआवजे की आधे से अधिक राशि दे दी गई है और बाकी राशि भी अगले 15 से 20 दिनों में दे दी जाएगी.

ये भी देखें- राष्ट्रपति के दौरे को लेकर ट्रैफिक रूट में बदलाव, सामान्य वाहनों के प्रवेश पर रहेगी रोक

वहीं, मृतक की पत्नी सावित्री देवी ने कहा कि 13 लाख रुपए के मुआवजे पर सहमति बनी है. साथ ही उन्होंने बताया कि कंपनी ने लापरवाही के कारण जरनेटर का लाइन चालू रख दिया गया था. जिस वजह से सुरेंद्र महतो की मौके पर ही मौत हो गई और मुआवजे को लेकर भी पहले कोई आश्वासन नहीं मिल रहा था, इसलिए हम लोगों ने शव को लेने से मना किया. लेकिन अब मुआवजे की आधी राशि मिल चुकी है इसलिए अब हम लोग शव को लेकर अपने पैतृक घर जा रहे हैं.

बता दें कि बोकारो के चतरो चट्टी का रहने वाला सुरेंद्र महतो अफ्रीका में इलेक्ट्रीशियन के रूप में कार्यरत था. जहां उसकी 12 फरवरी को शार्ट सर्किट लग जाने की वजह से मौत हो गई थी.

रांची: 12 फरवरी को बेरमो के रहने वाले सुरेंद्र महतो की अफ्रीका में शॉर्ट सर्किट से मौत हो गई थी. जिसके 16 दिन बाद परिजनों को शव सौंपा गया, जबकि मृतक सुरेंद्र महतो का शव कंपनी ने 25 फरवरी को ही भेज दिया था. लेकिन परिजनों को मुआवजा का आश्वासन नहीं मिलने की वजह से सुरेंद्र महतो के परिवार वालों ने शव लेने से मना कर दिया था. जिस कारण 25 फरवरी को सुरेंद्र महतो का मृत शरीर वापस दिल्ली भेज दी गई थी.

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वहीं, कल्पतरु कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने परिजनों से दोबारा संपर्क कर 12 लाख 50 हजार रुपए के मुआवजे पर सहमति बनी. जिसके बाद कंपनी ने सुरेंद्र महतो के शव को दिल्ली से शुक्रवार को इंडिगो की विमान से लाकर परिजनों को सौंपा दिया गया.

कंपनी के कर्मचारी चंदन कुमार ने कहा कि पिछली बार परिजनों से संपर्क नहीं होने के कारण शव को वापस ले जाना पड़ा था, लेकिन बाद में कंपनी और परिजनों के बीच सीधा संपर्क होने के कारण अब किसी तरह की कोई समस्या नहीं है. परिजनों को मुआवजे की आधे से अधिक राशि दे दी गई है और बाकी राशि भी अगले 15 से 20 दिनों में दे दी जाएगी.

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वहीं, मृतक की पत्नी सावित्री देवी ने कहा कि 13 लाख रुपए के मुआवजे पर सहमति बनी है. साथ ही उन्होंने बताया कि कंपनी ने लापरवाही के कारण जरनेटर का लाइन चालू रख दिया गया था. जिस वजह से सुरेंद्र महतो की मौके पर ही मौत हो गई और मुआवजे को लेकर भी पहले कोई आश्वासन नहीं मिल रहा था, इसलिए हम लोगों ने शव को लेने से मना किया. लेकिन अब मुआवजे की आधी राशि मिल चुकी है इसलिए अब हम लोग शव को लेकर अपने पैतृक घर जा रहे हैं.

बता दें कि बोकारो के चतरो चट्टी का रहने वाला सुरेंद्र महतो अफ्रीका में इलेक्ट्रीशियन के रूप में कार्यरत था. जहां उसकी 12 फरवरी को शार्ट सर्किट लग जाने की वजह से मौत हो गई थी.

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