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Jharkhand News: झारखंड कांग्रेस जल्द चलाएगी "आ अब लौट चलें" कार्यक्रम, पुराने कांग्रेसियों को फिर से संगठन से जोड़ा जाएगा

झारखंड कांग्रेस संगठन मजबूती को लेकर जोर-शोर से काम कर रही है. इसी के तहत कांग्रेस की ओर से आ अब लौट चलें अभियान शुरू किया जाएगा. कार्यक्रम के माध्यम से पुराने कांग्रेसियों को फिर से संगठन से जोड़ा जाएगा.

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Congress Will Run Aa Ab Laut Chale Program
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Published : Apr 17, 2023, 7:45 PM IST

Updated : Apr 17, 2023, 9:57 PM IST

देखें स्पेशल रिपोर्ट

रांचीः झारखंड में कांग्रेस पार्टी अपने पुराने नेताओं की घर वापसी का अभियान शुरू करने जा रही है. झारखंड कांग्रेस ने इस अभियान का नाम "आ अब लौट चलें" दिया है. कांग्रेस को उम्मीद है कि इस अभियान से राज्य में कांग्रेस मजबूत होगी और राज्य में फिरकापरस्त ताकतों को कमजोर करने में मदद मिलेगी.

ये भी पढे़ं-'घर-घर जाकर लोगों को यह बतायेंगे कि कैसे अडाणी-मोदी की यारी देश पर पड़ रही भारी' जय भारत सत्याग्रह के समापन पर कांग्रेस का हमला

कांग्रेस ने क्यों लिया पुराने कांग्रेसियों की घर वापसी का फैसला: झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि दरअसल, जय भारत सत्याग्रह यात्रा के दौरान अलग-अलग जिले में जब यात्रा कई गई तो वहां के कई पुराने कांग्रेसी नेताओं ने घर वापसी का आग्रह किया था. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि चूंकि सत्याग्रह राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था, ऐसे में सत्याग्रह के मंच का इस्तेमाल किसी नेता की पुनर्वापसी के लिए नहीं किया जा सकता था. ऐसे में पार्टी ने फैसला लिया है कि कांग्रेस छोड़ कर दूसरे दलों में चले जाने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं की घर वापसी के लिए अलग से कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसका नाम होगा "आ अब लौट चलें".झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि बहुत जल्द इस कार्यक्रम की तिथियों की घोषणा कर दी जाएगी.

किनकी होगी वापसी:"आ अब लौट चलें" कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसी भी कारण से कांग्रेस पार्टी को छोड़कर चले गए नेताओं की घर वापसी कराने की है. पार्टी नेताओं का कहना है कि बदली हुई परिस्थितियों में जब राहुल गांधी की आवाज देश की आवाज बन गई है तो बड़ी संख्या में पुराने कांग्रेसी घर वापसी करना चाहते हैं. ऐसे लोगों को सम्मान पूर्वक घर वापसी का रास्ता आसान होगा.

कुछ अहम सवाल, जिसका जवाब झारखंड पीसीसी के नेताओं के पास नहीं: झारखंड कांग्रेस संगठन को मजबूत और धारदार बनाने के लिए घर वापसी अभियान "आ अब घर लौट चलें" शुरू करने वाली है. ऐसे में क्या वैसे नेताओं की भी वापसी कांग्रेस कराएगी जो आज की तारीख में कांग्रेस की जगह सहयोगी दल झामुमो या राजद में हैं. कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे थॉमस हांसदा के पुत्र विजय हांसदा अभी झामुमो में हैं तो इसी तरह संयुक्त बिहार में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे सरफराज अहमद आज झामुमो के टिकट पर गांडेय से विधायक हैं. सवाल उठता है कि क्या इनकी भी कांग्रेस में घर वापसी होना संभव होगी.

भाजपा के नेता भी चाहते हैं कांग्रेस में आना: झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि "आ अब लौट चलें" अभियान के दौरान न सिर्फ पुराने कांग्रेसी की घर वापसी होगी, बल्कि उनसे कई नेता जो भाजपा में चले गएं है वो भी पुनः कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. जिनका नाम समय पर सार्वजिनक किया जाएगा.

ये भी पढे़ं-Jharkhand Politics: कांग्रेस की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कहा- आपसी प्रेम और सद्भाव ही देश की ताकत

झारखंड कांग्रेस छोड़कर जानेवालों की लंबी है फेहरिस्त: झारखंड कांग्रेस में महिला कांग्रेस की पहली अध्यक्ष प्रतिभा पांडेय, प्रदेश महासचिव राजेश शुक्ला, यूथ कांग्रेस के साहिबगंज अध्यक्ष रहे वर्तमान जेएमएम सांसद विजय हांसदा, बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और वर्तमान में झामुमो विधायक सरफराज अहमद, छोटे राजा और विधायक अनंत प्रताप देव, अजय कच्छप, अनिता टुडू, कामेश्वर दास, सन्नी टोप्पो, डीपी जामुदा, मास्टर साहब, अकीलूर रहमान, चित्रसेन सिंकू, सन्नी सिंकू जैसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है जो कभी कांग्रेस के कर्णधार हुआ करते थे. किसी न किसी वजह से या राजनीतिक महत्वकांक्षा की वजह से इन लोगों ने कांग्रेस का दामन छोड़ किसी अन्य दल का दामन थाम लिया है. ऐसे नेताओं की घर वापसी कार्यक्रम कांग्रेस अब शुरू करने वाली है. प्रदीप बलमुचू, सुखदेव भगत, डॉ अजय कुमार जैसे पार्टी के कद्दावर नेता दूसरे दलों में जाकर फिर से कांग्रेस में वापसी कर चुके हैं. अब देखना होगा कि कांग्रेस का आ अब लौट चलें अभियान कितना सफल होता है और कौन-कौन से नेताओं की घर वापसी कराने में पार्टी सफल होती है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

रांचीः झारखंड में कांग्रेस पार्टी अपने पुराने नेताओं की घर वापसी का अभियान शुरू करने जा रही है. झारखंड कांग्रेस ने इस अभियान का नाम "आ अब लौट चलें" दिया है. कांग्रेस को उम्मीद है कि इस अभियान से राज्य में कांग्रेस मजबूत होगी और राज्य में फिरकापरस्त ताकतों को कमजोर करने में मदद मिलेगी.

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कांग्रेस ने क्यों लिया पुराने कांग्रेसियों की घर वापसी का फैसला: झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि दरअसल, जय भारत सत्याग्रह यात्रा के दौरान अलग-अलग जिले में जब यात्रा कई गई तो वहां के कई पुराने कांग्रेसी नेताओं ने घर वापसी का आग्रह किया था. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि चूंकि सत्याग्रह राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था, ऐसे में सत्याग्रह के मंच का इस्तेमाल किसी नेता की पुनर्वापसी के लिए नहीं किया जा सकता था. ऐसे में पार्टी ने फैसला लिया है कि कांग्रेस छोड़ कर दूसरे दलों में चले जाने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं की घर वापसी के लिए अलग से कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसका नाम होगा "आ अब लौट चलें".झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि बहुत जल्द इस कार्यक्रम की तिथियों की घोषणा कर दी जाएगी.

किनकी होगी वापसी:"आ अब लौट चलें" कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसी भी कारण से कांग्रेस पार्टी को छोड़कर चले गए नेताओं की घर वापसी कराने की है. पार्टी नेताओं का कहना है कि बदली हुई परिस्थितियों में जब राहुल गांधी की आवाज देश की आवाज बन गई है तो बड़ी संख्या में पुराने कांग्रेसी घर वापसी करना चाहते हैं. ऐसे लोगों को सम्मान पूर्वक घर वापसी का रास्ता आसान होगा.

कुछ अहम सवाल, जिसका जवाब झारखंड पीसीसी के नेताओं के पास नहीं: झारखंड कांग्रेस संगठन को मजबूत और धारदार बनाने के लिए घर वापसी अभियान "आ अब घर लौट चलें" शुरू करने वाली है. ऐसे में क्या वैसे नेताओं की भी वापसी कांग्रेस कराएगी जो आज की तारीख में कांग्रेस की जगह सहयोगी दल झामुमो या राजद में हैं. कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे थॉमस हांसदा के पुत्र विजय हांसदा अभी झामुमो में हैं तो इसी तरह संयुक्त बिहार में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे सरफराज अहमद आज झामुमो के टिकट पर गांडेय से विधायक हैं. सवाल उठता है कि क्या इनकी भी कांग्रेस में घर वापसी होना संभव होगी.

भाजपा के नेता भी चाहते हैं कांग्रेस में आना: झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि "आ अब लौट चलें" अभियान के दौरान न सिर्फ पुराने कांग्रेसी की घर वापसी होगी, बल्कि उनसे कई नेता जो भाजपा में चले गएं है वो भी पुनः कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. जिनका नाम समय पर सार्वजिनक किया जाएगा.

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झारखंड कांग्रेस छोड़कर जानेवालों की लंबी है फेहरिस्त: झारखंड कांग्रेस में महिला कांग्रेस की पहली अध्यक्ष प्रतिभा पांडेय, प्रदेश महासचिव राजेश शुक्ला, यूथ कांग्रेस के साहिबगंज अध्यक्ष रहे वर्तमान जेएमएम सांसद विजय हांसदा, बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और वर्तमान में झामुमो विधायक सरफराज अहमद, छोटे राजा और विधायक अनंत प्रताप देव, अजय कच्छप, अनिता टुडू, कामेश्वर दास, सन्नी टोप्पो, डीपी जामुदा, मास्टर साहब, अकीलूर रहमान, चित्रसेन सिंकू, सन्नी सिंकू जैसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है जो कभी कांग्रेस के कर्णधार हुआ करते थे. किसी न किसी वजह से या राजनीतिक महत्वकांक्षा की वजह से इन लोगों ने कांग्रेस का दामन छोड़ किसी अन्य दल का दामन थाम लिया है. ऐसे नेताओं की घर वापसी कार्यक्रम कांग्रेस अब शुरू करने वाली है. प्रदीप बलमुचू, सुखदेव भगत, डॉ अजय कुमार जैसे पार्टी के कद्दावर नेता दूसरे दलों में जाकर फिर से कांग्रेस में वापसी कर चुके हैं. अब देखना होगा कि कांग्रेस का आ अब लौट चलें अभियान कितना सफल होता है और कौन-कौन से नेताओं की घर वापसी कराने में पार्टी सफल होती है.

Last Updated : Apr 17, 2023, 9:57 PM IST
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