रांची: बीजेपी सांसद संजय सेठ की ओर से लोकसभा में धर्मांतरण मामले को उठाए जाने पर प्रदेश कांग्रेस ने मंगलवार को सांसद पर निशाना साधा है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि बीजेपी सांप्रदायिकता का जहर घोलने का काम कर रही है, जबकि सांसद से आग्रह किया है कि गड़े मुर्दे उखाड़ने की जगह लॉकडाउन में सैकड़ों-हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर पैदल घर वापस लौटने के क्रम में मारे गए प्रवासी मजदूरों की संख्या के बारे में जानकारी देते तो बेहतर होता.
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि सांसद अपनी उपस्थिति मात्र दर्ज कराने के लिए राज्य के लोगों को बदनाम कर रहे हैं, बिना सोचे-समझे देशव्यापी लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण के फैलाव पर अंकुश तो नहीं लग सका, लेकिन नोटबंदी और गलत जीएसटी को लेकर अदूरदर्शी फैसले से पूरे देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई, लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूर मारे गए और कितनी नौकरियां गई, इस बारे में संसद में भी केंद्र सरकार ने जानकारी देने से इनकार कर दिया है.
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि देश के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि एक ओर जहां देश के युवा अपनी नौकरी को लेकर चिंतित है, छात्र-छात्राएं अपनी शिक्षा और भविष्य को लेकर परेशान है, गरीब किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त करने की कोशिश से भयभीत है, सूक्ष्म-लघु और मध्यम उद्योग में लगे करोड़ों लोग अपने व्यवसाय के डूब जाने से गम में डूबे है, लेकिन बीजेपी नेताओं को इन सबसे कोई मतलब नहीं है, उन्हें सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की चिंता है. उन्होंने कहा है कि संजय सेठ बाई चांस बने सांसद हैं, बाई चॉइस नहीं है, इसलिए राज्य की जरूरतों को नहीं रख रहे हैं.