रांची: कोरोना वायरस के इस संकट की घड़ी में पीएम केयर्स फंड में जमा किए गए राशि और खर्च किए गए राशि का ब्यौरा कांग्रेस की ओर से लगातार मांगा जा रहा है. क्योंकि कांग्रेस का मानना है कि वर्तमान समय में प्रवासी मजदूरों की जो दयनीय स्थिति बनी हुई है. इसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार है और जिस फंड से प्रवासी मजदूरों को राहत पहुंचाया जा सकता था. उसका सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है.
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने पीएम केयर्स फंड को लेकर कहा है कि सड़कों पर प्रवासी मजदूरों के पैदल चलने से खून के धब्बे सभी ने देखे हैं. जिसे देखने के बाद लगता है कि इस फंड में जमा राशि का इस्तेमाल प्रवासी मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए नहीं किया गया. प्रवासी मजदूरों की वर्तमान हालात के जिम्मेदार केंद्र सरकार है. उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फंड का आज नहीं तो कल ब्यौरा देना है, ऐसे में इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए, लेकिन आरटीआई से भी इसे हटा दिया गया है यह दुखद है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बस यही चाहती है कि जिन लोगों ने इस फंड में पैसा दिया है, इस फंड से किए जा रहे राहत कार्यों की जानकारी मिलनी चाहिए.
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कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव लगातार पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के इस मांग को आलोचनाओं के रूप में नहीं लेना चाहिए, बल्कि सुझाव के रूप में लिया जाएगा तो इसका बेहतर परिणाम निकलेगा. उन्होंने कहा कि अगर पीएम केयर्स फंड के राशि का राहत कार्य मे खर्च होता तो तेलंगाना में कुएं से मजदूरों का शव बरामद नहीं होता.
कोरोना संकट की इस घड़ी में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग जारी है, तो वहीं कांग्रेस ने पीएम केयर्स फंड की राशि के राहत कार्यों में इस्तेमाल नहीं होने और प्रवासी मजदूरों की मौतों का जिम्मेदार केंद्र सरकार को ठहरा कर नए बहस को जन्म दे दिया है.