रांची: मेयर आशा लकड़ा की ओर से लगातार सेनेटाइजेशन के लिए 10 करोड़ रुपये मांग की जा रही थी, जिसे लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने कहा है कि मेयर सिर्फ सरकार से पैसों की मांग कर रही हैं, जबकि सरकार की ओर से जो राशि आवंटित किए गए हैं. उसका इस्तेमाल आपदा की इस घड़ी के दौरान सेनेटाइजेशन में किया जा सकता है.
सरकार पर राशि आवंटित करने का दबाव
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता ने मंगलवार को कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में कहा कि सरकार की ओर से नागरिक सुविधा मद में नगर निगम को बड़ी राशि आवंटित की गई है, जिसका इस्तेमाल पार्षदों के साथ राय मशवरा कर शहर के सेनेटाइजेशन में किया जा सकता है, लेकिन ऐसा न करके मेंयर सरकार पर राशि आवंटित करने का दबाव बना रही है जो कहीं से सही नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान शहर का सेनेटाइजेशन सबसे ज्यादा जरूरी है और सही तरीके से सेनेटाइजेशन के लिए निगम के पास राशि भी उपलब्ध है, लेकिन सिर्फ जनता को ठगा जा रहा है.
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सेनेटाइजेशन के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग
कांग्रेस प्रदेश ने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए भी बड़ी राशि की मांग की गई है, जबकि वर्तमान समय में शहर में जल संकट की स्थिति नहीं आई है. ऐसे में सेनेटाइजेशन पर विशेष ध्यान देना चाहिए. बता दें कि सरकार ने नागरिक सुविधा मद में रांची नगर निगम को 11.37 करोड़ आवंटित किया है, साथ ही जल संकट से निपटने के लिए भी राशि उपलब्ध कराई है. हालांकि मेयर की ओर से शहर के सही तरीके से सेनेटाइजेशन के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग की गई है.
नागरिक सुविधा मद की राशि का सेनेटाइजेशन में खर्च
ऐसे में कांग्रेस की तरफ से जहां मेयर की कार्यशैली पर निशाना साधा गया है तो वहीं सुझाव भी दिया गया है कि नागरिक सुविधा मद की राशि को सेनेटाइजेशन में खर्च कर कोरोना के खिलाफ इस्तेमाल कर बेहतर पहल की जा सकती है.