रांची: राज्य में हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों के साथ आज रांची में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर बैठक करेंगे. इसमें आलाकमान से मिले टास्क को धरातल पर कैसे उतारा जाए, इसे लेकर रणनीति बनाई जाएगी. बैठक देर शाम होगी. कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से 'कांग्रेसी मंत्रियों की जनसुनवाई' कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा तय की जाएगी. इसके बाद कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की जनसुनवाई का शेड्यूल तय किया जाएगा.
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'मंत्रियों का जनसुनवाई' कार्यक्रम को लेकर गंभीर है जेपीसीसीः दरअसल, 16 अगस्त को दिल्ली में एआईसीसी के मुख्यालय में झारखंड कांग्रेस पार्लियामेंट्री अफेयर्स कमेटी और अन्य वरिष्ठ प्रदेशस्तरीय नेताओं के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल की बैठक हुई थी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उस बैठक में आलकमान ने यह स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस कोटे का कोई भी मंत्री अपने विभागीय व्यस्तता का हवाला देकर संगठन की मजबूती के कार्यक्रम से अलग नहीं रह सकता है. उसे मंत्री के रूप में अपने दायित्व को निभाने के साथ साथ कांग्रेस पार्टी, संगठन विस्तार और कार्यकर्ताओं की भावनाओं का भी ख्याल रखना होगा.
झारखंड सरकार में शामिल मंत्रियों को यह निर्देश भी मिला था कि सभी मंत्री जनसंपर्क यात्रा शुरू करेंगे और जनसुनवाई कर आम जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याओं का निपटारा करेंगे. इसलिए अब जेपीसीसी पूरी गंभीरता से 'मंत्रियों की जनसुनवाई' कार्यक्रम को सफल बनाने में जुट गई है. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की जनसुनवाई कार्यक्रम का आगाज रांची के कांग्रेस मुख्यालय से होगा.
प्रदेश प्रभारी बनते ही अविनाश पांडे ने दिए थे निर्देशः कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के कार्यक्रम की रूपरेखा भले ही अभी तय हो रही हो, परंतु इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश अविनाश पांडे ने प्रदेश प्रभारी का पद संभालते ही दिया था. प्रदेश प्रभारी के आदेश अनुसार शुरुआती दो-तीन महीने में हर शनिवार को तो मंत्रियों का जनता दरबार लगा. फिर धीरे धीरे किसी न किसी वजह से जनता दरबार बंद हो गया.
अब 16 अगस्त 2023 की बैठक के बाद जब केंद्रीय नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि मंत्रियों को भी जनसंपर्क यात्रा और जनसुनवाई करनी होगी तो साफ है कि मंत्रालय के वातानुकूलित चेंबर की जगह कांग्रेस कोटे मंत्रियों को भी जनता के बीच जाना होगा. उनकी समस्याएं सुननी होगी और उसका निवारण भी करना होगा. इसके साथ-साथ महागठबंधन सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता के बीच ले जाना भी होगा और संगठन को मजबूत करने में भी अपनी भूमिका निभानी होगी.