रांची: झारखंड में दुमका और बेरमो विधानसभा सीट पर उपचुनाव में यूपीए गठबंधन की जीत के साथ ही कांग्रेस की उपचुनाव में जीत का सिलसिला बरकरार रहा है. अगर पिछले 5 वर्षों में हुए उपचुनाव के आंकड़ों की बात करें तो कांग्रेस का प्रदर्शन 100 प्रतिशत रहा है. राज्य में हुए तीन उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे और जीत हासिल की. इसी सिलसिले को बेरमो में भी जारी रखने में पार्टी सफल हुई है.
उपचुनाव में जनता ने भाजपा को नकारा
झारखंड में उपचुनाव के मामले में कांग्रेस सभी दलों पर हमेशा भारी पड़ा है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे की मानें तो बेरमो की जीत ने भाजपा को करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जितने भी उपचुनाव हुए हैं, उसमें पार्टी ने जीत हासिल की है, जबकि भाजपा सिर्फ एक उपचुनाव जीतने में सफल रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा व्यक्तिगत राजनीति करती है और अनर्गल बयानबाजी करती है. यही वजह है कि दुमका और बेरमो उपचुनाव में एक बार फिर जनता ने भाजपा को नकार दिया है.
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उपचुनाव में जीत का इतिहास बरकरार
वहीं, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता किशोर शाहदेव ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में कांग्रेस ने लोहरदगा, पांकी और कोलेबिरा के उपचुनाव में प्रत्याशी उतारे और तीनों में जीत हासिल की, साथ ही गठबंधन के साथ सिल्ली और गोमिया में भी उपचुनाव में जीत हासिल की. उन्होंने कहा कि बेरमो में जितनी मार्जिन से जीत का दावा पार्टी ने किया था, उसे हासिल कर जनता के विश्वास को जीतने का काम किया है. दिवंगत राजेंद्र प्रसाद सिंह बेरमो विधानसभा सीट से 6 बार चुनाव जीत चुके थे. ऐसे में झारखंड में बेरमो विधानसभा सीट कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे मजबूत गढ़ माना जाता रहा है और पार्टी ने इस सीट पर जीत हासिल कर इसे साबित भी कर दिया है. पार्टी ने उपचुनाव में जीत के इतिहास को बरकरार भी रखा है.