रांची: 17 अप्रैल 2023 को झारखंड कांग्रेस ने पार्टी छोड़ चुके पुराने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की घर वापसी कार्यक्रम 'आ अब लौट चले अभियान' शुरू करने की घोषणा की थी. हालांकि घोषणा के बाद भी अभी तक कांग्रेस इस अभियान को शुरू नहीं कर सकी है. वहीं झारखंड में भारतीय जनता पार्टी ने पुराने और निष्क्रिय बीजेपी नेताओं को मुख्यधारा में लाने के लिए सम्पर्क अभियान भी शुरू कर दिया. अब भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है.
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झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि 'आ अब लौट चलें अभियान' की पूरी रूपरेखा तय कर ली गई है. सभी जिला कांग्रेस इकाई को इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का 'आ अब लौट चले' कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी के समान हवा हवाई नहीं होगा. बल्कि इसमें कांग्रेस छोड़ चुके कई नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी संख्या में भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाएगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी जिले में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और जिला प्रभारी को यह जिम्मेदारी दी गई है कि कांग्रेस में पुनर्वापसी करने वाले नेताओं की सूची बनाकर प्रदेश को भेजें ताकि एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर पुराने कांग्रेस जनों को फिर से पार्टी में जोड़ा जाएगा.
हम कांग्रेस की तरह पुराने कार्यकर्ताओं की तिलांजलि नहीं देते- भाजपा: वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि हमारी पार्टी लगातार अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ने का अभियान चलाती रहती है. ऐसे कई नेता होते हैं जिनकी विचारधारा भाजपा की होती है, लेकिन वह किसी न किसी वजह से पार्टी में एक्टिव नहीं होते हैं. ऐसे नेताओं को फिर से पार्टी के कार्यक्रमों से जोड़ने का अभियान है, क्योंकि हम अपने पुराने नेताओं की तिलांजलि नहीं देते. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस छोड़ चुके बहुत सारे नेता ने जब कांग्रेस में वापसी की तो उसे आज भी कांग्रेस ने हाशिये पर रखा हुआ है. ऐसे में उसके 'आ अब लौट चले' अभियान पर जहां संशय है वहीं कोई भाजपा नेता कांग्रेस में जाएगा, यह सोचना भी कांग्रेसियों का मुंगेरी लाल के हसीन सपने जैसा है.