रांची: झारखंड में महागठबंधन की सरकार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही है. जिसका एक महत्वपूर्ण घटक कांग्रेस है. हेमंत सरकार के साढ़े तीन साल हो गए हैं. लेकिन कांग्रेस राज्य के अन्नदाताओं से वर्ष 2019 में जो चुनावी वादे किये वह अधूरा है. कांग्रेस ने जो वादे किए थे उसमें सबसे प्रमुख था किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ किया जाना, धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2500 रुपया करना और सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करना. इसके साथ-साथ वनोपज का समर्थन मूल्य भी तय कर उसका लाभ देना. कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ को किया लेकिन कोरोना का हवाला देते हुए दो लाख से सिर्फ 50 हजार तक सिमट गया.
ये भी पढ़ें: Sahibganj News: मक्के की खेती कर निराश हैं किसान, पिछले वर्ष से भी कम मिल रहा दाम
झारखंड कांग्रेस ने वर्ष 2019 विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने चुनावी घोषणापत्र में यह वादा किया था कि छत्तीसगढ़ के तर्ज पर कांग्रेस धान का 2500 रुपये प्रति क्विन्टल का MSP तय करेगी. लेकिन हेमंत सरकार के साढ़े तीन साल बाद भी राज्य में किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विन्टल नहीं मिल पा रहा है. अभी राज्य में किसानों के लिए सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य साधारण धान के लिए ₹2040 प्रति क्विन्टल और A ग्रेड धान के लिए ₹2060 MSP तय है. इस पर 10 रुपए बोनस देने का प्रावधान भी है.
इसी तरह कांग्रेस ने राज्य के किसानों से 2019 में वादा किया था कि किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए सब्जियों पर MSP भी तय किया जाएगा. लेकिन इस वादे को भी कांग्रेस पूरा नहीं कर पाई है. जबकि कृषि मंत्री कांग्रेस नेता ही हैं.
कांग्रेस अन्नदाताओं से किया वादा पूरा करेगी- कांग्रेस महासचिव: झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अमूल्य नीरज खलखो ने बताया कि यह सही है कि वर्ष 2019 में कांग्रेस ने राज्य के अन्नदाताओं से कई सारे चुनावी वादे किए थे, जिसमें 50 हजार तक की कर्ज माफी हुई है. उन्होंने कहा कि यह सही है कि हम दो लाख तक का कर्ज माफ नहीं कर पाए हैं. कोरोना महामारी की वजह से कुछ दिक्कतों का जिक्र करते हुए अमूल्य नीरज खलखो ने कहा कि चाहे सब्जियों का MSP तय करने का वादा हो या धान का MSP 2500 सौ रुपया करने का वादा हो, कांग्रेस पूरी गंभीरता से इस वादे को पूरा कराएगी.