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जब स्वास्थ्य मंत्री के जनता दरबार में फूट-फूटकर रोये फरियादी, जानिए फिर क्या हुआ

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Published : Feb 18, 2022, 3:37 PM IST

Updated : Feb 18, 2022, 3:59 PM IST

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जनता दरबार की शुरुआत कांग्रेस भवन में तो की, मगर फरियादियों की समस्या का समाधान नहीं होने से आम लोग संतुष्ट नहीं दिखे. हद तो तब हो गई जब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के व्यवहार से दुखी फरियादी कांग्रेस भवन में ही फफक-फफककर रोने लगे.

Janta Darbar of Health Minister Banna Gupta in ranchi
Janta Darbar of Health Minister Banna Gupta in ranchi

रांची: आम लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए कांग्रेस ने जनता दरबार की शुरुआत की है. कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे के निर्देश पर कांग्रेस कोटे के मंत्रियों में सबसे पहले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जनता दरबार की शुरुआत कांग्रेस भवन में की. इस जनता दरबार में फरियादियों की समस्या का समाधान नहीं होने से आम लोग संतुष्ट नहीं दिखे. हद तो तब हो गई जब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के व्यवहार से दुखी फरियादी कांग्रेस भवन में ही रोने लगे.

ये भी पढ़ें- हजारीबाग में मंत्री आलमगीर आलम का जनता दरबार, लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन को निर्देश

दरअसल, यह नजारा तब दिखा जब 2013 से 2019 तक रांची सदर अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में सुरक्षा गार्ड की नौकरी से हटाए गए पीड़ित अपनी परेशानी लेकर मंत्री के पास पहुंचे थे.

देखें पूरी खबर

मेरी मौत के लिए स्वास्थ्य मंत्री होंगे जिम्मेदार- मोमिन अंसारी

पीड़ित सुरक्षा गार्ड मोमिन अंसारी ने स्वास्थ्य मंत्री पर इस मामले में मुख्यमंत्री से मिलने की बात कहकर अशोभनीय व्यवहार करने का आरोप लगाया. पीड़ित सुरक्षा गार्ड मोमिन अंसारी ने स्वास्थ्य मंत्री से अब तक 25 से ज्यादा बार मिलने की बात कहते हुए कहा कि उनके जैसे 155 सुरक्षा गार्ड हैं, जिन्हें अब तक स्वास्थ्य मंत्री का आश्वासन मिलता रहा है. मगर आज जैसे ही जनता दरबार में मिलने पहुंचे उन्होंने सीधे कह दिया कि बेकार में मिलने के लिए आ जाते हो. हम कुछ नहीं कर सकते. मुख्यमंत्री से मिलो हमसे नहीं होगा.

Janta Darbar of Health Minister Banna Gupta in ranchi
फरियाद सुनते स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता

स्वास्थ्य मंत्री का यह बोलने के बाद लगता है कि मर जाएं. 2019 तक महज 3500 के मामूली मानदेय पर कार्यरत कर्मियों को बाद में 6400 दिया गया और घर के नजदीक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था. धरना पर बैठने पर हमलोगों को हेमंत सोरेन ने चुनाव के वक्त आकर आश्वासन भी दिया था. मगर चुनाव जीतने के बाद हमलोगों ठगे महसूस कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जन सुनवाई कार्यक्रम में खाली कुर्सी देखकर नाराज हुए मंत्री, देखिए फिर उन्होंने क्या किया?

समस्या है पेंचीदा- स्वास्थ्य मंत्री

इधर, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सुरक्षा गार्ड की समस्या को पेंचीदा बताते हुए समाधान नहीं होने की बात कही है. स्वास्थ्य मंत्री के जनता दरबार में खलारी से आये एक निशक्त कृष्णा साव को आर्टिफिशियल लींब लगाने का आश्वासन दिया गया. पीड़ित के परिजन ने उम्मीद जताई है कि स्वास्थ्य मंत्री घोषणा के अनुरूप जरूर पहल करेंगे. कृष्णा साव को एक पांव में ट्यूमर हो जाने के बाद पांव को काटना पड़ा था.

कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे के निर्देश पर कांग्रेस भवन में शुरू हुआ मंत्रियों का जनता दरबार के पहले ही दिन लोगों की परेशानी खुलकर सामने आई. स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष लोग इस उम्मीद के साथ आये कि उनका समाधान होगा. मगर मंत्री के द्वारा दो टूक जवाब दिये जाने से मर्माहत फरियादी इतने दुखी हुए कि अपना आंसू रोक नहीं पाए.

रांची: आम लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए कांग्रेस ने जनता दरबार की शुरुआत की है. कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे के निर्देश पर कांग्रेस कोटे के मंत्रियों में सबसे पहले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जनता दरबार की शुरुआत कांग्रेस भवन में की. इस जनता दरबार में फरियादियों की समस्या का समाधान नहीं होने से आम लोग संतुष्ट नहीं दिखे. हद तो तब हो गई जब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के व्यवहार से दुखी फरियादी कांग्रेस भवन में ही रोने लगे.

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दरअसल, यह नजारा तब दिखा जब 2013 से 2019 तक रांची सदर अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में सुरक्षा गार्ड की नौकरी से हटाए गए पीड़ित अपनी परेशानी लेकर मंत्री के पास पहुंचे थे.

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मेरी मौत के लिए स्वास्थ्य मंत्री होंगे जिम्मेदार- मोमिन अंसारी

पीड़ित सुरक्षा गार्ड मोमिन अंसारी ने स्वास्थ्य मंत्री पर इस मामले में मुख्यमंत्री से मिलने की बात कहकर अशोभनीय व्यवहार करने का आरोप लगाया. पीड़ित सुरक्षा गार्ड मोमिन अंसारी ने स्वास्थ्य मंत्री से अब तक 25 से ज्यादा बार मिलने की बात कहते हुए कहा कि उनके जैसे 155 सुरक्षा गार्ड हैं, जिन्हें अब तक स्वास्थ्य मंत्री का आश्वासन मिलता रहा है. मगर आज जैसे ही जनता दरबार में मिलने पहुंचे उन्होंने सीधे कह दिया कि बेकार में मिलने के लिए आ जाते हो. हम कुछ नहीं कर सकते. मुख्यमंत्री से मिलो हमसे नहीं होगा.

Janta Darbar of Health Minister Banna Gupta in ranchi
फरियाद सुनते स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता

स्वास्थ्य मंत्री का यह बोलने के बाद लगता है कि मर जाएं. 2019 तक महज 3500 के मामूली मानदेय पर कार्यरत कर्मियों को बाद में 6400 दिया गया और घर के नजदीक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था. धरना पर बैठने पर हमलोगों को हेमंत सोरेन ने चुनाव के वक्त आकर आश्वासन भी दिया था. मगर चुनाव जीतने के बाद हमलोगों ठगे महसूस कर रहे हैं.

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समस्या है पेंचीदा- स्वास्थ्य मंत्री

इधर, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सुरक्षा गार्ड की समस्या को पेंचीदा बताते हुए समाधान नहीं होने की बात कही है. स्वास्थ्य मंत्री के जनता दरबार में खलारी से आये एक निशक्त कृष्णा साव को आर्टिफिशियल लींब लगाने का आश्वासन दिया गया. पीड़ित के परिजन ने उम्मीद जताई है कि स्वास्थ्य मंत्री घोषणा के अनुरूप जरूर पहल करेंगे. कृष्णा साव को एक पांव में ट्यूमर हो जाने के बाद पांव को काटना पड़ा था.

कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे के निर्देश पर कांग्रेस भवन में शुरू हुआ मंत्रियों का जनता दरबार के पहले ही दिन लोगों की परेशानी खुलकर सामने आई. स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष लोग इस उम्मीद के साथ आये कि उनका समाधान होगा. मगर मंत्री के द्वारा दो टूक जवाब दिये जाने से मर्माहत फरियादी इतने दुखी हुए कि अपना आंसू रोक नहीं पाए.

Last Updated : Feb 18, 2022, 3:59 PM IST
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