रांचीः जिला सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार (Ranchi Civil Surgeon Dr Vinod Kumar) ने पिछले महीने जिला के स्वास्थ्यकर्मियों का तबादला बड़े पैमाने पर किया था. उसमें वैसे पदों पर भी स्वास्थ्यकर्मियों का तबादला किया था, जिसपर वर्तमान में कार्यरत कर्मी अक्टूबर नवंबर में रिटायर होने वाले थे. इसपर विवाद होने पर सभी तबादलों को रद्द कर दिया गया था. लेकिन अब इसकी मामले की जांच (investigate transfers made by Ranchi Civil Surgeon) होगी.
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इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेश पर निदेशक प्रमुख डॉ. कृष्ण कुमार ने पूरे मामले की जांच के लिए उपनिदेशक स्वास्थ्य डॉ. चंद्रप्रकाश चौधरी के नेतृत्व में उच्चस्तरीय कमिटी बनाई है, जो 14 दिनों में रिपोर्ट देगी. जांच कमिटी यह भी जांच करेगी कि सेवानिवृत से ठीक पहले क्या इस तरह से बड़े पैमाने पर तबादला ठीक है. यहां बता दें कि सेवानिवृति की उम्र सीमा नहीं बढ़ने की स्थिति में सिविल सर्जन जल्द सेवा निवृत्त होने वाले थे.
क्या है मामलाः 7 जुलाई 2022 को रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार की अध्यक्षता में बनी पांच सदस्यीय स्थापना समिति ने बड़ी संख्या में रांची जिला के स्वास्थ्यकर्मियों के तबादले के प्रस्ताव को सहमति (transfers made by Ranchi Civil Surgeon) दे दी और कार्यालय से आदेश भी निकल गए. जब लिस्ट जारी हुआ तो वह विवादों में आ गया और फिर सिविल सर्जन ने अपने ही हस्ताक्षर से जारी तबादले के आदेश को फिर वापस ले लिया.
इन बातों पर आपत्ति: दरअसल, रांची के सिविल सर्जन अगले महीने खुद सेवानिवृत होने वाले हैं. रिटायरमेंट से चंद दिन पहले उनके द्वारा की गई बड़ी संख्या में तबादले को नैतिक रूप से सही नहीं माना जा रहा है. सदर अस्पताल के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ भी दबी जुबान से कह रहे हैं कि जिले के स्वास्थ्यकर्मियों के तबादले का काम वर्तमान सिविल सर्जन को अपने बाद आने वाले सिविल सर्जन पर छोड़ देना चाहिए था.
तबादले में कई खामियां: रांची के सिविल सर्जन द्वारा किये गए तबादले में कई खामियां है. उदाहरण के लिए सदर अस्पताल में स्टोर लिपिक का काम देख रहे अरविंद पासवान नवंबर महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनका तबादला तो नहीं किया गया है लेकिन, उनके रिटायर होते ही कौन उनका पद संभालेगा यह चार महीने पहले ही तय कर दिया गया. ऐसे कई मामलों के प्रकाश में आते ही जिले के स्वास्थ्यकर्मियों में नाराजगी और आक्रोश बढ़ता देख सिविल सर्जन ने तबादले की पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दी.
सिविल सर्जन ने कहा विवाद से बचने के लिए रद्द करना पड़ा आदेश: जिला स्वास्थ्य की स्थापना कमेटी के सदस्य और सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एके खेतान कहते हैं कि कुछ तकनीकी खामियों के कारण तबादला रद्द हुआ होगा. वहीं सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने कहा कि प्रक्रिया में कोई गलती नहीं होने के बावजूद विवाद से बचने के लिए ट्रांसफर पोस्टिंग की पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है.