नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन एवं सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से उनके मंत्रालय में जाकर मुलाकात की. उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी उनके मंत्रालय में जाकर मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने राज्यहित से जुडे़ कई मुद्दों पर उनसे बात की.
- कैंपा के तहत 4046 करोड़ की राशि केंद्र सरकार द्वारा 1 सप्ताह में विमुक्त कर दी जाएगी, जिसका उपयोग राज्य में वन विकास से संबंधित कार्यों के लिए राज्य सरकार कर सकेगी.
- नदियों के कैचमेंट एरिया डेवलपमेंट के लिए केंद्र सरकार द्वारा 9 बड़े नदियों को शामिल किया गया है, राज सरकार के अनुरोध पर इसमें झारखंड के दो महत्वपूर्ण नदी दामोदर एवं स्वर्णरेखा को भी शामिल करने पर सहमति दी गई.
- उत्तर कोयल परियोजना के तहत (डैम की सिंचाई घटने के कारण) अधिक अधिकृत 1328 हेक्टेयर भूमि, दूसरी जल संसाधन की परियोजना (जैसे जलाशय कनहर बराज, कोनार सिंचाई योजना आदि) के लिए क्षतिपूर्वक वन भूमि के रूप में उपयोग करने की स्वीकृति दी गई.
- नॉर्थ कर्णपुरा कोयला क्षेत्र के लिए बने इंटीग्रेटेड वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट प्लान पर अगले नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ की बैठक में निर्णय करने पर सरकार को सूचित कर देने पर सहमति बनी.
- फॉरेस्ट क्लीयरेंस से संबंधित सॉफ्टवेयर परिवेश को बेहतर बनाते हुए राज्य स्तर से मॉनिटरिंग की सुविधा देने का निर्णय लिया गया.
वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ बैठक में इन विषयों पर सहमति बनी:
- राज्य में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने पर केंद्र सरकार द्वारा अनुदान देने की सहमति दी गई, देवघर में राज्य सरकार इसी मॉनसून सत्र में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने हेतु विधेयक लाएगी.
- राज्य केंद्रीय ट्राईबल विश्वविद्यालय, अमरकंटक की एक भाषा झारखंड में स्थापित करने पर सहमति बनी.
- पारा शिक्षकों के मानदेय मद में शिक्षकों की नियुक्ति के अनुपात में राशि केंद्र सरकार द्वारा विमुक्त करने पर सहमति बनी.