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एम्स में झारखंड के लोगों की भी हो भागीदारी, सीएम हेमंत ने केंद्र का खींचा ध्यान - हेमंत सोरेन ने मनसुख मंडाविया को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है. सीएम ने आग्रह किया है कि देवघर एम्स में रोजगार के मामले में स्थानीय लोगों की अनदेखी हो रही है और इस मामले में यहां के लोगों को तरजीह देने की जरूरत है.

CM hemant soren wrote letter to Central government
हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र
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Published : Jul 19, 2021, 10:37 PM IST

रांची: झारखंड के बाबानगरी में देश के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान एम्स का संचालन हो रहा है. इस संस्थान के खुलने से न सिर्फ संथाल बल्कि झारखंड के अलग जिलों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के मरीजों को अच्छी मेडिकल सुविधा मिल सकेगी. लेकिन इतने प्रतिष्ठित संस्थान में रोजगार के मसले पर झारखंड के स्थानीय लोगों की अनदेखी हो रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है.

यह भी पढ़ें: जल्द आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, नया वेरिएंट मचाएगा भयंकर तबाही

एम्स की सुरक्षा में तैनात 90% से ज्यादा सुरक्षा गार्ड दूसरे राज्यों से

सीएम हेमंत सोरेन का कहना है कि उनकी सरकार झारखंड के लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इसे ध्यान में रखते हुए झारखंड की निजी कंपनियों में 30 हजार तक की सैलरी वाले काम के लिए 75% आरक्षण का प्रावधान किया है. इसी वजह से झारखंड स्टेट एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट्स बिल, 2021 की व्यवस्था की है. लेकिन यह जानकर हैरानी हो रही है कि देवघर स्थित एम्स की सुरक्षा में तैनात 90% से ज्यादा सुरक्षा गार्ड झारखंड राज्य के बाहर के हैं.

सीएम ने स्थानीय लोगों को तरजीह देने का किया आग्रह

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्र के जरिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया है कि एम्स देवघर की सुरक्षा में ज्यादा से ज्यादा संख्या में स्थानीय लोगों को तरजीह दी जाए. अगर स्थानीय लोगों को मौका मिलेगा तो यहां के समुदाय विशेष को अच्छी सेवा मिल सकेगी क्योंकि दोनों एक दूसरे को बेहतर समझ सकेंगे. अगर ऐसा होता है तो चिकित्सा सेवा के साथ-साथ झारखंड के आर्थिक उन्नयन में एम्स जैसे संस्थान की भागीदारी हो जाएगी.

रांची: झारखंड के बाबानगरी में देश के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान एम्स का संचालन हो रहा है. इस संस्थान के खुलने से न सिर्फ संथाल बल्कि झारखंड के अलग जिलों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के मरीजों को अच्छी मेडिकल सुविधा मिल सकेगी. लेकिन इतने प्रतिष्ठित संस्थान में रोजगार के मसले पर झारखंड के स्थानीय लोगों की अनदेखी हो रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है.

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एम्स की सुरक्षा में तैनात 90% से ज्यादा सुरक्षा गार्ड दूसरे राज्यों से

सीएम हेमंत सोरेन का कहना है कि उनकी सरकार झारखंड के लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इसे ध्यान में रखते हुए झारखंड की निजी कंपनियों में 30 हजार तक की सैलरी वाले काम के लिए 75% आरक्षण का प्रावधान किया है. इसी वजह से झारखंड स्टेट एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट्स बिल, 2021 की व्यवस्था की है. लेकिन यह जानकर हैरानी हो रही है कि देवघर स्थित एम्स की सुरक्षा में तैनात 90% से ज्यादा सुरक्षा गार्ड झारखंड राज्य के बाहर के हैं.

सीएम ने स्थानीय लोगों को तरजीह देने का किया आग्रह

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्र के जरिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया है कि एम्स देवघर की सुरक्षा में ज्यादा से ज्यादा संख्या में स्थानीय लोगों को तरजीह दी जाए. अगर स्थानीय लोगों को मौका मिलेगा तो यहां के समुदाय विशेष को अच्छी सेवा मिल सकेगी क्योंकि दोनों एक दूसरे को बेहतर समझ सकेंगे. अगर ऐसा होता है तो चिकित्सा सेवा के साथ-साथ झारखंड के आर्थिक उन्नयन में एम्स जैसे संस्थान की भागीदारी हो जाएगी.

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