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नीट और जेईई की परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार दिखा रही हठधर्मिता, राज्य सरकार से लेनी चाहिए थी राय: हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की. इस दौरान सीएम ने जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन मेन (JEE-MAIN) और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यूजी नीट (NEET) की परीक्षा को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हठधर्मिता दिखा रही है, शॉर्ट पीरियड में दोनों परीक्षाओं को लेने का निर्णय कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सही नहीं होगा.

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सीएम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा
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Published : Aug 28, 2020, 10:18 PM IST

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन मेन (JEE-MAIN) और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यूजी नीट (NEET) की 1 सितंबर से शुरू हो रही परीक्षा कराने को लेकर केंद्र सरकार हठधर्मिता दिखा रही है. उन्होंने कहा कि शॉर्ट पीरियड में दोनों परीक्षाओं को लेने का निर्णय कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सही नहीं होगा, इन परीक्षाओं के आयोजन से जहां कोविड-19 के संक्रमण का खतरा बढ़ेगा, वहीं राज्य सरकारों की भी मुश्किलें बढ़ेंगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री सोरेन ने यह बातें कहीं.


जब स्कूल कॉलेज हैं बंद तब जल्दबाजी में क्यों है सरकार

सीएम ने कहा कि पिछले 5 महीने से देश के सभी स्कूल कॉलेज बंद हैं. विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, लेकिन जेईई मेन और नीट की परीक्षा हर हाल में लेने पर केंद्र सरकार अड़ी है, इससे पहले दोनों परीक्षाएं अप्रैल और जून में स्थगित की जा चुकी हैं, ऐसे में अब जल्दबाजी किस बात की है. उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण का आंकड़ा 34 लाख पार कर चुका है, वहीं 60000 लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो चुकी है.

कहां रहेंगे परीक्षा देनेवाले और साथ आनेवाले लोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परीक्षा में 2500000 विद्यार्थी शामिल होंगे, उनके अलावा उन छात्र-छात्राओं के अभिभावक भी साथ मौजूद होंगे, कई स्थलों पर ड्राइवर भी होंगे, इतना ही नहीं विद्यार्थी दूरदराज इलाकों से परीक्षा देने आएंगे तो यह दो-तीन दिन का मसला भी हो सकता है, होटल और लॉज की सुविधा फिलहाल नहीं है, ऐसे में छात्र छात्रा कहां रहेंगे यह भी एक बड़ी समस्या है.


विकल्पों पर भी होनी चाहिए थी चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा के आयोजन को लेकर विकल्पों पर भी चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा इसमें राज्य सरकार की भी सहमति लेनी चाहिए, लेकिन केंद्र को इस से कोई लेना देना नहीं है, केंद्र सरकार विद्यार्थियों के स्वास्थ्य सुरक्षा की अनदेखी करते हुए परीक्षा लेने पर अड़ी है, केंद्र सरकार को दोनों परीक्षाएं सुरक्षित तरीके से आयोजित करने के तरीकों पर विचार करना चाहिए, इस पर राज्य सरकार से चर्चा करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात को लेकर भी तैयारी कर रही है की अगर परीक्षाएं होती हैं तो विद्यार्थियों के लिए कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है.

इसे भी पढे़ं:- DGP ने पुलिस संघ के पदाधिकारियों के साथ की बैठक, पुलिसकर्मियों के छुट्टी पर लगी रोक हटी

नीट और जेईई परीक्षा स्थगित करने की मांग को लेकर झारखंड समेत छह राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिव्यू पिटिशन दाखिल किया है. उसी रिव्यू पिटिशन के मद्देनजर मुख्यमंत्री सोरेन और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई है.

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन मेन (JEE-MAIN) और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यूजी नीट (NEET) की 1 सितंबर से शुरू हो रही परीक्षा कराने को लेकर केंद्र सरकार हठधर्मिता दिखा रही है. उन्होंने कहा कि शॉर्ट पीरियड में दोनों परीक्षाओं को लेने का निर्णय कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सही नहीं होगा, इन परीक्षाओं के आयोजन से जहां कोविड-19 के संक्रमण का खतरा बढ़ेगा, वहीं राज्य सरकारों की भी मुश्किलें बढ़ेंगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री सोरेन ने यह बातें कहीं.


जब स्कूल कॉलेज हैं बंद तब जल्दबाजी में क्यों है सरकार

सीएम ने कहा कि पिछले 5 महीने से देश के सभी स्कूल कॉलेज बंद हैं. विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, लेकिन जेईई मेन और नीट की परीक्षा हर हाल में लेने पर केंद्र सरकार अड़ी है, इससे पहले दोनों परीक्षाएं अप्रैल और जून में स्थगित की जा चुकी हैं, ऐसे में अब जल्दबाजी किस बात की है. उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण का आंकड़ा 34 लाख पार कर चुका है, वहीं 60000 लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो चुकी है.

कहां रहेंगे परीक्षा देनेवाले और साथ आनेवाले लोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परीक्षा में 2500000 विद्यार्थी शामिल होंगे, उनके अलावा उन छात्र-छात्राओं के अभिभावक भी साथ मौजूद होंगे, कई स्थलों पर ड्राइवर भी होंगे, इतना ही नहीं विद्यार्थी दूरदराज इलाकों से परीक्षा देने आएंगे तो यह दो-तीन दिन का मसला भी हो सकता है, होटल और लॉज की सुविधा फिलहाल नहीं है, ऐसे में छात्र छात्रा कहां रहेंगे यह भी एक बड़ी समस्या है.


विकल्पों पर भी होनी चाहिए थी चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा के आयोजन को लेकर विकल्पों पर भी चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा इसमें राज्य सरकार की भी सहमति लेनी चाहिए, लेकिन केंद्र को इस से कोई लेना देना नहीं है, केंद्र सरकार विद्यार्थियों के स्वास्थ्य सुरक्षा की अनदेखी करते हुए परीक्षा लेने पर अड़ी है, केंद्र सरकार को दोनों परीक्षाएं सुरक्षित तरीके से आयोजित करने के तरीकों पर विचार करना चाहिए, इस पर राज्य सरकार से चर्चा करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात को लेकर भी तैयारी कर रही है की अगर परीक्षाएं होती हैं तो विद्यार्थियों के लिए कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है.

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नीट और जेईई परीक्षा स्थगित करने की मांग को लेकर झारखंड समेत छह राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिव्यू पिटिशन दाखिल किया है. उसी रिव्यू पिटिशन के मद्देनजर मुख्यमंत्री सोरेन और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई है.

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