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रांची: अकुशल शहरी श्रमिकों को रोजगार की गारंटी देगी सरकार, सीएम श्रमिक योजना का शुभारंभ आज

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Published : Aug 13, 2020, 11:44 PM IST

Updated : Aug 14, 2020, 9:08 AM IST

रांची में आज 4:00 बजे मुख्यमंत्री श्रमिक योजना का शुभारंभ किया जाएगा. इस योजना के माध्यम से कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले श्रमिक वर्ग को रोजगार दिया जाएगा.

रांची खबर
मुख्यमंत्री श्रमिक योजना का शुभारंभ कल

रांची: कोरोना ने अगर किसी को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है तो वह श्रमिक वर्ग है. संक्रमण फैला तो रोजी-रोटी छिन गई. लाखों की संख्या में घर लौटे मजदूरों को अब काम चाहिए. ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिकों को रोजगार देने के लिए मनरेगा से जुड़ी योजनाएं कारगर साबित हो रही है.

इसके जरिए चार लाख से ज्यादा रोजगार सृजन किया जा चुका है, लेकिन शहरों में रहने वाले अकुशल श्रमिक बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं. लिहाजा शहरों के अकुशल श्रमिकों को रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज मुख्यमंत्री श्रमिक योजना का शुभारंभ करने जा रहे हैं. प्रोजेक्ट भवन में अपराह्न 4:00 बजे इस योजना का शुभारंभ होगा.

क्या है मुख्यमंत्री श्रमिक योजना
नगर विकास विभाग के नगरीय प्रशासन निदेशालय की तरफ से तैयार किए गए इस योजना का मकसद शहरों के अकुशल श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराना है. इस रोजगार गारंटी योजना को राज्य के सभी 51 नगर निकायों में क्रियान्वित किया जाएगा. इसके अलावा जिला स्तर और राज्य स्तर की योजनाओं में भी रोजगार मिलेगा. मनरेगा की तरह जॉब कार्ड बनेगा. श्रमिक किसी भी प्रज्ञा केंद्र या वेब पोर्टल www.msy.jharkhand.gov.in के जरिए आवेदन दे सकेंगे. जॉब कार्ड 5 वर्ष की अवधि के लिए मान्य होगा. सबसे पहले मजदूरों का डाटा बैंक तैयार किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन के बाद श्रमिकों को 100 दिन कार्य दिवस पाने का हक होगा. सरकार की अकुशल श्रमिकों के लिए पहले से तय न्यूनतम मजदूरी यानी 274 रुपये मिलेंगे. अगर कोई मजदूर 100 दिन के लिए काम मांगेगा और उसे अगर काम नहीं मुहैया कराया गया तो उसे बेरोजगारी भत्ता मिलेगा साथ ही लापरवाह पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी.


इसे भी पढ़ें-रांची: खाद्य प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण, कोविड-19 गाइडलाइन के उल्लंघन पर तीन दुकानों को कराया बंद


किन योजनाओं में मिलेगा काम
शहरी क्षेत्र में सरकार की जो भी योजनाएं चलेंगी उनमें मजदूरों को काम दिया जाएगा. दरअसल, जिस कंपनी को भी सरकारी योजनाओं का टेंडर मिलेगा, वह अब अपने स्तर से मजदूरों को काम पर लगाने के बजाय पोर्टल के जरिए मजदूरों की मांग रखेगी. इस आधार पर इच्छुक मजदूरों को संबंधित काम से जोड़ा जाएगा. इस योजना की लॉन्चिंग के बाद सबसे बड़ी चुनौती श्रमिकों का डाटा बैंक तैयार करना और उन्हें जॉब कार्ड मुहैया कराना. वहीं इस योजना के जरिए रोजगार सृजन की शुरुआत करने का लक्ष्य रखा गया है.

रांची: कोरोना ने अगर किसी को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है तो वह श्रमिक वर्ग है. संक्रमण फैला तो रोजी-रोटी छिन गई. लाखों की संख्या में घर लौटे मजदूरों को अब काम चाहिए. ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिकों को रोजगार देने के लिए मनरेगा से जुड़ी योजनाएं कारगर साबित हो रही है.

इसके जरिए चार लाख से ज्यादा रोजगार सृजन किया जा चुका है, लेकिन शहरों में रहने वाले अकुशल श्रमिक बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं. लिहाजा शहरों के अकुशल श्रमिकों को रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज मुख्यमंत्री श्रमिक योजना का शुभारंभ करने जा रहे हैं. प्रोजेक्ट भवन में अपराह्न 4:00 बजे इस योजना का शुभारंभ होगा.

क्या है मुख्यमंत्री श्रमिक योजना
नगर विकास विभाग के नगरीय प्रशासन निदेशालय की तरफ से तैयार किए गए इस योजना का मकसद शहरों के अकुशल श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराना है. इस रोजगार गारंटी योजना को राज्य के सभी 51 नगर निकायों में क्रियान्वित किया जाएगा. इसके अलावा जिला स्तर और राज्य स्तर की योजनाओं में भी रोजगार मिलेगा. मनरेगा की तरह जॉब कार्ड बनेगा. श्रमिक किसी भी प्रज्ञा केंद्र या वेब पोर्टल www.msy.jharkhand.gov.in के जरिए आवेदन दे सकेंगे. जॉब कार्ड 5 वर्ष की अवधि के लिए मान्य होगा. सबसे पहले मजदूरों का डाटा बैंक तैयार किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन के बाद श्रमिकों को 100 दिन कार्य दिवस पाने का हक होगा. सरकार की अकुशल श्रमिकों के लिए पहले से तय न्यूनतम मजदूरी यानी 274 रुपये मिलेंगे. अगर कोई मजदूर 100 दिन के लिए काम मांगेगा और उसे अगर काम नहीं मुहैया कराया गया तो उसे बेरोजगारी भत्ता मिलेगा साथ ही लापरवाह पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी.


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किन योजनाओं में मिलेगा काम
शहरी क्षेत्र में सरकार की जो भी योजनाएं चलेंगी उनमें मजदूरों को काम दिया जाएगा. दरअसल, जिस कंपनी को भी सरकारी योजनाओं का टेंडर मिलेगा, वह अब अपने स्तर से मजदूरों को काम पर लगाने के बजाय पोर्टल के जरिए मजदूरों की मांग रखेगी. इस आधार पर इच्छुक मजदूरों को संबंधित काम से जोड़ा जाएगा. इस योजना की लॉन्चिंग के बाद सबसे बड़ी चुनौती श्रमिकों का डाटा बैंक तैयार करना और उन्हें जॉब कार्ड मुहैया कराना. वहीं इस योजना के जरिए रोजगार सृजन की शुरुआत करने का लक्ष्य रखा गया है.

Last Updated : Aug 14, 2020, 9:08 AM IST
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