रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड मंत्रालय में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि बच्चे परिवार, राज्य और देश का भविष्य होते हैं. बच्चों को कुपोषण से बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए विभाग पूरी तत्परता, सजगता और प्रतिबद्धता से कार्य करें. राज्य को हर हाल में कुपोषण मुक्त करने की दिशा में कार्य करना है.
आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को खिलाएं अंडा
राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएं. बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए विभाग की तरफ से संचालित सभी योजनाओं को प्रतिबद्धता के साथ लागू करें. राज्य में कुपोषित बच्चों और एनीमिया पीड़ित महिलाओं का सर्वे कर पहचान करें. साथ ही हेल्थ वर्कर्स इनका मेडिकल चेकअप करा कर डाटा तैयार करें. समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पूरक पोषाहार कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को अंडा खिलाने की व्यवस्था करें.
आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषाहार कार्यक्रम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषाहार कार्यक्रम के तहत बच्चों को अंडा खिलाने की भी व्यवस्था करें. बच्चों के खाने में गुणवत्तापूर्ण पोषक आहार देने पर कार्य योजना बनाएं. जो बच्चे शाकाहारी है उन्हें मौसमी फल उपलब्ध कराएं. बच्चे सहित गर्भवती महिलाएं, धात्री माताओं को पूरक पोषाहार उपलब्ध कर लाभांवित करें. टेक होम राशन और गर्म भोजन वितरण कार्यक्रम को मजबूती से लागू करें.
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ आम महिलाओं को भी दें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ आम महिलाओं को भी मिले यह लक्ष्य बनाएं. सभी वर्ग की गर्भवती एवं प्रसूता महिलाओं को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ मिले यह सुनिश्चित करें. इस योजना के सफल संचालन के लिए प्रचार-प्रसार रेडियो, टीवी चैनल, अखबार में करें. बैठक में विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत आर्थिक सहायता मद में वित्तीय वर्ष 2020-21 में उपलब्ध केंद्रांश 1627.47 लाख रुपये एवं राज्यांश 2333.40 लाख रुपये अर्थात कुल 3960.87 लाख के विरुद्ध अबतक 3749.22 लाख व्यय हुई है.
पोषण अभियान योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने पोषण अभियान योजना के कार्य प्रगति में तेजी लाने का निर्देश विभाग के पदाधिकारियों को दिया. बैठक में विभागीय सचिव ने बताया कि पोषण अभियान योजना के तहत वर्ष 2022 तक योजना के क्रियान्वयन अधीन 0 से 6 आयु वर्ग के बच्चों में स्टंटिंग प्रतिशत 38.4 प्रतिशत को घटाकर 25% करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस अभियान से समयबद्ध तरीके से सेवाएं प्रदान करना, ठोस एवं सघन अनुश्रवण एवं हस्तक्षेप की अवसंरचना के लिए तंत्र को सुनिश्चित किया जा रहा है.
सीएम कन्यादान योजना का लाभ
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ अधिक से अधिक गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों के बच्चियों को मिले इस निमित्त लोगों को जागरूक करें. गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजर-बसर करने वाले परिवारों की बच्चियों को शादी के समय सहायता राशि उपलब्ध कराना पुण्य का कार्य है. ऐसे पात्र परिवारों की किशोरियों का एक डाटा भी बनाएं. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के बजट राशि का शत-प्रतिशत खर्च करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों को दिया. विभागीय प्रधान सचिव ने बैठक में जानकारी दी कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत झारखंड राज्य अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की कन्या को विवाह के अवसर पर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 30 हजार रुपये आर्थिक सहायता कन्या के बचत खाता में प्रदान की जाती है. मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की जानकारी देते हुए बताया गया कि महिला सशक्तिकरण बालिका शिक्षा पर जोर एवं बाल विवाह कुप्रथा का अंत के उद्देश्य से मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना के स्थान पर मुख्यमंत्री सुकन्या योजना जनवरी 2019 से प्रारंभ की गई है.
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डायन प्रथा उन्मूलन पर ज्यादा फोकस रखें
मुख्यमंत्री ने कहा कि डायन प्रथा उन्मूलन पर ज्यादा फोकस रखें. जिस क्षेत्र में पिछले 19 सालों में डायन-बिसाइन की ज्यादा घटनाएं हुई हैं. उनका सर्वे करें और इन क्षेत्रों पर व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाएं. विभागीय प्रधान सचिव ने जानकारी दी कि सामाजिक कुरीति निवारण योजना के अंतर्गत डायन प्रथा उन्मूलन के लिए वृहद स्तर पर सेमिनार का आयोजन किया. विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाता है. दहेज प्रथा का अंत एवं विवाह में फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के उद्देश्य से योजना अंतर्गत "सामूहिक विवाह कार्यक्रम" संचालित किया जाता है. अंतिम संस्कार के लिए भी अनुदान दिया जाता है.
बाल संरक्षण योजना के तहत एक मॉडल तैयार करें
मुख्यमंत्री ने बाल संरक्षण योजना की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि बाल संरक्षण योजना के तहत एक मॉडल तैयार करें. जिसमें हर गांव के अनाथ बच्चों की परवरिश के लिए उसी गांव की विधवा बहनों और वैसे व्यक्ति जो परिवार में अकेले हैं उन्हें जोड़ें. इस तरह के मॉडल तैयार होने से बच्चों को एक पारिवारिक माहौल मिलेगा. इससे बच्चों की परवरिश भी अच्छी हो सकेगी और विधवा बहनों, परिवार में अकेले रहने वाले व्यक्तियों को भी सामाजिक सुरक्षा के साथ जोड़ा जा सकेगा. बैठक में महिला हेल्प लाइन योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए विस्तृत चर्चा की गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला हेल्प लाइन योजना को राज्य में मजबूती से लागू करें.
बैठक में मुख्यमंत्री को इन योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी भी दी गई
सामाजिक सुरक्षा सहायता कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री ने सभी प्रकार के पेंशन योजनाओं की विस्तृत जानकारी ली. इसके अलावा किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के अंतर्गत गठित बाल देखरेख संस्थाएं, प्रायोजन एवं पालन पोषण कार्यक्रम के अंत तक स्थिति, तेजस्विनी परियोजना, राष्ट्रीय परिवार हितलाभ योजना, कंबल एवं वस्त्र वितरण योजना, उज्वला योजना, स्वाधार गृह योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, आंगनबाड़ी सेवाएं के लिए 15वें वित्त आयोग का अनुदान, केंद्रीय योजनागत योजना, नशीले पदार्थों के सेवन की रोकथाम के लिए कार्यक्रम, वृद्धजनों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना एवं भारत सरकार से राशि प्राप्ति तथा उसके व्यय की अद्यतन स्थिति एवं क्रियान्वयन की भी जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई.
बैठक में ये लोग रहे मौजूद
बैठक में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, निदेशक समाज कल्याण मनोज कुमार, विशेष सचिव डीके सक्सेना, संयुक्त सचिव बसारत क्यूम, संयुक्त सचिव अनिरुध कुमार सिन्हा सहित संबंधित विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे.