ETV Bharat / state

3rd Wave of Corona: कोरोना की संभावित तीसरी लहर से जंग की तैयारी, सीएम खुद कर रहे हैं मॉनिटरिंग

कोरोना के सेकंड वेव में सैकड़ों घर उजड़ गए. अब थर्ड वेव (3rd Wave of Corona) से सामना होना है. माना जा रहा है कि इस वेव में बच्चों को ज्यादा खतरा हो सकता है. इसे देखते हुए व्यापक तैयारी की जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरोन (CM Hemant Soren) खुद अस्पतालों में की जा रही व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं.

3rd Wave of Corona
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Jun 26, 2021, 5:50 PM IST

Updated : Jun 26, 2021, 6:20 PM IST

रांची: कोरोना के तीसरी लहर (3rd Wave of Corona) को देखते हुए झारखंड सरकार युद्धस्तर पर तैयारियों में लगी है. सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. अधिकारियों को जल्द से जल्द सरकारी अस्पतालों में बच्चों के अनुकूल पेडियेट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) लगाने का निर्देश दिया गया है. सभी जिलों में बाल चिकित्सा, गहन चिकित्सा इकाई की युद्धस्तर पर स्थापना की जा रही है. राज्य के सभी सदर अस्पतालों के अलावा कुछ सीएचसी में पीआईसीयू विकसित किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमित मरीजों को उनके गांव के समीप बेहतर इलाज मुफ्त में मिल सके.

ये भी पढें- Corona: तीसरी लहर को लेकर झारखंड में तैयारी तेज, अस्पतालों में तैयार होंगे PICU और HDU बेड

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भरोसा दिलाया है कि तीसरी लहर (3rd Wave of Corona) के दौरान राज्य सरकार हरसंभव स्वास्थ्य सुविधा तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. दूसरी लहर हमारे लिए एक सबक थी, इसने हमें अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं में खामियों को खोजने में मदद की. इस बार हम खुद को पहले से तैयार कर रहे हैं.

3rd Wave of Corona
बच्चों के लिए तैयार वार्ड

युद्धस्तर पर तैयारी

रांची में 27 बेड का पीआईसीयू वार्ड तैयार हो चुका है और कम से कम 40 और पीआईसीयू बेड का काम चल रहा है. पूर्वी सिंहभूम में 30 पीआईसीयू बेड के विकास का कार्य प्रगति पर है. कोडरमा जिले में 20 बेड की पीआईसीयू सुविधा पूरी हो चुकी है. गिरिडीह और हजारीबाग जिले के विभिन्न सीएचसी और सदर अस्पताल में 130 बिस्तरों वाला सुविधायुक्त बाल वार्ड विकसित हो रहा है. धनबाद और खूंटी में 70 से अधिक पीआईसीयू बेड का काम पूरा होने के करीब है.

ये भी पढ़ें- 3rd Wave of Corona: सावधान! झारखंड में 25 जुलाई तक आएगा कोरोना का थर्ड वेव

बच्चों के मनोरंजन का भी ख्याल

पीआईसीयू वार्डों में अलग-अलग तरह की चाइल्ड फ्रेंडली पेंटिंग की जा रही है. इसके अलावा, बच्चों के लिए तनाव मुक्त वातावरण के लिए टेलीविजन सेट लगाए जा रहे हैं. अस्पतालों के आंगन और वार्डों के गलियारे को बच्चों की चहलकदमी लायक बनाया जा रहा है. कई स्टोरी बुक और अन्य शिक्षण सामग्री के साथ बुकशेल्फ भी स्थापित किए जा रहे हैं. कोडरमा, रांची, धनबाद, जमशेदपुर, गुमला, लातेहार, गिरिडीह जैसे जिले पहले ही पीआईसीयू का काम पूरा कर चुके हैं, जबकि अन्य जिलों में पीआईसीयू का कार्य प्रगति पर है.

3rd Wave of Corona
बच्चों के लिए तैयार वार्ड

दूसरी लहर में इन वेरिएंट से तबाही

अप्रैल से 9 जून 2021 तक राज्य के पांच जिले पूर्वी सिंहभूम, रांची, धनबाद, हजारीबाग और पलामू से 364 कोरोना संक्रमितों का सैंपल होल जीनोम सीक्वेंस के लिए भुवनेश्वर के आईएलएस भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट चौकाने वाली है. 364 सैंपल में से जहां 328 में नॉवेल कोरोना वायरस के खतरनाक म्यूटेंट वैरियंट मिले. जिसमें से 204 में डेल्टा वैरियंट, 63 में कप्पा वैरियंट, 29 में अल्फा वैरियंट और 32 अन्य वैरियंट के थे. धनबाद के सभी 49 सैंपल में म्यूटेंट वैरियंट मिले. वहीं हजारीबाग से भेजे गए 48 सैंपल और पलामू से भेजे गए 30 सैंपल, सभी में म्यूटेंट वैरियंट मिले. जबकि जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) के 163 सैंपल में से 145 और रांची के 74 सैंपल में 56 सैंपल में म्यूटेंट वैरियंट मिले थे.

29 अप्रैल से 5 मई था पीक

झारखंड में अप्रैल और मई महीने में लोगों ने कोरोना की दूसरी लहर के घातक रूप को देखा है. इन 2 महीनों में ही दो लाख से ज्यादा लोग जहां कोरोना संक्रमित हो गए. वहीं 3,900 के करीब लोगों को जान गंवानी पड़ी. 29 अप्रैल से 5 मई वाला सप्ताह कोरोना सेकेंड वेव में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाला सप्ताह रहा. जब हर 100 सैंपल की जांच में 60.25 सैंपल में संक्रमण मिल रहे थे. वर्तमान में यह घटकर 0.33% है. 29 अप्रैल से 5 मई वाले सप्ताह में जहां पॉजिटिविटी रेट सबसे ज्यादा थी, तो इस दौरान मौतें भी सबसे अधिक हुई. इस एक सप्ताह ने राज्य में 951 लोगों की जान ले ली, जबकि वर्तमान में मौत का आंकड़ा प्रति सप्ताह 10 के करीब है.

रांची: कोरोना के तीसरी लहर (3rd Wave of Corona) को देखते हुए झारखंड सरकार युद्धस्तर पर तैयारियों में लगी है. सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. अधिकारियों को जल्द से जल्द सरकारी अस्पतालों में बच्चों के अनुकूल पेडियेट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) लगाने का निर्देश दिया गया है. सभी जिलों में बाल चिकित्सा, गहन चिकित्सा इकाई की युद्धस्तर पर स्थापना की जा रही है. राज्य के सभी सदर अस्पतालों के अलावा कुछ सीएचसी में पीआईसीयू विकसित किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमित मरीजों को उनके गांव के समीप बेहतर इलाज मुफ्त में मिल सके.

ये भी पढें- Corona: तीसरी लहर को लेकर झारखंड में तैयारी तेज, अस्पतालों में तैयार होंगे PICU और HDU बेड

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भरोसा दिलाया है कि तीसरी लहर (3rd Wave of Corona) के दौरान राज्य सरकार हरसंभव स्वास्थ्य सुविधा तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. दूसरी लहर हमारे लिए एक सबक थी, इसने हमें अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं में खामियों को खोजने में मदद की. इस बार हम खुद को पहले से तैयार कर रहे हैं.

3rd Wave of Corona
बच्चों के लिए तैयार वार्ड

युद्धस्तर पर तैयारी

रांची में 27 बेड का पीआईसीयू वार्ड तैयार हो चुका है और कम से कम 40 और पीआईसीयू बेड का काम चल रहा है. पूर्वी सिंहभूम में 30 पीआईसीयू बेड के विकास का कार्य प्रगति पर है. कोडरमा जिले में 20 बेड की पीआईसीयू सुविधा पूरी हो चुकी है. गिरिडीह और हजारीबाग जिले के विभिन्न सीएचसी और सदर अस्पताल में 130 बिस्तरों वाला सुविधायुक्त बाल वार्ड विकसित हो रहा है. धनबाद और खूंटी में 70 से अधिक पीआईसीयू बेड का काम पूरा होने के करीब है.

ये भी पढ़ें- 3rd Wave of Corona: सावधान! झारखंड में 25 जुलाई तक आएगा कोरोना का थर्ड वेव

बच्चों के मनोरंजन का भी ख्याल

पीआईसीयू वार्डों में अलग-अलग तरह की चाइल्ड फ्रेंडली पेंटिंग की जा रही है. इसके अलावा, बच्चों के लिए तनाव मुक्त वातावरण के लिए टेलीविजन सेट लगाए जा रहे हैं. अस्पतालों के आंगन और वार्डों के गलियारे को बच्चों की चहलकदमी लायक बनाया जा रहा है. कई स्टोरी बुक और अन्य शिक्षण सामग्री के साथ बुकशेल्फ भी स्थापित किए जा रहे हैं. कोडरमा, रांची, धनबाद, जमशेदपुर, गुमला, लातेहार, गिरिडीह जैसे जिले पहले ही पीआईसीयू का काम पूरा कर चुके हैं, जबकि अन्य जिलों में पीआईसीयू का कार्य प्रगति पर है.

3rd Wave of Corona
बच्चों के लिए तैयार वार्ड

दूसरी लहर में इन वेरिएंट से तबाही

अप्रैल से 9 जून 2021 तक राज्य के पांच जिले पूर्वी सिंहभूम, रांची, धनबाद, हजारीबाग और पलामू से 364 कोरोना संक्रमितों का सैंपल होल जीनोम सीक्वेंस के लिए भुवनेश्वर के आईएलएस भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट चौकाने वाली है. 364 सैंपल में से जहां 328 में नॉवेल कोरोना वायरस के खतरनाक म्यूटेंट वैरियंट मिले. जिसमें से 204 में डेल्टा वैरियंट, 63 में कप्पा वैरियंट, 29 में अल्फा वैरियंट और 32 अन्य वैरियंट के थे. धनबाद के सभी 49 सैंपल में म्यूटेंट वैरियंट मिले. वहीं हजारीबाग से भेजे गए 48 सैंपल और पलामू से भेजे गए 30 सैंपल, सभी में म्यूटेंट वैरियंट मिले. जबकि जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) के 163 सैंपल में से 145 और रांची के 74 सैंपल में 56 सैंपल में म्यूटेंट वैरियंट मिले थे.

29 अप्रैल से 5 मई था पीक

झारखंड में अप्रैल और मई महीने में लोगों ने कोरोना की दूसरी लहर के घातक रूप को देखा है. इन 2 महीनों में ही दो लाख से ज्यादा लोग जहां कोरोना संक्रमित हो गए. वहीं 3,900 के करीब लोगों को जान गंवानी पड़ी. 29 अप्रैल से 5 मई वाला सप्ताह कोरोना सेकेंड वेव में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाला सप्ताह रहा. जब हर 100 सैंपल की जांच में 60.25 सैंपल में संक्रमण मिल रहे थे. वर्तमान में यह घटकर 0.33% है. 29 अप्रैल से 5 मई वाले सप्ताह में जहां पॉजिटिविटी रेट सबसे ज्यादा थी, तो इस दौरान मौतें भी सबसे अधिक हुई. इस एक सप्ताह ने राज्य में 951 लोगों की जान ले ली, जबकि वर्तमान में मौत का आंकड़ा प्रति सप्ताह 10 के करीब है.

Last Updated : Jun 26, 2021, 6:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.