रांचीः केन्द्र सरकार की तर्ज पर हेमंत सरकार ने झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी 2023 की शुरुआत की है. झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी शुरुआत मोरहाबादी मैदान में आयोजित स्थापना दिवस समारोह के दौरान किया. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने रिमोट का बटन दबाकर झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी सहित चार नीतियों की शुरुआत की.
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झारखंड राज्य स्थापना दिवस पर इन नीतियों की शुरुआत हुई. जिसमें झारखंड एमएसएमई प्रोत्साहन नीति 2023, झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी 2023, झारखंड आईटी, डाटा सेंटर एवं बीपीओ इंवेस्टमेंट प्रमोशन नीति 2023 और झारखंड निर्यात नीति 2023 की शुरुआत राज्य सरकार के द्वारा की गयी है.
झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी- 2023 में यह है खासः झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी- 2023 पांच वर्षों तक क्रियाशील रहेगा. जिसके माध्यम से स्वरोजगार के लिए लोगों को प्रेरित किया गया है. इस नीति के तहत रजिस्टर्ड स्टार्टअप को एक वर्ष के लिए प्रति माह 15 हजार रुपये की वित्तीय सहायता सरकार द्वारा दी जायेगी. महिला, एससी, एसटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांगजन को 2000 रुपया अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जायेंगी. इसके अलावा प्रोटोटाइप के लिए 10 लाख रुपये और उत्पाद को बाजार तक ले जाने के लिए अतिरिक्त वित्तीय मदद मिलेगी. वित्तीय सहायता के अलावे संस्थान को मेंटर भी मुहैया कराई जायेगी.
स्वरोजगार के साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर की संभावनाः सरकार की यह सोच कहीं ना कहीं राज्य में स्वरोजगार के साथ साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है. पांच वर्षों तक इस नीति के जरिए छोटे मोटे उद्योग या कारोबार शुरू करनेवालों को लाभ मिलने की संभावना है. बता दें कि अर्थव्यवस्था की मजबूती में स्टार्टअप्स का अहम योगदान है. यही वजह है कि झारखंड सहित पूरे देश भर में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों के द्वारा इस माध्यम से व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए पॉलिसी बनाई जा रही है. पहले से ही केंद्र सरकार के द्वारा इसको लेकर नीतियां बनी हुई है. नई-नई टेक्नोलॉजी के साथ-साथ छोटे-मोटे घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप नीति के लाभदायक साबित होने की उम्मीद जताई जा रही है.
मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजनाः झारखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड की जनता को सौगात देते हुए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना की शुरुआत की है. नाम के अनुरूप इस योजना के तहत ग्रामीणों को इस योजना का लाभ मिलेगा. इसके तहत समाज के कई ऐसे वर्ग हैं जिन्हें मुफ्त में सफर करने का मौका मिलेगा.
आइये पहले जानते हैं कि वो कौन कौन से ऐसे नागरिक होंगे जिन्हें मुफ्त सफर का लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत 60 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिक, सभी छात्र/छात्रा, मानसिक रुप से विक्षिप्त, नेत्रहीन व्यक्ति, मूक बधिर, दिव्यांगजन, एचआईवी संक्रमित, राज्य सरकार के विधवा पेंशन से आच्छादित महिला और राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त झारखंड आंदोलन शामिल हैं.
जानिए क्या है मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजनाः इस योजना के तहत झारखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था का लाभ स्थानीय लोगों तक पहुंचाना है. राज्य सरकार के इस अभिनव प्रयोग से जहां ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय नागरिकों को लाभ मिलेगा. वहीं ट्रांसपोर्टर जो इस योजना में सहभागी बनेंगे उन्हें भी कई तरह की रियायत देकर लाभान्वित करने की कोशिश सरकार ने की है. सरकार ने नये वाहनों के क्रय पर लगनेवाले वार्षिक ब्याज में 5 प्रतिशत सब्सिडी 5 साल तक देने का प्रावधान किया है.
इसके अलावा रोड टैक्स से जहां छूट दी गई है वहीं गाड़ियों के निबंधन शुल्क एक रुपया, परमिट आवेदन एक रुपया, फिटनेस टेस्ट एक रुपया निर्धारित किया गया है. इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणियों के वाहन के लिए विशेष वित्तीय प्रावधान भी किए गए हैं जिससे ट्रांसपोर्टर इससे जुड़े रहें. सरकार ने इस योजना के तहत 7 से 42 यात्रियों के बैठने वाली वाहनों के संचालन की अनुमति दी है. जिसकी निगरानी गाड़ियों में लगे जीपीएस द्वारा किया जायेगा.