रांची: झारखंड में सीबीआई को किसी भी मामले की जांच से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी. राज्य सरकार ने इस तरह का फैसला क्यों लिया इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाओं की स्थिति क्या है यह किसी से छिपी नहीं है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है, जिसमें आश्चर्य वाली बात हो, राज्य सरकार ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है और यह हमारा कर्तव्य है.
झारखंड के 3 मेडिकल कॉलेजों में आधारभूत संरचना और मैन पावर की कमी का हवाला देकर नेशनल मेडिकल काउंसिल ने नामांकन पर रोक लगा दी है. इस मामले पर सीएम ने कहा कि जहां भी केंद्र के समर्थन वाली सरकार नहीं है, उसे किस तरह से परेशान किया जा रहा है, यह उसी का एक नमूना है, फिर भी छात्रों के भविष्य को देखते हुए नेशनल मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखा गया है, देखना है कि उस तरफ से कैसा जवाब आता है.
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आदिवासियों से जुड़े धर्मकोड को लेकर 11 नवंबर को बुलाए गए विशेष सत्र के बारे में भी मुख्यमंत्री ने बात की. उनसे पूछा गया कि धर्मकोड का नाम आदिवासी/सरना धर्म कोड क्यों रखा गया है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि देशभर के आदिवासियों को कैसे अंकित किया जाए इसे ध्यान में रखकर ऐसा किया गया है.