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झारखंड राज्यसभा चुनाव 2016 हॉर्स ट्रेडिंग मामले में कोई सबूत नहीं, तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता को क्लीन चिट - Rajya Sabha Election 2016

Jharkhand horse trading case. झारखंड राज्यसभा चुनाव 2016 हॉर्स ट्रेडिंग मामले में तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता को सबूत के अभाव में क्लीन चिट दे दी गई है. तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के राजनीतिक सलाहकार अजय कुमार को भी क्लीन चिट मिली है.

Jharkhand horse trading case
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 11, 2024, 10:32 PM IST

Updated : Jan 11, 2024, 10:38 PM IST

रांची: झारखंड राज्यसभा चुनाव 2016 में हुए हॉर्स ट्रेडिंग मामले की जांच में पुलिस ने तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के राजनीतिक सलाहकार अजय कुमार को क्लीन चिट दे दी है.

पुलिस ने दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट: मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में पुलिस की ओर से क्लोजर रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल कर दी गई है. गृह विभाग के अपर सचिव ने मार्च 2018 में रांची के जगरनाथपुर थाने में मामला दर्ज कराया था. यह केस 5 एक साल से ज्यादा समय तक चला. मामले में कोई सबूत नहीं मिलने के बाद रांची पुलिस ने महाधिवक्ता से इस संबंध में राय मांगी. राय मिलने के बाद रांची के सिटी एसपी ने साक्ष्य के अभाव में केस बंद करने का आदेश केस के आईओ को दिया.

क्या है पूरा मामला?: 2016 में राज्यसभा चुनाव के बाद तत्कालीन जेवीएम अध्यक्ष (अब झारखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष) बाबूलाल मरांडी ने एक ऑडियो टेप जारी किया था. उस कथित टेप में तत्कालीन स्पेशल ब्रांच एडीजी अनुराग गुप्ता, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी, उनके पति योगेन्द्र साव थे. इनके बीच बातचीत की बात सामने आयी थी. मामला सामने आने के बाद पूरे मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की गई. प्रथम दृष्टया जांच के बाद आयोग ने एफआईआर का आदेश दिया था.

गृह विभाग के अवर सचिव अवधेश ठाकुर के बयान पर सरकार ने तब मामला दर्ज किया था. राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में 26 मार्च 2016 को तत्कालीन स्पेशल ब्रांच एडीजी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. भारत निर्वाचन आयोग ने कोर्ट के आदेश पर इन दोनों के खिलाफ चुनाव प्रभावित करने से जुड़ी गैर संज्ञेय धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

रांची: झारखंड राज्यसभा चुनाव 2016 में हुए हॉर्स ट्रेडिंग मामले की जांच में पुलिस ने तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के राजनीतिक सलाहकार अजय कुमार को क्लीन चिट दे दी है.

पुलिस ने दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट: मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में पुलिस की ओर से क्लोजर रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल कर दी गई है. गृह विभाग के अपर सचिव ने मार्च 2018 में रांची के जगरनाथपुर थाने में मामला दर्ज कराया था. यह केस 5 एक साल से ज्यादा समय तक चला. मामले में कोई सबूत नहीं मिलने के बाद रांची पुलिस ने महाधिवक्ता से इस संबंध में राय मांगी. राय मिलने के बाद रांची के सिटी एसपी ने साक्ष्य के अभाव में केस बंद करने का आदेश केस के आईओ को दिया.

क्या है पूरा मामला?: 2016 में राज्यसभा चुनाव के बाद तत्कालीन जेवीएम अध्यक्ष (अब झारखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष) बाबूलाल मरांडी ने एक ऑडियो टेप जारी किया था. उस कथित टेप में तत्कालीन स्पेशल ब्रांच एडीजी अनुराग गुप्ता, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी, उनके पति योगेन्द्र साव थे. इनके बीच बातचीत की बात सामने आयी थी. मामला सामने आने के बाद पूरे मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की गई. प्रथम दृष्टया जांच के बाद आयोग ने एफआईआर का आदेश दिया था.

गृह विभाग के अवर सचिव अवधेश ठाकुर के बयान पर सरकार ने तब मामला दर्ज किया था. राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में 26 मार्च 2016 को तत्कालीन स्पेशल ब्रांच एडीजी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. भारत निर्वाचन आयोग ने कोर्ट के आदेश पर इन दोनों के खिलाफ चुनाव प्रभावित करने से जुड़ी गैर संज्ञेय धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

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Last Updated : Jan 11, 2024, 10:38 PM IST
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