रांची: झारखंड सरकार के गठन के बाद मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा भी हो चुका है. पिछली सरकारों में हमेशा से कार्यकर्ताओं की शिकायत देखी गई, कि पद मिलने के बाद मंत्री कार्यकर्ताओं को भूल जाया करते हैं. अब जब गठबंधन की सरकार राज्य में है, तो ऐसे में कांग्रेस कोटे के मंत्री कार्यकर्ताओं को कितना साथ लेकर चलते हैं यह एक बड़ा सवाल है. हालांकि मंत्रियों ने कार्यकर्ताओं को हमेशा साथ लेकर चलने का दावा किया है.
कांग्रेस कोटे के मंत्री बादल पत्रलेख का मानना है कि उन्हें जो जिम्मेवारी मिली है उस पर कार्यकर्ताओं को भी गर्व है. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करके विचार करेंगे कि किस तरह से वह उनके साथ जुड़े रह सकते हैं और उन्हें किस तरह से ऐसा न लगे की मंत्री पद मिलने के बाद वह कार्यकर्ताओं से दूर हो गए हैं. उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र से ज्यादा राज्य की 80 विधानसभा क्षेत्र पर उनका विशेष फोकस होगा, क्योंकि अब वह सिर्फ 1 विधानसभा क्षेत्र के विधायक नहीं बल्कि राज्य के मंत्री हैं.
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मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि पहले ही कार्यकर्ताओं को इससे अवगत करा दिया गया है कि आलाकमान ने जो जिम्मेदारियां सौंपी हैं, उसके निर्वहन करने के लिए पूरे झारखंड के लोगों के सुख-दुख में खड़े रहेंगे. उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं और जनता के आशीर्वाद से ही उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला है. इसलिए सभी को साथ लेकर चलेंगे.
जबकि मंत्री बन्ना गुप्ता ने सीधे तौर पर कहा है कि मंत्री कोई नहीं है, बल्कि सभी कार्यकर्ता हैं, बिना कार्यकर्ता के मंत्री नहीं बना जा सकता है, इसलिए कार्यकर्ता के महत्व, उनकी गरिमा और मान-सम्मान, स्वाभिमान को सुरक्षित रखना हमारा दायित्व है. उन्होंने कहा कि अपने साथियों के सुख में भले ही समय की व्यस्तता से न जा पाऊं, लेकिन दुख में बिना बुलाए भी जरूर जाऊंगा. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता का अपमान करना पार्टी की विचारधारा का अपमान है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का भी अपमान है. इसलिए इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा.