रांचीः झारखंड के कुख्यात गैंगेस्टर अनिल शर्मा को बचाने में दुमका के जेलर नप सकते हैं. दुमका के जेलर ने अनिल शर्मा के बचाव में एक रिपोर्ट दुमका एसपी को सौंपी था. इस रिपोर्ट में अनिल शर्मा का बचाव किया गया था. अब इस मामले में जेलर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए सीआईडी मुख्यालय ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और डीजीपी कमलनयन चौबे को पत्र लिखा है.
सीआईडी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि दुमका जेल के जेलर ने दुमका एसपी को जो रिपोर्ट भेजी थी, वह जांच रिपोर्ट पूरी तरह दिग्भ्रमित करने और कारा में बंद सजायाफ्ता अनिल शर्मा को बचाव करने के उदेश्य से तैयार कराई गई थी.
सीआईडी ने क्या पाया
रांची के रहने वाले गैंगेस्टर अनिल शर्मा को सुरक्षा करणों से हजारीबाग से दुमका केंद्रीय कारा भेजा गया था. दुमका जेल में शिफ्ट किए जाने के बाद अनिल शर्मा ने मोबाइल नंबर 7492020940 से लगातार अपने सहयोगियों से फोन पर बात की. इस दौरान रेलवे ठेकेदारों की हत्या की साजिश और रंगदारी की मांग भी अनिल शर्मा के सहयोगी डब्लू शर्मा ने की थी. डब्लू को इस मामले में चुटिया पुलिस ने जेल भेजा था. वहीं, इस मोबाइल नंबर का सीडीआर और कॉल लोकेशन भी सीआईडी ने निकलवाया. तब जेल की लोकेशन से फोन के इस्तमाल की पुष्टि हुई. इस नंबर के सीडीआर से भी कई सहयोगियों और परिजनों से बातचीत की पुष्टि हुई. ऐेसे में अनिल शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
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क्या थी जेलर की रिपोर्ट
अनिल शर्मा के मोबाइल फोन इस्तमाल किए जाने के मामले में जेलर ने अपनी रिपोर्ट एसपी को दी थी. जेलर ने अपने रिपेार्ट में लिखा था कि अनिल शर्मा को जेल के स्पेशल सेल में रखा गया है, जहां उसकी विशेष मॉनिटरिंग होती है. अनिल शर्मा के जेल में लगाए गए बूथ से ही बातचीत किए जाने की बात जेलर ने लिखी थी. जेलर ने लिखा था कि जेल की बूथ से अनिल शर्मा ने जिस किसी से भी बात की उसकी रिकॉर्डिंग सुनी जा सकती है. जेलर ने इंकार किया कि फोन से किसी से रंगदारी मांगी गई है. जेलर के रिपोर्ट के आधार पर सीआईडी ने उस मोबाइल को की सीडीआर और लोकेशन निकलवाई, जिसके बाद जेलर की रिपोर्ट की गड़बड़ी सामने आ गई थी.