रांचीः सीआईडी की टीम ने धनबाद जिले में छापेमारी कर 3 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. ये विभिन्न बैंकों के फर्जी एप्लीकेशन तैयार कर बेचा करते थे और फिर इसी एप्लीकेशन से साइबर अपराधी ठगी की घटना को अंजाम देते थे.
झारखंड के विभिन्न जिलों में साइबर अपराधियों के द्वारा मोबाइल फोन पर विभिन्न कंपनियों के एप्लीकेशन लिंक भेज कर साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया जाता था. जिसकी जानकारी सीआईडी के साइबर सेल को मिली. जिसके बाद सीआईडी ने छापेमारी करते हुए धनबाद जिले से तीन शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. बैंको के माध्यम से अपराध अनुसंधान विभाग को जानकारी मिल रही थी कि फर्जी मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया जा रहा है और ग्राहकों को लिंक के माध्यम से एसएमएस व्हाट्सएप की जा रही है. जिसके बाद डाटा लेते ही अकाउंट से पैसे की अवैध निकासी की जाती है.
कैसे बचें साइबर अपराधियों से, सीआईडी ने जागरुकता के तहत इन बिंदुओं पर ध्यान देने की बात कही है.
1. किसी अज्ञात मोबाइल नम्बर से कॉल आने पर अपनी कोई निजी जानकारी साझा ना करें.
2. किसी भी अज्ञात नंबर से आये SMS में दिये गये अज्ञात संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें.
3. गूगल प्ले स्टोर का प्रयोग करने से पहले गूगल प्ले प्रोटेक्ट की सुविधा का प्रयोग करें तथा बैंक से संबंधित किसी भी एप्लीकेशन पर संदेह होने पर नजदीकी बैंक शाखा से संपर्क करें.
4. इंटरनेट सर्च इंजन और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिये कस्टमर केयर और हेल्पलाइन नंबर पर भरोसा न करें. कस्टमर केयर के लिए हमेशा ऑफिशियल वेवसाइट पर संपर्क करें.
5. किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गये अननोन लिंक या यूआरएल पर ना क्लिक करें ना ही किसी अन्य नम्बर पर फॉरवाड करें. बैंकों के यूपीआई से संबंधित रजिस्ट्रेशन के लिए बैंकों के ऑफिशियल नंबर से ही मैसेज आता है.
6. साइबर अपराध का शिकार होने पर हेल्पलाईन नम्बर- 1930 तथा ऑनलाईन www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें.
सीआईडी के गिरफ्त में तीन शातिर साइबर ठगों में राजेश कुमार मंडल, राहुल कुमार मंडल और छोटे लाल मंडल शामिल है. राहुल कुमार मंडल बीएससी आईटी का छात्र है और विभिन्न कंपनियों के फर्जी एप्लीकेशन बनाने का काम किया करता था. अन्य 2 लोग इसी एप्लीकेशन को 2000 में अन्य साइबर अपराधियों को बेच देते थे. जिसमें ज्यादातर झारखंड, बिहार, बंगाल सहित कई राज्यों के साइबर अपराधी शामिल हैं जो इस एप्लीकेशन को खरीदते थे. गिरफ्त में आए अपराधियों के पास से 12 मोबाइल चार लैपटॉप दो राउटर सहित कई अन्य सामान बरामद किए गए हैंं. गिरफ्त में आए साबर अपराधियों से पुलिस को कई जानकारी मिली है. फिलहाल अपराधियों के द्वारा कितने लोगों के साथ ठगी की घटना को अंजाम दिया गया और फर्जी एप्लीकेशन किन-किन साइबर अपराधियों को बेची गई है डाटा कलेक्ट किया जा रहा है.