ETV Bharat / state

मुख्य सचिव ने की विकास योजनाओं की समीक्षा, जल्द होगी सुखाड़ को लेकर बैठक

author img

By

Published : Aug 18, 2022, 8:32 PM IST

Chief Secretary Sukhdev Singh ने राज्य में चल रहे विकास योजनाओं में तेजी लाने का निर्देश दिया है. प्रोजेक्ट भवन में प्लानिंग की बैठक में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्होंने यह निर्देश दिया है. हालांकि, सुखाड़ को लेकर होने वाली आपदा की बैठक नहीं हो सकी लेकिन, सुखाड़ पर चर्चा जरूर हुई है.

development plans in Jharkhand
development plans in Jharkhand

रांची: झारखंड में चल रहे विभिन्न विकास योजनाओं को लेकर गुरुवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह (Chief Secretary Sukhdev Singh) ने बैठक की. इस बैठक में राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त वीडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए जुड़े. प्रोजेक्ट भवन में हुई इस बैठक में कृषि सचिव अबु बकर सिद्यिकी सहित विभिन्न विभागों के आला अधिकारी मौजूद थे. योजना विभाग की इस बैठक में कार्मिक, स्कूली शिक्षा, ग्रामीण विकास, पेयजल, कृषि सहित विभिन्न विभागों के कामकाज और योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की गई. बैठक के दौरान सुखाड़ को लेकर भी चर्चा हुई.

इसे भी पढ़ें: 11 सितंबर को होगा झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स का चुनाव, कार्यकारिणी की बैठक में फैसला

मुख्य सचिव ने दिए यह निर्देश: मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने योजनाओं को जमीन पर उतारने में आ रही किसी भी तरह की परेशानी के बारे में जानने की कोशिश की. इस दौरान उन्होंने समन्वय बनाकर विभागीय स्तर पर आ रही परेशानी को दूर करने का निर्देश दिया. साथ ही लंबित योजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने के निर्देश भी दिया गया.

नहीं हो सकी सुखाड़ पर आपदा प्राधिकरण की बैठक: सुखाड़ को लेकर आपदा प्रबंधन की बैठक भी होनी थी जो नहीं हो सकी. हालांकि योजना विभाग की समीक्षा बैठक में इसपर चर्चा जरूर हुई. बाद में आपदा सचिव अमिताभ कौशल और कृषि सचिव अबु बकर सिद्दकी मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से मुलाकात कर इस पर चर्चा की. माना जा रहा है कि कुछ जिलों से रिपोर्ट नहीं आने की वजह से बैठक टालना पड़ा है. एक दो दिनों में जिलों से रिपोर्ट आने के बाद आपदा प्राधिकरण की बैठक होगी.

केंद्र को भेजी जाएगी रिपोर्ट: कृषि सचिव अबु बकर सिद्यिकी ने कहा है कि जल्द ही केंद्र को रिपोर्ट भेजी जायेगी. मालूम हो कि झारखंड को इस बार मॉनसून की दगाबाजी झेलने को मिली है. राज्य के जिलों में इस बार औसत से 40% कम बारिश हुई है. इसका परिणाम यह हुआ कि राज्य के अधिकांश जिले सूखे की चपेट में है. जानकारी के अनुसार राज्य में 18 लाख हेक्टेयर भूमि पर हर साल धान की खेती होती थी लेकिन, इस बार 5 लाख हेक्टेयर से भी कम भूमि पर धान की खेती हो पाई है जो अनुमान से लगभग 30% ही है.

रांची: झारखंड में चल रहे विभिन्न विकास योजनाओं को लेकर गुरुवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह (Chief Secretary Sukhdev Singh) ने बैठक की. इस बैठक में राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त वीडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए जुड़े. प्रोजेक्ट भवन में हुई इस बैठक में कृषि सचिव अबु बकर सिद्यिकी सहित विभिन्न विभागों के आला अधिकारी मौजूद थे. योजना विभाग की इस बैठक में कार्मिक, स्कूली शिक्षा, ग्रामीण विकास, पेयजल, कृषि सहित विभिन्न विभागों के कामकाज और योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की गई. बैठक के दौरान सुखाड़ को लेकर भी चर्चा हुई.

इसे भी पढ़ें: 11 सितंबर को होगा झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स का चुनाव, कार्यकारिणी की बैठक में फैसला

मुख्य सचिव ने दिए यह निर्देश: मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने योजनाओं को जमीन पर उतारने में आ रही किसी भी तरह की परेशानी के बारे में जानने की कोशिश की. इस दौरान उन्होंने समन्वय बनाकर विभागीय स्तर पर आ रही परेशानी को दूर करने का निर्देश दिया. साथ ही लंबित योजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने के निर्देश भी दिया गया.

नहीं हो सकी सुखाड़ पर आपदा प्राधिकरण की बैठक: सुखाड़ को लेकर आपदा प्रबंधन की बैठक भी होनी थी जो नहीं हो सकी. हालांकि योजना विभाग की समीक्षा बैठक में इसपर चर्चा जरूर हुई. बाद में आपदा सचिव अमिताभ कौशल और कृषि सचिव अबु बकर सिद्दकी मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से मुलाकात कर इस पर चर्चा की. माना जा रहा है कि कुछ जिलों से रिपोर्ट नहीं आने की वजह से बैठक टालना पड़ा है. एक दो दिनों में जिलों से रिपोर्ट आने के बाद आपदा प्राधिकरण की बैठक होगी.

केंद्र को भेजी जाएगी रिपोर्ट: कृषि सचिव अबु बकर सिद्यिकी ने कहा है कि जल्द ही केंद्र को रिपोर्ट भेजी जायेगी. मालूम हो कि झारखंड को इस बार मॉनसून की दगाबाजी झेलने को मिली है. राज्य के जिलों में इस बार औसत से 40% कम बारिश हुई है. इसका परिणाम यह हुआ कि राज्य के अधिकांश जिले सूखे की चपेट में है. जानकारी के अनुसार राज्य में 18 लाख हेक्टेयर भूमि पर हर साल धान की खेती होती थी लेकिन, इस बार 5 लाख हेक्टेयर से भी कम भूमि पर धान की खेती हो पाई है जो अनुमान से लगभग 30% ही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.