रांचीः झारखंड विधानसभा मानसून सत्र के समापन से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में घोषणा की है कि एक महीने के अंदर सरकार के सभी विभागों में नियुक्ति प्रक्रिया तेज की जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे राज्य के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिलने की संभावना है.
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मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि नई उद्योग नीति से राज्य को काफी लाभ मिलेगा और रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी. कोरोना की विभीषिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों को मुफ्त राशन और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पांच लाख बिरसा किसानों को केसीसी लोन दिया जायेगा. इसमें दो लाख किसानों को लोन दिया जा चुका है.
ग्रामीणों को बनाया जाएगा आत्मनिर्भर
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर सरकार ने कई योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि रेशम उद्योग और लाह उद्योग जैसे वन उपज से ग्रामीणों को लाभ पहुंचाने के लिए सिदो कान्हू कृषि एवं वन उत्पाद महासंघ का निर्माण किया है. कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए 100 किसान पाठशाला तैयार की जा रही है. बिजली व्यवस्था पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में इस बार बिजली बिल को लेकर कोई भी सवाल नहीं पूछा गया है. उन्होंने कहा कि गिरिडीह को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है और गेतलसूद में फ्लोटिंग सोलर ग्रिड तैयार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने हड़िया दारू बेचनेवाली महिलाओं की लाचारी पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की पहल से 12 हजार महिलाओं को हड़िया दारू बेचने से मुक्ति मिली है. इसके साथ ही 10 रुपये में धोती और साड़ी देकर गरीबों का तन ढका है.
10 हजार करोड़ के निवेश का आया प्रस्ताव
उद्योग नीति पर विपक्ष की आलोचना पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयास से 10 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव आया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पढ़े-लिखे होनहार खिलाड़ियों को सीधी नियुक्तियां दी है. उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद से ही नियुक्ति में गड़बड़ी होती रही है. नियमावली के अभाव में कई त्रुटियां होती रहती थी. इसको दुरुस्त करते हुए कार्मिक विभाग के जरिए नियुक्ति प्रक्रिया संचालित करवाई है.
केंद्र पर मुख्यमंत्री ने साधा निशाना
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार बैंकों में जमा हमारे पैसे बिना जानकारी दिए ले लेती है. प्राकृतिक संसाधन से भरा यह प्रदेश भले ही धनी हो, लेकिन यहां के लोग गरीब हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में बुनियादी सुविधाएं नहीं दी गई. मानसून सत्र के दौरान सदन में विपक्ष के हंगामा पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जेएसएससी की परीक्षाओं में क्षेत्रीय भाषा को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं. यदि यहां के क्षेत्रीय भाषाओं को संरक्षित नहीं किया जायेगा, तो जनजातियों की पहचान ही समाप्त हो जायेगी.