रांची: महापर्व छठ को लेकर राजधानी रांची छठमय हो गयी है. छठ व्रतियों और उनके परिजन प्रसाद के रूप में इस्तेमाल होने वाले फलों, केला, नारियल, घाघल नींबू, गन्ना, गाजर, हल्दी, सूप , दउरा की खरीदारी कर रहे हैं. हर साल की तरह इस वर्ष भी शहीद चौक स्थित जिला स्कूल परिसर में छठ पूजा का विशेष बाजार सजा हुआ है. जहां बड़ी संख्या में फल फूल से लेकर गन्ना, सूप दउरा खरीदने के लिए लोग पहुंच रहे हैं.
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रांची के जिला स्कूल परिसर में लगे विशेष छठ बाजार में केला का घौद का भाव 400 रुपए के करीब है. वहीं हिमाचल सेब 60 रुपए से 80 रुपए किलो, नारियल और घाघल नींबू प्रति इकाई 20 रुपए से 30 रुपए बिक रहे हैं. इसी तरह सामान्य दिनों से भी कम कीमत पर पानी फल (सिंघाड़ा) सिर्फ 30-40 रुपए किलो बिक रहा है.
संतरा 40 से 50 रुपये किलो बाजार में उपलब्ध है, वहीं बेर 80 रुपये किलो और नाशपाती 100 रुपए किलो की दर से बिक रहा है. छठ पूजा में गन्ना यानी ईख का बहुत महत्व होने के बावजूद छठ बाजार में बेहतरीन किस्म का गन्ना प्रति इकाई 25 से 30 रुपये बिक रहा है. लगभग 16 किलोमीटर दूर से गाजर लेकर ठाकुरगांव से जिला स्कूल पहुंचे युवा किसान प्रदीप ने बताया कि इस बार के छठ बाजार की स्थिति ठीक नहीं है, बिक्री कम हो रही है. छठ पूजा में उपयोग आने वाले गाजर का भाव 10 रुपए मुट्ठी भी नहीं मिल रहा है. फल बेचने आये अवधेश कहते हैं कि मांग से ज्यादा बाजार में फल आ गए हैं लिहाजा भाव कम हो गया और नुकसान उठाना पड़ रहा है.
जिला स्कूल परिसर में 70 से 90 रुपए प्रति सूप, 120 से 280 रुपए प्रति पीस दउरा और 350 से 450 रुपए प्रति पीस दउरी (डबल लेयर) बेच रही मुन्नी देवी कहती हैं कि थोक में ही महंगा में यह मिला है, लेकिन यहां सस्ते की डिमांड है. ऐसे में नुकसान उठाना पड़ेगा, इसे अगले एक साल तक रखा नहीं जा सकता.
इस बार भाव बढ़िया, महंगाई से मिली है राहत- खरीददार: जिला स्कूल परिसर में छठ की खरीददारी करने आई ममता देवी कहती हैं कि इस बार खरीददारों को महंगाई से राहत मिली है. सभी सामान का रेट ठीक ठाक है. विक्रेताओं को नुकसान उठाना पड़ रहा है, इस सवाल के जवाब में ममता कहती हैं कि बेचने वाला कभी नहीं कहता है कि वह फायदा कमा रहा है.