रांची: झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स ने FICCI को नेशनल इंडस्ट्री पार्टनर बनाए जाने पर खुशी जाहिर की है, लेकिन चैंबर का मानना है कि सरकार की ओर से यह अच्छी पहल की गई है, लेकिन इसके लिए लगातार रिव्यू की जरूरत है. ताकि योजनाएं सही मायने में धरातल पर उतर सके.
जब तक इसकी जानकारी नहीं होगी. योजनाओं को धरातल पर उतारना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह अच्छी सोच के साथ रघुवर दास ने मोमेंटम झारखंड का आयोजन किया, लेकिन ग्राउंड रियलिटी क्या है यह किसी से छुपी हुई नहीं है. हजारों करोड़ का एमओयू हुआ. झारखंड राज्य खनिज संपदा के मामले में भी संपन्न है, लेकिन 20 साल में अन्य नए राज्यों की तरह झारखंड स्टैंड नहीं कर पाया है.
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इंप्लीमेंटेशन टाइमबॉन्ड
कुणाल अजमानी ने कहा कि किसी भी इकोनॉमी के लिए लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉस मायने रखती है. इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. साथ ही पुराने बंद पड़े उद्योग को कैसे शुरू किया जाएं. इस पर भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर कोई हर सेक्टर का जानकार नहीं होता है.
इसलिए स्थानीय उद्यमियों से वार्ता करनी चाहिए और प्रत्येक महीने रिव्यू मीटिंग रखनी चाहिए. ताकि यह पता चल सके कि कहां खामियां हैं और क्या प्रोग्रेस हो रहा है. उन्होंने कहा कि अच्छे पॉलिसी बनाने के बाद इसका इंप्लीमेंटेशन टाइमबॉन्ड तरीके से नहीं होगा तो दुनिया के किसी भी फोरम से टाइअप कर लेने से यह सिर्फ इवेंट बनकर रह जाएगा, जो 20 सालों से दिख रहा है.