रांची: झारखंड के विभिन्न जिलों में बिजली आपूर्ति कर रही दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) का बकाया राज्य सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. आए दिन बकाये को लेकर डीवीसी और राज्य सरकार में विवाद देखने को मिलता है. अब केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दामोदर घाटी निगम का बकाया वसूलने के लिए राज्य के खाते से 714 करोड़ रुपये काट लिए हैं.
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ऊर्जा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि डीवीसी का बकाया वसूलने के लिए फिर से 700 करोड़ रुपये की कटौती राज्य सरकार के खाते से की गई है. इससे पहले अक्टूबर में डीवीसी का बकाया वसूलने के लिए राज्य सरकार के खाते से 1400 करोड़ रुपये काट लिए गए थे, जिसको लेकर राज्य सरकार ने कड़ा विरोध भी जताया था.
गौरतलब है कि वर्तमान में कोरोना के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं है. ऐसे में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार के खाते से 700 करोड़ रुपये काट लेना कहीं न कहीं राज्य सरकार के लिए आर्थिक समस्या पैदा कर सकती है.
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को दिया झटका, खाते से डीवीसी का 714 करोड़ रुपये बकाया काटा - दामोदर वैली कॉरपोरेशन
झारखंड के विभिन्न जिलों में बिजली आपूर्ति कर रही दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) का बकाया राज्य सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. केंद्र सरकारा ने राज्य सरकार के खाते से डीवीसी का 714 करोड़ रुपये बकाया काट लिया है.
रांची: झारखंड के विभिन्न जिलों में बिजली आपूर्ति कर रही दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) का बकाया राज्य सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. आए दिन बकाये को लेकर डीवीसी और राज्य सरकार में विवाद देखने को मिलता है. अब केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दामोदर घाटी निगम का बकाया वसूलने के लिए राज्य के खाते से 714 करोड़ रुपये काट लिए हैं.
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ऊर्जा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि डीवीसी का बकाया वसूलने के लिए फिर से 700 करोड़ रुपये की कटौती राज्य सरकार के खाते से की गई है. इससे पहले अक्टूबर में डीवीसी का बकाया वसूलने के लिए राज्य सरकार के खाते से 1400 करोड़ रुपये काट लिए गए थे, जिसको लेकर राज्य सरकार ने कड़ा विरोध भी जताया था.
गौरतलब है कि वर्तमान में कोरोना के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं है. ऐसे में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार के खाते से 700 करोड़ रुपये काट लेना कहीं न कहीं राज्य सरकार के लिए आर्थिक समस्या पैदा कर सकती है.