रांचीः गिरिडीह डिविजन के गिरिडीह प्रधान डाकघर और गिरिडीह टाउन के उप डाकघर में जमा 11.64 करोड़ रूपये की फर्जी निकासी का मामला सामने आया है. फर्जी निकासी के संबंध में डाक महाध्यक्ष शशि शालिनी कुजूर ने सीबीआई जांच की अनुसंशा की थी. इस संबंध में एक पत्र डीजीपी कमलनयन चौबे को भी भेजा गया था, जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने गिरिडीह एसपी को पत्र भेजकर एक प्रतिवेदन की मांग की थी.
सूत्रों के मुताबिक, फर्जी निकासी की रकम तीन करोड़ से अधिक है. ऐसे में सीबीआई इस मामले में एफआईआर दर्ज करेगी. सीबीआई धनबाद, एसीबी इस संबंध में जल्द ही एफआईआर दर्ज कर सकती है.
क्या है मामला
गिरिडीह के डाकघरों से फर्जी निकासी के मामले में गिरिडीह प्रधान डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार और मो अलताफ को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई व राज्य पुलिस मुख्यालय को भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिकि, गिरिडीह प्रधान डाकघर और अधीनस्थ डाकघरों में 3 अक्तूबर 2016 से 30 सितंबर 2019 के बीच फर्जीवाड़ा कर पैसे की निकासी हुई है. इस मामले में अक्तूबर महीने में ही गिरिडीह थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी.
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कैसे की गड़बड़ी
गिरिडीह प्रधान डाकघर के अधीन उपडाकघरों से डिमांड ड्राफ्ट को दोबारा-तीबारा इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, जमा खाता धारकों के डिमांड ड्राफ्ट को गिरिडीह के सहायक डाकपाल व्यक्तिगत खातों में जमा करा देते थे. जिन व्यक्तिगत खातों में पैसे जमा होते थे, उन खातों की फाइनल रिपोर्ट रोजाना के शाम की रिपोर्ट में ट्रेजरी को नहीं भेजी जाती थी. इस तरह डिमांड ड्राफ्ट के दोबारा इस्तेमाल कर 11.64 करोड़ की निकासी कर ली गई. डाकघर के उपडाकपाल बासुदेव दास ने अपनी आंतरिक रिपोर्ट में गड़बड़ी की पुष्टि कर दी है.
किस-किस के व्यक्तिगत खाते में जमा हुए पैसे
रिपोर्ट के मुताबिक ताजुद्दीन अंसारी, मो समीर अहमद, रूखसाना बेगम, राम प्रवेश सिंह, लोथा हेंब्रम, गोपाल यादव, मगधा हांसदा, मो मकसुद आलम, मो आरिफ, कमलकांत पासवान, रोहित राय, मो नौशाद आलम, सच्चिदानंद सिंह के खातों में करोड़ों रूपये जमा किए गए थे. सात अवर्गीकृत खातों में भी अलग अलग तारीखों में पैसे जाम किए गए हैं.