ETV Bharat / state

चिटफंड केस में CBI ने दर्ज की FIR, झारखंड-बिहार में कंपनी कर रही थी ठगी

सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने चिटफंड घोटाले से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज की है. मामले में एक करोड़ से अधिक की ठगी की गई है. सीबीआई ने रिलायबल मल्टी मैनेजरियल सर्विस लिमिटेड कोलकाता और उसके अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

CBI registers FIR in Reliable Multi Managerial Service Limited Kolkata Chit fund case
सीबीआई
author img

By

Published : Jan 9, 2020, 1:12 AM IST

रांची: सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने चिटफंड घोटाले से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज की है. एक करोड़ से अधिक की ठगी के मामले में सीबीआई ने रिलायबल मल्टी मैनेजरियल सर्विस लिमिटेड कोलकाता और उसके अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

CBI ने किया केस टेकओवर
कंपनी ने बिहार के पटना स्थित जवाहर नगर, नवादा के सीताराम कांप्लेक्स और गिरिडीह के गावां में ब्रांच आफिस खोला था. कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय कर्माकर, निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ए मजूमदार, बिजनेस डेवलपमेंट अफसर मुकेश कुमार वर्मा, पिहरा ब्रांच के ब्रांच मैनेजर दीपांकर दास समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है. कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ 19 दिसंबर 2019 को गिरिडीह के गावां थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसी एफआईआर को सीबीआई ने टेकओवर किया है.

ये भी देखें- सरयू राय की मांग, योजनाओं का फिजिकल ऑडिट भी कराए सरकार

क्या है मामला
रिलायबल मल्टी मैनेजरियल सर्विस लिमिटेड कोलकाता ने गिरिडीह में साल 2009 में दफ्तर खोला था. दफ्तर खोले जाने के बाद यहां विकास चौधरी, मो. नासिर, रंजू देवी, मजहर आलम, मो. अलाउद्दीन, बालेश्वर मिस्त्री, संतोष कुमार, मो. शमशाद आलम को बतौर एजेंट रखा गया था. विकास चौधरी ने गावां थाना को दिए एफआईआर में बताया था कि साल 2012 तक कंपनी ने एक करोड़ रूपए एजेंटों के जरिए लिए थे.

कैसे की ठगी
कंपनी के एजेंटों के मुताबिक, कंपनी के निदेशकों ने प्रलोभन दिया था कि वह दैनिक और मासिक जमा राशि के एवज में बैंकों से अधिक सूद और रिफंड देंगे. कंपनी के लोगों ने कंपनी के आरबीआई और सेवी से निबंधन की बात भी कही थी, हालांकि बाद में कंपनी भाग गई. कंपनी का गिरिडीह स्थित दफ्तर गावां थाना क्षेत्र के पिहरा मानपुर में अजय कुमार वर्णवाल के मकान में खोला गया था. कंपनी के लोगों के फरार होने के बाद थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी. हाइकोर्ट के एक आदेश के आधार पर सीबीआई ने केस को टेकओवर किया है.

रांची: सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने चिटफंड घोटाले से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज की है. एक करोड़ से अधिक की ठगी के मामले में सीबीआई ने रिलायबल मल्टी मैनेजरियल सर्विस लिमिटेड कोलकाता और उसके अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

CBI ने किया केस टेकओवर
कंपनी ने बिहार के पटना स्थित जवाहर नगर, नवादा के सीताराम कांप्लेक्स और गिरिडीह के गावां में ब्रांच आफिस खोला था. कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय कर्माकर, निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ए मजूमदार, बिजनेस डेवलपमेंट अफसर मुकेश कुमार वर्मा, पिहरा ब्रांच के ब्रांच मैनेजर दीपांकर दास समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है. कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ 19 दिसंबर 2019 को गिरिडीह के गावां थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसी एफआईआर को सीबीआई ने टेकओवर किया है.

ये भी देखें- सरयू राय की मांग, योजनाओं का फिजिकल ऑडिट भी कराए सरकार

क्या है मामला
रिलायबल मल्टी मैनेजरियल सर्विस लिमिटेड कोलकाता ने गिरिडीह में साल 2009 में दफ्तर खोला था. दफ्तर खोले जाने के बाद यहां विकास चौधरी, मो. नासिर, रंजू देवी, मजहर आलम, मो. अलाउद्दीन, बालेश्वर मिस्त्री, संतोष कुमार, मो. शमशाद आलम को बतौर एजेंट रखा गया था. विकास चौधरी ने गावां थाना को दिए एफआईआर में बताया था कि साल 2012 तक कंपनी ने एक करोड़ रूपए एजेंटों के जरिए लिए थे.

कैसे की ठगी
कंपनी के एजेंटों के मुताबिक, कंपनी के निदेशकों ने प्रलोभन दिया था कि वह दैनिक और मासिक जमा राशि के एवज में बैंकों से अधिक सूद और रिफंड देंगे. कंपनी के लोगों ने कंपनी के आरबीआई और सेवी से निबंधन की बात भी कही थी, हालांकि बाद में कंपनी भाग गई. कंपनी का गिरिडीह स्थित दफ्तर गावां थाना क्षेत्र के पिहरा मानपुर में अजय कुमार वर्णवाल के मकान में खोला गया था. कंपनी के लोगों के फरार होने के बाद थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी. हाइकोर्ट के एक आदेश के आधार पर सीबीआई ने केस को टेकओवर किया है.

Intro:चिटफंड केस में सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर ,झारखंड- बिहार में कंपनी कर रही थी ठगी

रांची।
सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने चिटफंड घोटाले से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज की है। एक करोड़ से अधिक की ठगी के मामले में सीबीआई ने रिलायबल मल्टी मैनेजरियल सर्विस लिमिटेड कोलकाता और उसके अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

सीबीआई ने किया केस टेकओवर
कंपनी के द्वारा बिहार के पटना स्थित जवाहर नगर, नवादा के सीताराम कांप्लेक्स और गिरिडीह के गावां में ब्रांच आफिस खोला गया था। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय कर्माकर, निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ए मजूमदार, बिजनेस डेवलपमेंट अफसर मुकेश कुमार वर्मा, पिहरा ब्रांच के ब्रांच मैनेजर दीपांकर दास समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है। कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ 19 दिसंबर 2019 को गिरिडीह के गावां थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसी एफआईआर को सीबीआई ने टेकओवर किया है।

क्या है मामला
रिलायबल मल्टी मैनेजरियल सर्विस लिमिटेड कोलकाता ने गिरिडीह में साल 2009 में दफ्तर खोला था। दफ्तर खोले जाने के बाद यहां विकास चौधरी, मो नासिर, रंजू देवी, मजहर आलम, मो अलाउद्दीन, बालेश्वर मिस्त्री, संतोष कुमार, मो शमशाद आलम को बतौर एजेंट रखा गया था। विकास चौधरी ने गावां थाना को दिए एफआईआर में बताया था कि साल 2012 तक कंपनी ने एक करोड़ रूपये एजेंटों के जरिए लिए।

कैसे की ठगी
कंपनी के एजेंटों के मुताबिक, कंपनी के निदेशकों ने प्रलोभन दिया था कि वह दैनिक व मासिक जमा राशि के एवज में बैंकों से अधिक सूद व रिफंड देंगे। कंपनी के लोगों ने कंपनी के आरबीआई और सेवी से निबंधन की बात भी कही थी। हालांकि बाद में कंपनी भाग गई। कंपनी का गिरिडीह स्थित दफ्तर गावां थाना क्षेत्र के पिहरा मानपुर में अजय कुमार वर्णवाल के मकान में खोला गया था। कंपनी के लोगों के फरार होने के बाद थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी। हाईकोर्ट के एक आदेश के आधार पर सीबीआई ने केस को टेकओवर किया।Body:1Conclusion:2
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.