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CBI कोर्ट से निफ्ट के सुप्रीटेंडेंट, रजिस्ट्रार समेत तीन को सजा, 11.35 लाख रुपए का हुआ था घोटाला - NIFT

साल 2005-06 में लाइंस सिक्योरिटी एजेंसी घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट ने निफ्ट के सुप्रीटेंडेट राजेश्वर प्रसाद सिन्हा, रजिस्ट्रार विजय बहादुर सिंह और लाइंस सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक हेमंत कुमार सिन्हा को सजा सुनाई.

रांची सिविल कोर्ट
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Published : Sep 5, 2019, 10:48 AM IST

रांची: कोर्ट से निफ्ट के सुप्रीटेंडेंट राजेश्वर प्रसाद सिन्हा, रजिस्ट्रार विजय बहादुर सिंह और लाइंस सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक हेमंत कुमार सिन्हा को सजा सुनाई है. मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके मिश्रा की अदालत ने रजिस्ट्रार और सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक को 4-4 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर 2 साल अतिरिक्त सजा काटनी होगी. वहीं सुप्रीटेंडेंट को 3 साल की सजा और 30 हजार रुपये का जुर्माना लगा है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर डेढ़ साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

देखें पूरी खबर


साल 2005-06 में लाइंस सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा 11.35 लाख रुपए के घोटाले का मामला निफ्ट के दोनों अधिकारियों की मिलीभगत से उजागर हुई थी. निफ्ट के निदेशक ने सिक्योरिटी गार्ड के लिए निविदा निकाली थी. 90 प्रतिशत सिक्योरिटी गार्ड भूतपूर्व सैनिक होंगे लेकिन एजेंसी ने उस शर्त का पालन नहीं किया और नियुक्ति पर घोटाला किया. इसमें सुप्रीटेंडेंट और रजिस्ट्रार की मिलीभगत की बात सामने आई थी. मामले में सीबीआई ने जांच कर रिपोर्ट अदालत में सौंपी. सीबीआई की अदालत ने 28 अगस्त को तीनों को दोषी करार दिया था.

रांची: कोर्ट से निफ्ट के सुप्रीटेंडेंट राजेश्वर प्रसाद सिन्हा, रजिस्ट्रार विजय बहादुर सिंह और लाइंस सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक हेमंत कुमार सिन्हा को सजा सुनाई है. मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके मिश्रा की अदालत ने रजिस्ट्रार और सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक को 4-4 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर 2 साल अतिरिक्त सजा काटनी होगी. वहीं सुप्रीटेंडेंट को 3 साल की सजा और 30 हजार रुपये का जुर्माना लगा है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर डेढ़ साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

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साल 2005-06 में लाइंस सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा 11.35 लाख रुपए के घोटाले का मामला निफ्ट के दोनों अधिकारियों की मिलीभगत से उजागर हुई थी. निफ्ट के निदेशक ने सिक्योरिटी गार्ड के लिए निविदा निकाली थी. 90 प्रतिशत सिक्योरिटी गार्ड भूतपूर्व सैनिक होंगे लेकिन एजेंसी ने उस शर्त का पालन नहीं किया और नियुक्ति पर घोटाला किया. इसमें सुप्रीटेंडेंट और रजिस्ट्रार की मिलीभगत की बात सामने आई थी. मामले में सीबीआई ने जांच कर रिपोर्ट अदालत में सौंपी. सीबीआई की अदालत ने 28 अगस्त को तीनों को दोषी करार दिया था.

Intro:रांची
बाइट---अधिवक्ता

रांची सिविल कोर्ट से निफ्ट के सुपरिंटेंडेंट राजेश्वर प्रसाद सिन्हा रजिस्टार विजय बहादुर सिंह तथा लाइंस सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक हेमंत कुमार सिन्हा को हुई सजा। मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके मिश्रा की अदालत रजिस्टर और सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक को 4-4 साल की सजा सुनाई है साथ ही 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है जुर्माना की राशि नहीं देने पर 2 साल अतिरिक्त सजा काटनी होगी वही सुपरिंटेंडेंट को 3 साल की सजा और 30 हजार रुपये का जुर्माना लगा है जुर्माना की राशि नहीं देने पर डेढ़ साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी


Body:वर्ष 2005-06 में लाइंस सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा 11.35 लाख रुपए के घोटाले का मामला निफ्ट के दोनों अधिकारियों की मिलीभगत से उजागर हुई थी। निफ्ट के निदेशक सिक्योरिटी गार्ड के लिए निविदा निकाली थी 90% सिक्योरिटी गार्ड भूतपूर्व सैनिक होंगे लेकिन एजेंसी ने उस शर्त का पालन नहीं किया और नियुक्ति पर घोटाला किया इसमें सुपरिटेंडेंट व रजिस्ट्रार की मिलीभगत की बात सामने आई थी मामले पर सीबीआई के द्वारा जांच कर रिपोर्ट अदालत में सौंपी गई।मामले में सीबीआई की अदालत के द्वारा 28 अगस्त को तीनों को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया गया थाConclusion:
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