रांची: वैश्विक महामारी कोरोना से पूरा देश परेशान है. इसमें सबसे अधिक परेशानी मजदूर वर्ग के लोगों को झेलनी पड़ रही है. रविवार को ईटीवी भारत की टीम राजधानी रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड पहुंची, जहां बस-ट्रक चालकों के साथ साथ खलासी और कुली के हाल को जाना. पेश है रिपोर्ट
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बस स्टैंड पर काम करने वाले लोगों की परेशानी कोरोना ने बढ़ा दी है. बस चालकों का कहना है कि देर रात तक बस चलाकर स्टैंड पहुंचते हैं तो भोजन नहीं मिलता है. इसकी वजह है कि कोरोना के चलते लगा लॉकडाउन, इसी की वजह से कई होटल संचालकों ने होटल बंद कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि मजबूरन हम लोगों को खुद से खाना बनाना पड़ रहा है. बस मालिकों की ओर से कोई मदद नहीं की जा रही है.
बस स्टैंड में होटल खोले रखने की मांग
चालक कल्याण संघ के सचिव बजरंगी सिंह कहते हैं कि सरकार की ओर से परिवहन सेवा को बंद नहीं किया गया है. उन्होंने सरकार से अपील की है कि जिस तरह से नेशनल हाईवे पर होटल और ढाबा खुले हैं, वैसे ही बस स्टैंड पर भी होटल खोलने की अनुमति दी जाए. ताकि स्टैंड आने के बाद बस चालकों को खाना मिल सके.
नहीं है विश्राम गृह की व्यवस्था
बजरंगी सिंह ने कहा कि सिर्फ खाना खाने की दिक्कत नहीं है, बल्कि चालकों को आराम करने में भी परेशानी है. बस स्टैंड पर विश्राम के लिए कोई जगह नहीं है. चालक संघ ने जिला प्रशासन और नगर निगम से आग्रह किया है कि सरकारी विश्राम गृह को तत्काल खोला जाए, ताकि यात्रियों को सेवा देने वाले चालक आराम कर सकें.
परिवहन सेवा नहीं है बंद
बता दें कि झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. इसमें परिवहन सेवा को बंद नहीं किया गया है. इससे लोगों को ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा मिल रही है, लेकिन अब देखने वाली बात होगी कि संकट की घड़ी में सेवा दे रहे इन गरीब कर्मचारियों के लिए सरकार क्या कुछ करती है या नहीं.