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अवैध शराब माफिया को बोतल सप्लाई करने वालों पर होगा केसः कबाड़ी वाले भी रडार में, तैयार हो रही लिस्ट

झारखंड में अवैध शराब माफिया को बोतल सप्लाई करने वालों पर केस दर्ज होगा. इसकी सूची तैयार की जा रही है. इसको लेकर कबाड़ का कारोबार करने वाले भी पुलिस और उत्पाद विभाग के रडार पर (action against illegal liquor mafia in Jharkhand) हैं.

case against those who supply bottles to illegal liquor mafia in Jharkhand
रांची
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Published : Nov 18, 2022, 2:28 PM IST

रांचीः झारखंड में अवैध शराब का कारोबार बहुत तेजी के साथ फैल रहा है. खासकर राजधानी रांची में तो महंगे शराब के ब्रांड में दोयम दर्जे का शराब भरकर बेचने का धंधा खूब फल-फूल रहा है. अवैध शराब के इस खेल में कबाड़ी वाले भी बड़े भागीदार बनकर सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब पुरानी शराब की बोतले खरीदने वाले कबाड़ी भी पुलिस और उत्पाद विभाग के रडार पर (case against bottles supply to liquor mafia in Ranchi) हैं.

इसे भी पढ़ें- रांची में अवैध शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़, बोतल और पैकिंग मशीन सहित कई सामान बरामद

क्या है पूरा मामलाः अवैध शराब के खेल में अब कबाड़ी वाले भी भागीदार बन गए हैं. शराब माफियाओं को कबाड़ी वाले ही बोतल की सप्लाई करते हैं, उसी बोतल में नकली शराब असली बोलकर बाजार में बेचा जी रही है. उत्पाद विभाग और रांची पुलिस की जांच में इसका खुलासा हुआ है. मामला सामने आने के बाद उत्पाद विभाग ने शराब माफियाओं को बोतल सप्लाई करने वाले कबाड़ी दुकानदारों को चिन्हित करने का फैसला किया है. इस काम में रांची पुलिस से भी मदद ली जाएगी. दोनों विभागों की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके लिए उत्पाद विभाग और रांची पुलिस की अलग-अलग टीम बनायी गई है. गठित टीम को निर्देश दिया गया है कि जिन शराब कारोबारियों को जेल भेजा गया है, उनके बयान के आधार पर कबाड़ी वालों की सूची बनाए. साथ ही शहर में अवैध रूप से शराब माफियों को बोतल सप्लाई करने वालों का भी पता करें. बताया जा रहा है कि विभागीय टीम सूची तैयार करने के बाद कबाड़ी वालों पर भी अलग से केस दर्ज कर उसे जेल (action against illegal liquor mafia in Jharkhand) भेजेगी.

महंगी कीमत में खरीदते हैं शराब की बोतलः उत्पाद विभाग के अधिकारियों के अनुसार शराब की खाली बोतल कबाड़ी वाले ही अवैध शराब माफियाओं को महैया कराते हैं. कबाड़ी वाले खाली बोतल की कीमत पांच से आठ रुपए प्रति के हिसाब से शराब माफियाओं को देते हैं. वहीं कबाड़ी वाले कचरा चुनने वाले और होटल संचालकों से प्रति बोतल दो रुपए में खरीदते हैं. माफिया उस बोतल की सफाई करने के बाद उसमें शराब भरकर बाजार में बेच देते हैं.

पूछताछ में जेल गए माफियाओं ने किया खुलासाः पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने पिछले एक महीने के भीतर 10 हजार लीटर से ज्यादा अवैध शराब बरामद किया है. इस मामले में उत्पाद और पुलिस की टीम ने कई कारोबारियों के अवैध शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा है. जेल भेजने से पहले हुई पूछताछ में कारोबारियों ने अधिकारियों के समक्ष बोतल सप्लाई करने वालों के नामों की भी जानकारी दी है. हालांकि अब तक विभाग के स्तर से कबाड़ी वालों पर कार्रवाई नहीं की गई है. लेकिन विभाग की तरफ से बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

कोलकाता से है लिंकः रांची ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि शराब के अवैध कारोबार के खेल में कोलकाता का लिंक भी शामिल है. कबाड़ी वाले से खाली बोतलें लेने के बाद बोतल के ढक्कन और रैपर कोलकाता के फैक्ट्री से मंगाया जाता है. इस बात का खुलासा रांची पुलिस के इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है. जिसे लेकर रांची पुलिस अब कोलकाता में भी अपनी दबिश दे सकती है. इसकी प्लानिंग की जा रही है और जल्द ही इस मामले में कोलकाता पुलिस की भी मदद ली जाएगी.

रांचीः झारखंड में अवैध शराब का कारोबार बहुत तेजी के साथ फैल रहा है. खासकर राजधानी रांची में तो महंगे शराब के ब्रांड में दोयम दर्जे का शराब भरकर बेचने का धंधा खूब फल-फूल रहा है. अवैध शराब के इस खेल में कबाड़ी वाले भी बड़े भागीदार बनकर सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब पुरानी शराब की बोतले खरीदने वाले कबाड़ी भी पुलिस और उत्पाद विभाग के रडार पर (case against bottles supply to liquor mafia in Ranchi) हैं.

इसे भी पढ़ें- रांची में अवैध शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़, बोतल और पैकिंग मशीन सहित कई सामान बरामद

क्या है पूरा मामलाः अवैध शराब के खेल में अब कबाड़ी वाले भी भागीदार बन गए हैं. शराब माफियाओं को कबाड़ी वाले ही बोतल की सप्लाई करते हैं, उसी बोतल में नकली शराब असली बोलकर बाजार में बेचा जी रही है. उत्पाद विभाग और रांची पुलिस की जांच में इसका खुलासा हुआ है. मामला सामने आने के बाद उत्पाद विभाग ने शराब माफियाओं को बोतल सप्लाई करने वाले कबाड़ी दुकानदारों को चिन्हित करने का फैसला किया है. इस काम में रांची पुलिस से भी मदद ली जाएगी. दोनों विभागों की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके लिए उत्पाद विभाग और रांची पुलिस की अलग-अलग टीम बनायी गई है. गठित टीम को निर्देश दिया गया है कि जिन शराब कारोबारियों को जेल भेजा गया है, उनके बयान के आधार पर कबाड़ी वालों की सूची बनाए. साथ ही शहर में अवैध रूप से शराब माफियों को बोतल सप्लाई करने वालों का भी पता करें. बताया जा रहा है कि विभागीय टीम सूची तैयार करने के बाद कबाड़ी वालों पर भी अलग से केस दर्ज कर उसे जेल (action against illegal liquor mafia in Jharkhand) भेजेगी.

महंगी कीमत में खरीदते हैं शराब की बोतलः उत्पाद विभाग के अधिकारियों के अनुसार शराब की खाली बोतल कबाड़ी वाले ही अवैध शराब माफियाओं को महैया कराते हैं. कबाड़ी वाले खाली बोतल की कीमत पांच से आठ रुपए प्रति के हिसाब से शराब माफियाओं को देते हैं. वहीं कबाड़ी वाले कचरा चुनने वाले और होटल संचालकों से प्रति बोतल दो रुपए में खरीदते हैं. माफिया उस बोतल की सफाई करने के बाद उसमें शराब भरकर बाजार में बेच देते हैं.

पूछताछ में जेल गए माफियाओं ने किया खुलासाः पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने पिछले एक महीने के भीतर 10 हजार लीटर से ज्यादा अवैध शराब बरामद किया है. इस मामले में उत्पाद और पुलिस की टीम ने कई कारोबारियों के अवैध शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा है. जेल भेजने से पहले हुई पूछताछ में कारोबारियों ने अधिकारियों के समक्ष बोतल सप्लाई करने वालों के नामों की भी जानकारी दी है. हालांकि अब तक विभाग के स्तर से कबाड़ी वालों पर कार्रवाई नहीं की गई है. लेकिन विभाग की तरफ से बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

कोलकाता से है लिंकः रांची ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि शराब के अवैध कारोबार के खेल में कोलकाता का लिंक भी शामिल है. कबाड़ी वाले से खाली बोतलें लेने के बाद बोतल के ढक्कन और रैपर कोलकाता के फैक्ट्री से मंगाया जाता है. इस बात का खुलासा रांची पुलिस के इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है. जिसे लेकर रांची पुलिस अब कोलकाता में भी अपनी दबिश दे सकती है. इसकी प्लानिंग की जा रही है और जल्द ही इस मामले में कोलकाता पुलिस की भी मदद ली जाएगी.

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