रांची: कोरोना महामारी को लेकर हुए लॉकडाउन 4.0 में झारखंड सरकार स्ट्रेटजी तैयार कर रही है. इसे लेकर मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक रांची के स्टेट सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग के नए सभागार भवन में हुई. जिसमें कहा गया कि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के चौथे फेज में दी जानेवाली रियायतों को लेकर निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे.
मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक
बैठक के बाद उप समिति के संयोजक और राज्य के हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को कैसे वापस लाया जाए, इसे लेकर चर्चा हुई है, लेकिन अलग-अलग बसों से अब तक राज्यभर में 68 हजार प्रवासी मजदूर वापस आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि बैठक में उन्हें भोजन देने और सूखा राशन देने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई, साथ ही उन्होंने कहा कि टेंपो चालक, ठेला वाले और छोटे-छोटे दुकानदार जिन्होंने उधार लेकर अपना व्यवसाय किया है. उनलोगों से अगले तीन महीने तक इंटरेस्ट न लगे, इसको लेकर राज्य सरकार केंद्र को पत्र लिखेगी. पत्र में इंटरेस्ट माफी की मांग रखी जायेगी.
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बढ़ा है जांच का दायरा
स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है कि राज्य में जांच का दायरा बढ़ा है. अभी प्रत्येक दिन दो हजार के करीब जांच की जा रही है. इसके अलावा राज्य में तीन और जगहों पर जांच होगी. इसकी तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि कोई भूखा न रहे. इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देश को फॉलो किया जा रहा है, साथ ही प्रवासी लोगों को कैसे लाया जाए, इसके लिए ज्यादा फोकस किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक 76 ट्रेनों की एनओसी दी जा चुकी है.
रेड जोन से आने वाले जाएंगे सरकारी क्वॉरेंटाइन
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रेड जोन से झारखंड वापस आने वाले लोगों को सरकारी क्वॉरेंटाइन में भेजा जाएगा, जबकि अन्य इलाकों से आने वाले लोगों की प्रॉपर स्क्रीनिंग के बाद होम क्वॉरेंटाइन भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि ज्यादातर कोरोना संक्रमण बाहर से आ रहे लोगों से के बीच है. ऐसे में प्रवासी मजदूरों की प्रॉपर मेडिकल जांच की जाएगी तभी उन्हें उनके घर भेजा जाएगा.