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खादगढ़ा बस स्टैंड अग्निकांड स्टोरी पर परिजनों को नहीं यकीन, बस मालिक ने निर्माता कंपनी पर लगाया दोष, जानें क्या हैं सवाल

दिवाली 2022 पर रांची में बस स्टैंड पर हादसा स्टोरी से परिजन संतुष्ट नहीं हैं (Bus Fire In Ranchi On Diwali 2022). आधी रात खादगढ़ा बस स्टैंड पर बस में लगी आग के मामले पर परिजनों को यकीन नहीं है. उन्होंने घटना के पीछे साजिश की आशंका जताई है. साथ ही जांच की मांग की है. वहीं बस मालिक ने बस निर्माता कंपनी पर सवाल उठाए हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Bus fire in Ranchi on Diwali 2022
दिवाली 2022 पर रांची में बस अग्निकांड
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Published : Oct 25, 2022, 4:40 PM IST

रांची: खादगढ़ा बस स्टैंड में दीपावली के दिन आधी रात बस अग्निकांड पर मृतकों के परिजनों को यकीन नहीं है (Bus Fire In Ranchi On Diwali 2022). बस में जलकर मरे मदन महतो और इब्राहिम के परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है. शहर के कई अन्य लोग भी इसके पीछे साजिश बता रहे हैं. परिजनों ने इस मामले की गहनता से जांच के साथ मुआवजे की भी मांग की है.

ये भी पढ़ें-Top10@3PM: झारखंड दौरे पर नीति आयोग की टीम, जानें अब तक की 10 बड़ी खबरें


बता दें कि दीपावली 2022 की आधी रात रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड में खड़ी एक बस में आग लग गई थी. इसमें बस में सवार दो व्यक्तियों की जलने से मौत हो गई. कहा जा रहा है कि बस में मोमबत्ती जलाकर ये लोग सो गए थे और मोमबत्ती से बस में आग लग गई और ये हादसा हुआ. हालांकि परिजनों को इस थियरी पर यकीन नहीं है. उन्होंने कुछ सवाल उठाए हैं.

देखें क्या कहते हैं परिजन

परिजनों ने यह सवाल उठायाः परिजनों के मुताबिक बस में मोमबत्ती से आग लगने की कहानी गले नहीं उतर रहीं हैं. इसकी कुछ वजहें हैं.

  1. परिजनों का कहना है कि उनके परिजन रात दिन बस चलाते थे और बस की हर तकनीक से रूबरू थे. आग लगने के बाद किसी तरह गेट तक पहुंचकर वे बस का गेट खोल सकते थे. ऐसा होने पर उनको बचाया जा सकता था.
  2. परिजनों ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि चलती बस में आग लगी, लेकिन बस में जिस समय आग लगी. उस समय बस अधिक तेज नहीं रही होगी कि वे गेट ही न खोल सकें.
  3. परिजनों ने मृतक ड्राइवर खलासी के लिए शराब पीने की थियरी पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि ड्राइवर शराब पीते थे लेकिन खलासी शराब नहीं पीते थे. इसलिए कम से कम उनको तो गेट खोलकर बचना चाहिए था.

बस मालिक ने कंपनी पर उठाए सवालः इधर, खादगढ़ा बस स्टैंड हादसे का शिकार हुई मूनलाइट बस के मालिक का कहना है कि वर्तमान में जिस कंपनी ने उनकी खरीदी बस बनाई है, वह बस निर्माण में यूरिया का भी उपयोग कर रही है जो काफी एक्सप्लोसिव (EXPLOSIVE) है. इसलिए गाड़ी में तुरंत ही आग लग रही है.

पहले मारा गया फिर बस में आग लगाई, ऐसी चर्चाः इधर, हादसे और शव मिलने की परिस्थितियों को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है और लोग अपने तर्क के पीछे तरह-तरह के उदाहरण दे रहे हैं. कई लोगों ने दोनों की मौत के पीछे साजिश की आशंका जताई है. मृतक के परिजनों ने बताया कि जिस तरह से शव चिपका नजर आ रहा था. इससे ऐसा लगता है कि उन्हें पहले मारा गया है फिर बस में आग लगा दी गई है.

हालांकि पुलिस का कहना है कि हत्या है या हादसा. यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा. पुलिसकर्मियों का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है, जांच में जो रिपोर्ट आएगी उसी के हिसाब से कानूनी कार्रवाई की जाएगी. खादगढ़ा बस स्टैंड के विश्वनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मून लाइट बस में पहले भी आग लगने की घटना हो चुकी है.

गुमला और चाईबासा से पहुंचे परिजन: हादसे में मारे गए 21 वर्षीय इब्राहिम चाईबासा के टेबो के रहने वाले थे. वहीं 50 वर्षीय मदन महतो गुमला जिले के परवल गांव के रहने वाले थे. दोनों के परिवार वाले रांची पहुंचे हुए हैं. मौत के बाद से ही परिवार में मातम का माहौल है.

रांची: खादगढ़ा बस स्टैंड में दीपावली के दिन आधी रात बस अग्निकांड पर मृतकों के परिजनों को यकीन नहीं है (Bus Fire In Ranchi On Diwali 2022). बस में जलकर मरे मदन महतो और इब्राहिम के परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है. शहर के कई अन्य लोग भी इसके पीछे साजिश बता रहे हैं. परिजनों ने इस मामले की गहनता से जांच के साथ मुआवजे की भी मांग की है.

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बता दें कि दीपावली 2022 की आधी रात रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड में खड़ी एक बस में आग लग गई थी. इसमें बस में सवार दो व्यक्तियों की जलने से मौत हो गई. कहा जा रहा है कि बस में मोमबत्ती जलाकर ये लोग सो गए थे और मोमबत्ती से बस में आग लग गई और ये हादसा हुआ. हालांकि परिजनों को इस थियरी पर यकीन नहीं है. उन्होंने कुछ सवाल उठाए हैं.

देखें क्या कहते हैं परिजन

परिजनों ने यह सवाल उठायाः परिजनों के मुताबिक बस में मोमबत्ती से आग लगने की कहानी गले नहीं उतर रहीं हैं. इसकी कुछ वजहें हैं.

  1. परिजनों का कहना है कि उनके परिजन रात दिन बस चलाते थे और बस की हर तकनीक से रूबरू थे. आग लगने के बाद किसी तरह गेट तक पहुंचकर वे बस का गेट खोल सकते थे. ऐसा होने पर उनको बचाया जा सकता था.
  2. परिजनों ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि चलती बस में आग लगी, लेकिन बस में जिस समय आग लगी. उस समय बस अधिक तेज नहीं रही होगी कि वे गेट ही न खोल सकें.
  3. परिजनों ने मृतक ड्राइवर खलासी के लिए शराब पीने की थियरी पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि ड्राइवर शराब पीते थे लेकिन खलासी शराब नहीं पीते थे. इसलिए कम से कम उनको तो गेट खोलकर बचना चाहिए था.

बस मालिक ने कंपनी पर उठाए सवालः इधर, खादगढ़ा बस स्टैंड हादसे का शिकार हुई मूनलाइट बस के मालिक का कहना है कि वर्तमान में जिस कंपनी ने उनकी खरीदी बस बनाई है, वह बस निर्माण में यूरिया का भी उपयोग कर रही है जो काफी एक्सप्लोसिव (EXPLOSIVE) है. इसलिए गाड़ी में तुरंत ही आग लग रही है.

पहले मारा गया फिर बस में आग लगाई, ऐसी चर्चाः इधर, हादसे और शव मिलने की परिस्थितियों को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है और लोग अपने तर्क के पीछे तरह-तरह के उदाहरण दे रहे हैं. कई लोगों ने दोनों की मौत के पीछे साजिश की आशंका जताई है. मृतक के परिजनों ने बताया कि जिस तरह से शव चिपका नजर आ रहा था. इससे ऐसा लगता है कि उन्हें पहले मारा गया है फिर बस में आग लगा दी गई है.

हालांकि पुलिस का कहना है कि हत्या है या हादसा. यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा. पुलिसकर्मियों का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है, जांच में जो रिपोर्ट आएगी उसी के हिसाब से कानूनी कार्रवाई की जाएगी. खादगढ़ा बस स्टैंड के विश्वनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मून लाइट बस में पहले भी आग लगने की घटना हो चुकी है.

गुमला और चाईबासा से पहुंचे परिजन: हादसे में मारे गए 21 वर्षीय इब्राहिम चाईबासा के टेबो के रहने वाले थे. वहीं 50 वर्षीय मदन महतो गुमला जिले के परवल गांव के रहने वाले थे. दोनों के परिवार वाले रांची पहुंचे हुए हैं. मौत के बाद से ही परिवार में मातम का माहौल है.

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