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रांचीः सामाजिक संस्था में बच्ची से छेड़खानी, पढ़ाई के नाम पर बच्ची को बनाया बंधक

समाजसेवी और दीया सेवा संस्थान की सचिव सीता स्वांसी और उनके छोटे बेटे पर बरियातू थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. 13 साल की एक बच्ची के बयान पर छेड़खानी और बंधक बनाने का आरोप लगाया गया है.

Boy molested minor girl by taking her hostage in ranchi
बरियातू थाना
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Published : Feb 27, 2021, 8:32 AM IST

रांचीः प्रदेश में मानव तस्करी के खिलाफ काम करने वाली एक्टिविस्ट और दीया सेवा संस्थान की सचिव सीता स्वांसी और उनके छोटे बेटे पर बरियातू थाना में FIR दर्ज कराई गई है. 13 साल के एक बच्ची के बयान पर बरियातू थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

इसे भी पढ़ें- रांचीः गोली मारकर युवक की हत्या, मंगेतर से मिलने कोलकाता जा रहा था युवक


क्या है मामला
एफआईआर में बताया गया है कि पढ़ाई-लिखाई के नाम पर बच्ची को दीया सेवा संस्थान के हॉस्टल में रखा गया. बच्ची के दो भाई को भी उसी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई लिखाई के नाम पर लोहरदगा से ला कर रखा गया. पर उस बच्ची को घरेलू काम में भी लगाकर रखा गया. शिकायत में उसने कहा कि हॉस्टल में रहकर पढ़ाई के नाम पर उसके माता-पिता सीता स्वांसी की संस्थान दीया सेवा संस्था में रखकर गुजरात चले गए. बच्ची ने बताया कि संस्था में रहने के दौरान कभी-कभी संस्था के स्टाफ उसे पढ़ाई करावाते. पर ज्यादातर घरेलू काम जैसे किचन की साफ सफाई, बर्तन धोना, खाना बनाना सहित अन्य काम में लगा रखा गया. इसके बावजूद दोपहर में भरपेट खाना नहीं मिलता था और हमेशा प्रताड़ित किया जाता था.

चार-पांच महीने से बेटा कर रहा था छेड़छाड़
पीड़िता ने बताया है कि पिछले चार-पांच महीने पहले सीता स्वांसी के छोटे बेटे ने छेड़छाड़ की. इस तरह वह हमेशा छेड़छाड़ करता था. इस बीच सीता के बेटे को थप्पड़ मार कर वह घर से निकल गई और कुछ लोगों सहयोग से प्रेमाश्रय पहुंच गई. प्रेमाश्रय में ही बच्ची का बयान दर्ज हुआ. बच्ची ने कहा है कि वह अब दीया सेवा संस्थान नहीं जाना चाहती है. पुलिस ने बच्ची के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

रांचीः प्रदेश में मानव तस्करी के खिलाफ काम करने वाली एक्टिविस्ट और दीया सेवा संस्थान की सचिव सीता स्वांसी और उनके छोटे बेटे पर बरियातू थाना में FIR दर्ज कराई गई है. 13 साल के एक बच्ची के बयान पर बरियातू थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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क्या है मामला
एफआईआर में बताया गया है कि पढ़ाई-लिखाई के नाम पर बच्ची को दीया सेवा संस्थान के हॉस्टल में रखा गया. बच्ची के दो भाई को भी उसी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई लिखाई के नाम पर लोहरदगा से ला कर रखा गया. पर उस बच्ची को घरेलू काम में भी लगाकर रखा गया. शिकायत में उसने कहा कि हॉस्टल में रहकर पढ़ाई के नाम पर उसके माता-पिता सीता स्वांसी की संस्थान दीया सेवा संस्था में रखकर गुजरात चले गए. बच्ची ने बताया कि संस्था में रहने के दौरान कभी-कभी संस्था के स्टाफ उसे पढ़ाई करावाते. पर ज्यादातर घरेलू काम जैसे किचन की साफ सफाई, बर्तन धोना, खाना बनाना सहित अन्य काम में लगा रखा गया. इसके बावजूद दोपहर में भरपेट खाना नहीं मिलता था और हमेशा प्रताड़ित किया जाता था.

चार-पांच महीने से बेटा कर रहा था छेड़छाड़
पीड़िता ने बताया है कि पिछले चार-पांच महीने पहले सीता स्वांसी के छोटे बेटे ने छेड़छाड़ की. इस तरह वह हमेशा छेड़छाड़ करता था. इस बीच सीता के बेटे को थप्पड़ मार कर वह घर से निकल गई और कुछ लोगों सहयोग से प्रेमाश्रय पहुंच गई. प्रेमाश्रय में ही बच्ची का बयान दर्ज हुआ. बच्ची ने कहा है कि वह अब दीया सेवा संस्थान नहीं जाना चाहती है. पुलिस ने बच्ची के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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