रांची: झारखंड के हर जिले में सड़क हादसे रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर दिया गया. चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर सड़क हादसे रोकने के लिए पीसीआर, हाइवे पेट्रोलिंग और पुलिस गश्ती दल को चेकिंग का निर्देश दिया गया है. बुधवार को एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर, सड़क सुरक्षा कोषांग के डीआईजी सुनील भास्कर की अध्यक्षता में राज्य के सभी जिलों के एसपी, डीआईजी और ट्रैफिक अधिकारियों के साथ बैठक हुई.
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कहां-कहां हादसों में आई कमी, इस पर भी मंथन: बैठक के दौरान एडीजी के सामने खूंटी जिला का उदाहरण दिया गया, जहां ब्लैक स्पॉट पर चेकिंग व बैरिकेडिंग लगाकर दुर्घटनाओं में कमी लायी गई है. ब्लैक स्पॉट पर क्यूआर कोड चस्पा कर पेट्रोलिंग या पीसीआर वाहन के द्वारा वहां स्कैन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. बैठक के दौरान जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया कि एसपी अपने स्तर से एनजीओ या रूचि रखने वाले व्यवसायियों, कॉरपोरेट घरानों के सीएसआर फंड या डीसी के फंड का उपयोग करें. इस फंड का इस्तेमाल कर स्पीडगन कैमरे, ब्रिद एनलाइजर, बॉडीवार्म कैमरा, सीसीटीवी कैमरा, स्ट्रेचर, बेड, फर्स्ट एड बॉक्स की खरीद करने का निर्देश दिया गया.
सभी थानों पर ये जिम्मेदारी: सभी थानों को निर्देश दिया गया है कि पुलिस पदाधिकारी मोबाइल में जीपीएस, मैप कैमरा, लाइट एप इंस्टॉल कर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों की फोटो संबंधित जिला परिवहन पदाधिकारी को उपलब्ध कराएं, ताकि एमवीआई से लाइसेंस जब्ती की कार्रवाई करायी जा सके. एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर ने बताया कि सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक थाना स्तर से दो सड़क सुरक्षा अभियान चलाना सुनिश्चित करें. जिलामार्ग, राजकीय, राष्ट्रीय राजमार्ग के नजदीक के स्कूल, कॉलेज में जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है. थाना स्तर से प्रत्येक थाने में पदास्थापित तीन पुलिसकर्मियों को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण देने का फैसला लिया गया, ताकि समय पर जरूरी हेल्थ केयर मिलने से जान माल के नुकसान को कम किया जा सके.