रांची: ओपन कास्ट कोयला खदानों से निकले ओवरबर्डन और राज्य के स्टील संयंत्रों से विसर्जित स्लैग (छाई) का सड़क निर्माण में इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसा होने से राज्य और देश को दो तरफा फायदा होगा. एक तरफ ओवरबर्डन से होनेवाले प्रदूषण से आम जनता को राहत मिलेगी, दूसरी तरफ कोयला कम्पनियां भी ओवरबर्डन के निपटारे की चिंता से मुक्त हो सकेंगी. राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने केन्द्रीय सड़क निर्माण एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को इस बाबत पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने एनएच निर्माण में कोयला खदानों के ओवरबर्डन के प्रयोग के लिए विभागों और एजेंसीज को निर्देशित करने का आग्रह किया है.
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सीएम को भी पत्र
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने इस तरह की चिट्ठी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी लिखी है. उन्होंने सुझाव दिया है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण सड़कों के निर्माण में राज्य के स्टील प्लांट्स से निकलनेवाली छाई बहुत उपयोगी हो सकती है. राज्य में इतनी सड़कें बन रही हैं और आगे भी बननेवाली हैं. उनमें इस स्लैग का इस्तेमाल होगा तो सड़कें मजबूत बनेंगी. बेकार डंप हो रहे स्लैग का सदुपयोग हो जाएगा और लोगों को प्रदूषण से राहत भी मिल जायेगी.
प्रदूषण पर अंकुश
स्लैग डंप से लगातार धूलकण उड़ने से प्रदूषण फैलता है. कुछ स्टील प्लांट्स में उनके परिसर में जगह कम पड़ रही है. ऐसे में राज्य के स्टील प्लांट्स के लिए यह अनिवार्य कर दिया जाय कि वे सड़क निर्माण के लिए स्लैग निःशुल्क उपलब्ध कराएं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि उनके सुझाव पर विचार मंथन होगा. झारखंड के कई जिलों में कोयला के खदान हैं, जिससे निकलने वाले ओवरबर्डन के निष्पादन की समस्या है.