रांची: भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सरकार में लव जिहाद, धर्मांतरण और गो तस्करी के मामले बढ़ने का आरोप लगाते हुए सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाया है. भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश महामंत्री और कार्यालय प्रभारी डॉक्टर प्रदीप वर्मा ने कहा कि हेमंत सरकार वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देने में लगी है.
उन्होंने कहा कि जहां एक ओर इस सरकार में विधि व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है, वहीं दूसरी ओर धर्मांतरण की घटना बढ़ गई है. पिछले दिनों पाकुड़ जिले में धर्मांतरण की घटी घटना का हवाला देते हुए डॉ प्रदीप वर्मा ने कहा कि पहाड़िया जनजाति के लोग बड़ी संख्या में इस जिले में रहते हैं जहां समुदाय विशेष के लोगों द्वारा लगातार पहाड़िया बेटियों और पुरुषों को जबरन धर्मांतरण कराने का प्रयास किया जा रहा है.
रामचंद्रपुर के रहने वाले रिनोई पहाड़िया के साथ हुई घटना का उल्लेख करते हुए डॉक्टर प्रदीप वर्मा ने कहा कि शायराना खातून नाम की महिला ने योजनाबद्ध तरीके से पहले दोस्ती की और पहाड़िया रीति से शादी का प्रस्ताव दिया. शादी की स्वीकृति के बाद शायराना खातून ने उस पर धर्मांतरण का दबाव डालते हुए निकाह के लिए गलत तरीके से दबाव डाला और फिर शपथ पत्र पर हस्ताक्षर भी कराई. रिनॉय द्वारा जब थाना में इसकी शिकायत की जाती है तो उसे डांट कर भगा दिया जाता है. जब मामला एसपी तक पहुंचता है तो उसके बावजूद भी कुछ भी कार्रवाई नहीं की जाती है.
सुनियोजित रुप से चल रही है गो तश्करी: भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में सुनियोजित रूप से गो तस्करी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि हाल के वर्षों में तेजी से राज्य में गो तस्करी चल रहा है. डॉ प्रदीप वर्मा ने कहा कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से राज्य की सीमा लगे होने के कारण संथाल परगना गो तस्करी का कोरिडोर बन चुका है. गो तस्करों को चूंकि सरकार का संरक्षण प्राप्त है इसलिए बेधड़क राज्य में गो तस्करी जारी है.
उन्होंने दारोगा संध्या टोपनो की हुई मौत का हवाला देते हुए कहा कि गो तश्करों का मनोबल इस कदर बढ़ चुका है कि झारखंड की बेटी संध्या टोपनो की भी ट्रक से कुचल कर हत्या कर दी जाती है. पिछले दिनों सांसद निशिकांत दुबे ने मोहनपुर थाना में अफरोज और मुस्ताक को पड़कर सुपुर्द किया लेकिन गो तस्करों पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने दोनों आरोपियों को भागते हुए दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर उल्टा सांसद निशिकांत दुबे पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया है.
पिछड़ों को भूल गई हेमंत सरकार: आदिवासियों और दलितों को 60 की जगह 50 की उम्र से ही वृद्धा पेंशन देने की घोषणा के बाद राज्य में इसको लेकर सियासत तेज हो गई है. प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा की गई इस घोषणा की आलोचना करते हुए कहा है कि आदिवासी और दलितों को तो आपने शामिल किया मगर पिछड़ों को क्यों आप भूल गए.
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और रांची विधायक सीपी सिंह ने हेमंत सरकार के 4 साल की कमियों को बताते हुए कहा कि जिस तरह से मोरहाबादी मैदान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा आदिवासी और दलितों को 50 के उम्र से ही वृद्धावस्था पेंशन देने की घोषणा की गई है उसका वे स्वागत जरूर करते हैं लेकिन पिछड़ों को छोड़कर सरकार ने अपनी मंशा जरूर जाहिर कर दी है. मेरा मानना है कि राज्य के सभी गरीबों को जो 50 की उम्र पार कर लेते हैं उन्हें वृद्धावस्था पेंशन दिया जाना चाहिए लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि जो भी घोषणा हो रही है सरकार इसे देना नहीं चाहती है. मुझे तो लगता है कि जिस तरह से अबुआ आवास योजना के तहत फार्म भरवाए गए हैं इसी तरह से यह वृद्धावस्था पेंशन के फॉर्म भी ऐसे ही भरे रह जाएंगे और जिनको जरूरत है वह सरकारी कार्यालय का चक्कर काटते रहेंगे.
नाकामियों से भरा है हेमंत सरकार का 4 साल: भारतीय जनता पार्टी शनिवार को हेमंत सरकार के 4 साल की खामियों को सभी जिलों में प्रेस वार्ता कर उजागर करने की कोशिश की. इस दौरान लोहरदगा के बाद रांची महानगर कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए विधायक सीपी सिंह ने कहा कि हेमंत सरकार का 4 साल नाकामियों से भरा है जिसका खामियाजा उसे 2024 के चुनाव में उठाना पड़ेगा. जनता से जिस तरह से वादा करके यह सरकार आई थी उसे पूरा करने में पूरी तरह यह विफल रही है. सरकारी नौकरियों की बात तो दूर सरकार ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी वह भी पूरा नहीं हुआ. राज्य में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और अधिकारी से लेकर सत्ता में बैठे लोग मस्त हैं ऐसे में जनता इनका जवाब देने के लिए तैयार है.
ये भी पढ़ें-