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कमर्शियल माइनिंग मामले में राज्य सरकार का दोहरा चरित्र उजागर: बीजेपी

कमर्शियल माइनिंग के लिए कोल ब्लॉक की नीलामी को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है. इस मामले में राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश और रांची सांसद संजय सेठ ने कहा कि कोल माइंस की नीलामी देश और झारखंड के हित में है. इससे झारखंड राज्य को राजस्व का बड़ा हिस्सा प्राप्त होगा, लेकिन वर्तमान सरकार राजनीति कर आम जनता को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है.

कमर्शियल माइनिंग मामले में राज्य सरकार का उजागर हुआ दोहरा चरित्र
BJP attacked Jharkhand government for commercial mining
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Published : Jun 27, 2020, 5:59 PM IST

रांची: कमर्शियल माइनिंग के लिए कोल ब्लॉक की नीलामी को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है. इस मामले में भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

रांची सांसद संजय सेठ का बयान

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और नवनिर्वाचित सांसद दीपक प्रकाश और रांची सांसद संजय सेठ ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कोल माइंस की नीलामी देश और झारखंड के हित में है. इससे झारखंड राज्य को राजस्व का बड़ा हिस्सा प्राप्त होगा, लेकिन वर्तमान सरकार राजनीति कर आम जनता को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरे देश को आत्मनिर्भर बनाने का निर्णय लिया है. कमर्शियल कोल माइनिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर झारखंड बने इस दिशा में कदम बढ़ाया गया है, लेकिन राज्य सरकार खजाना खाली होने की बात कह कर घड़ियाली आंसू बहाने का काम कर रही है और गलत बयानबाजी कर जनता को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है.

राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश का बयान

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारत में दूसरे देशों से कोयला का आयात होता है, जिससे डेढ़ लाख करोड़ की विदेशी मुद्रा का खर्च होती है. ऐसे में देश की विदेशी मुद्रा को बचाने की दिशा में भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि इससे झारखंड में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही गैरकानूनी माइनिंग और कोयले की चोरी पर रोक लगेगी. इससे करीब 50 हजार रोजगार सृजन होगा, साथ ही कोरोना से प्रभावित प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार से जोड़ा जा सकेगा.

ये भी पढ़ें-भारत में कोरोना : देश में मृत्यु दर करीब 3%, आठ राज्यों में 85 फीसदी मामले

राज्य सरकार के दोहरा चरित्र का उजागर

दीपक प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र भेजा है, जिसमें कमर्शियल माइनिंग के लिए धन्यवाद भेजा है, साथ ही झारखंड सरकार के मुख्य सचिव ने भी आपत्ति नहीं जताई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया गया है, जिसमें नीलामी की प्रक्रिया का विरोध नहीं है. राज्य सरकार टाइम को गलत बता रही है. उन्होंने कहा कि राज्य के हितों को अनदेखा करते हुए राजनीति की जा रही है. उन्होंने कहा कि इससे राज्य सरकार के दोहरा चरित्र का उजागर हुआ है. इसकी भारतीय जनता पार्टी तीव्र भर्त्सना करती है.

15 हजार करोड़ की होगी आय
वहीं, रांची सांसद संजय सेठ ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार देश और राज्य हित के लिए काम कर रही है, जबकि यूपीए ने देश में घोटालों का कीर्तिमान स्थापित किया था. 2004 से 2009 ने घोटालों का रिकॉर्ड बनाया है और उस दौरान कोयला खदानों का आवंटन अवैध रूप से किया गया, जिसमें 10 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री के कार्यालय से कोलगेट की फाइल गायब हो गई. उन्होंने कहा कि कोल माइंस के ऑक्शन से राज्य सरकार को हर साल 15 हजार करोड़ की आय होगी, जिससे विकास के कार्यों में खर्च किया जा सकेगा, लेकिन राज्य सरकार इसे मुद्दा बना रही है.

रांची: कमर्शियल माइनिंग के लिए कोल ब्लॉक की नीलामी को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है. इस मामले में भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

रांची सांसद संजय सेठ का बयान

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और नवनिर्वाचित सांसद दीपक प्रकाश और रांची सांसद संजय सेठ ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कोल माइंस की नीलामी देश और झारखंड के हित में है. इससे झारखंड राज्य को राजस्व का बड़ा हिस्सा प्राप्त होगा, लेकिन वर्तमान सरकार राजनीति कर आम जनता को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरे देश को आत्मनिर्भर बनाने का निर्णय लिया है. कमर्शियल कोल माइनिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर झारखंड बने इस दिशा में कदम बढ़ाया गया है, लेकिन राज्य सरकार खजाना खाली होने की बात कह कर घड़ियाली आंसू बहाने का काम कर रही है और गलत बयानबाजी कर जनता को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है.

राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश का बयान

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारत में दूसरे देशों से कोयला का आयात होता है, जिससे डेढ़ लाख करोड़ की विदेशी मुद्रा का खर्च होती है. ऐसे में देश की विदेशी मुद्रा को बचाने की दिशा में भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि इससे झारखंड में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही गैरकानूनी माइनिंग और कोयले की चोरी पर रोक लगेगी. इससे करीब 50 हजार रोजगार सृजन होगा, साथ ही कोरोना से प्रभावित प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार से जोड़ा जा सकेगा.

ये भी पढ़ें-भारत में कोरोना : देश में मृत्यु दर करीब 3%, आठ राज्यों में 85 फीसदी मामले

राज्य सरकार के दोहरा चरित्र का उजागर

दीपक प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र भेजा है, जिसमें कमर्शियल माइनिंग के लिए धन्यवाद भेजा है, साथ ही झारखंड सरकार के मुख्य सचिव ने भी आपत्ति नहीं जताई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया गया है, जिसमें नीलामी की प्रक्रिया का विरोध नहीं है. राज्य सरकार टाइम को गलत बता रही है. उन्होंने कहा कि राज्य के हितों को अनदेखा करते हुए राजनीति की जा रही है. उन्होंने कहा कि इससे राज्य सरकार के दोहरा चरित्र का उजागर हुआ है. इसकी भारतीय जनता पार्टी तीव्र भर्त्सना करती है.

15 हजार करोड़ की होगी आय
वहीं, रांची सांसद संजय सेठ ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार देश और राज्य हित के लिए काम कर रही है, जबकि यूपीए ने देश में घोटालों का कीर्तिमान स्थापित किया था. 2004 से 2009 ने घोटालों का रिकॉर्ड बनाया है और उस दौरान कोयला खदानों का आवंटन अवैध रूप से किया गया, जिसमें 10 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री के कार्यालय से कोलगेट की फाइल गायब हो गई. उन्होंने कहा कि कोल माइंस के ऑक्शन से राज्य सरकार को हर साल 15 हजार करोड़ की आय होगी, जिससे विकास के कार्यों में खर्च किया जा सकेगा, लेकिन राज्य सरकार इसे मुद्दा बना रही है.

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