औरंगाबाद: माओवादियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत बिहार के औरंगाबाद और झारखंड के पलामू पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में दोनों राज्यों में आतंक का पर्याय माने जानेवाले 18 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली विनय यादव को गिरफ्तार किया (Naxalite Vinay Yadav arrested) है. इनकी निशानदेही पर 20 लाख की नगदी भी बरामद की गयी है. गिरफ्तार तीनों नक्सलियों के खिलाफ दोनों राज्यों के विभिन्न थानों में मामले दर्ज हैं.
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हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार: दोनों राज्यों की पुलिस सरगर्मी से इनकी तलाश में थी और लंबे अंतराल के बाद पुलिस को इन्हें गिरफ्तार करने में सफलता मिली. औरंगाबाद के पुलिस कप्तान कांतेश कुमार मिश्रा और पलामू के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने यहां संयुक्त प्रेसवार्ता कर नक्सली के गिरफ्तारी की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना पर औरंगाबाद और पलामू पुलिस, झारखंड स्थित कोबरा की 205वीं वाहिनी, औरंगाबाद स्थित सीआरपीएफ की 47वीं वाहनी, अम्बा, ओबरा और दाउदनगर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 18 लाख के ईनामी नक्सली विनय यादव उर्फ कमल जी उर्फ किसलय जी उर्फ मुराद जी उर्फ गुरु जी और अमरेन्द्र पासवान उर्फ सत्या पासवान को दाउदनगर थाना के मायापुर से गिरफ्तार किया गया.
2003 से सक्रिय था नक्सली: गिरफ्तार नवसलियों में विनय यादव जो अम्बा थाना क्षेत्र के देउरा गांव का निवासी है, जबकि अमरेंद्र मायापुर का ही रहनेवाला है. औरंगाबाद के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार कुख्यात इनामी नक्सली विनय यादव ने पुलिस के समक्ष स्वीकारोक्ति बयान में स्वीकार किया है कि वह वर्ष 2003 से नक्सली संगठन में सक्रिय है. वह औरंगाबाद जिले के मदनपुर, सलैया, ढ़िबरा और देव थाना क्षेत्र, गया जिला और झारखंड राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार नवसली संगठन को मजबूत करने में लगा रहा है. वर्ष 2014 से वह नक्सली संगठन में जोनल कमांडर एवं रिजनल कमांडर के रूप में नेतृत्व करता रहा है.
20 लाख रुपए बरामद: नक्सली विनय यादव ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि नक्सली संगठन द्वारा लेवी के रूप में वसूली गई रकम को छकरबंधा के जंगल में शिकारी कुआं के पास छिपाकर रखा गया है. इस सूचना के आधार पर कोबरा की 205वीं वाहिनी के उप समादेष्टा योगेन्द्र ढकोले और औरंगाबाद के अपर पुलिस अधीक्षक(अभियान) मुकेश कुमार ने सदल बल मदनपुर थाना क्षेत्र में छकरबंधा-पचरूखिया के पहाड़ी क्षेत्र से गड़ा हुआ हालत में गोदरेज के लोहे के लॉकर को कटर से काटकर 20 लाख की लेवी की यह राशि बरामद की गई. पुलिस ने विनय के जेब से 32 हजार रूपये बरामद किए हैं. रकम की बरामदगी के बाद विनय के बयान पर ही उसके आश्रयदाता ईदरिश अंसारी को उसके घर अम्बा थाना के भलुआड़ी खुर्द से गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तारी से नक्सलियों का मनोबल टूटा: औरंगाबाद एसपी ने बताया कि नक्सली संगठन के महत्वपूर्ण ईनामी नक्सली की गिरफ्तारी से नक्सलियों का मनोबल काफी गिरा हुआ है और नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु लगातार छापामारी अभियान जारी है. उन्होंने बताया कि कुख्यात नक्सली को शरण और सहयोग देने के आरोप में गिरफ्तार तीन अभियुक्तों के अलावा अन्य दो अभियुक्तों समेत कुल पांच के खिलाफ दाउदनगर थाना में मामला दर्ज किया गया है. नक्सली विनय यादव के विरुद्ध औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना में 21, सलैया थाना में 1, देव थाना में 15, ढ़िबरा थाना में 10 समेत कुल 47 कांड दर्ज है. जबकि, गया जिले के बांकेबाजार और बाराचट्टी थाना में 7 मामलों समेत उस पर कुल 54 नक्सली कांड दर्ज है.
सुरक्षाबलों पर किया था हमला: नक्सली विनय यादव ने वर्ष 2016 में बांकेबाजार थाना क्षेत्र में डुमरी नाला के पास सुनियोजित तरीके से अभियान से लौट रहे सुरक्षा बलों पर आइईडी ब्लास्ट करने के बाद फायरिंग करते हुए सुरक्षा बलों को काफी नुकसान पहुंचाया था. इस घटना में कोबरा वाहिनी के दस जवान शहीद हो गये थे. इस मामले में विनय के खिलाफ बांकेबाजार थाना में कांड दर्ज है. इसके अलावा अन्य सीमावर्ती थानों से भी विनय यादव सहित अन्य सभी अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास पता लगाया जा रहा है.
"ज्वाइंट ऑपरेशन हुआ था. गुप्त सूचना के आधार पर पलामू पुलिस और औरंगाबाद पुलिस सीआपीएफ 47 बटालियन, कोबरा के संयुक्त अभियान में 18 लाख के ईनामी नक्सली विनय यादव उर्फ कमाल जी उर्फ किशलय जी उर्फ मुराद जी, जो अंबा थाना जिला औरंगाबाद के रहने वाले हैं. इनकी गिरफ्तारी हुई है. ज्वाइंट ऑपरेशन में. इसके अतिरिक्त अमरेंद्र पासवान और ईदरिश अंसारी, इन दोनों को पकड़ा गया है. इनको पौसा देने के, मदद करने लिए. महत्वपूर्ण ये है कि 2003 से ही विनय यादव सक्रिय रहे हैं. गया में बांके बजार और पलामू में इनका कार्यक्षेत्र रहा है. 2014 में जोनक कमांडर के तौर पर काम कर रहे थे. गुप्त सूचना मिली थी कि जंगल में पैसा छुपाकर रखा गया है. जिसके बाद टीम बनाकर इनकी गिरफ्तारी की गई और लॉकर से पैसा भी बरामद किया गया."- कांतेश कुमार मिश्रा, एसपी, औरंगाबाद
पलामू पुलिस अधीक्षक चंदन सिन्हा ने बताया कि विनय यादव उर्फ मुराद उर्फ गुरु जी भाकपा माओवादी संगठन का अत्यंत महत्त्वपूर्ण उग्रवादी है और उसका ओहदा रीजनल कमिटी मेम्बर का है. उसका मूल कार्य क्षेत्र पलामू, औरगाबाद और गया जिला रहा है. पलामू जिले के हरिहरगंज, नौडीहा बाजार, पाटन, छतरपुर, विश्रामपुर आदि थाना क्षेत्रों में उसने कई घटनाओं को अंजाम दिया है. वह लगातार माओवादी गतिविधियों में शामिल रहा है. झारखंड पुलिस द्वारा माओवादियों के खिलाफ की जा रही प्रभावी कार्रवाई के कारण वह पलामू छोड़कर भाग गया और उसने औरंगाबाद और गया क्षेत्र में अपना आधार बना लिया था.
एसपी ने बताया कि विनय यादव पढ़ा-लिखा उग्रवादी है और नक्सलियों का प्रमुख थिंक टैंक है. झारखंड पुलिस की स्पेशल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (एसआइबी) पिछ्ले कई माह से विनय की गतिविधियों की सूचना इकट्ठा कर रही थी. काफी सटीक सूचना मिलने पर एसआइबी ने पलामू और औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक को जानकारी शेयर की. इसके आधार पर पलामू और औरंगाबाद पुलिस द्वारा संयुक्त अभियान चलाया गया और 18 लाख के इनामी दुर्दांत नक्सली रिजनल कमांडर विनय यादव को गिरफ्तार किया गया.
पलामू जिले में विनय ने कई उग्रवादी घटनाओं को अंजाम दिया है. विनय पाटन थाना के नूनमटिया बांध के पास 25 अगस्त 2005 को अपने दस्ते के साथ लेवी वसूलने आया था. इस दौरान पुलिस से सामना हो जाने और जवाबी गोलीबारी में कमजोर पड़ने और भाग जाने के कारण इनके द्वारा छोड़ी गई काफी सामग्री बरामद की गई थी. 20 मार्च 2005 को पाटन थाना क्षेत्र के कोलूआ किसैनी जंगल में पुलिस से सामना होने पर विनय के दस्ते द्वारा गोलीबारी की गई थी. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उग्रवादियों के कमजोर पड़ने एवं भाग जाने के बाद घटनास्थल से आग्नेयास्त्र एवं विस्फोटक पदार्थ बरामद किया गया था.
छतरपुर थाना के लावादाग, धोबीडीह टोला में 9 मई 2012 की रात्रि 11 बजे विनय के दस्ते ने जेसीबी का इस्तेमाल कर कलावती कुंवर के घर को ढ़ाह दिया था. 1 मार्च 2013 को हरिहरगंज थाना क्षेत्र में सिरिनिया डैम के पास पुलिस बल के उपर विनय के दस्ते द्वारा गोलीबारी की गई थी लेकिन जवाबी कार्रवाई का सामना नहीं कर पाने के कारण दस्ते के सभी सदस्य जंगल का लाभ उठाते हुए भाग गए थे. नक्सलियों द्वारा आहुत दो दिनों की बंदी के दौरान 6 अप्रैल 2013 की रात्रि में हरिहरगंज ब्लॉक में विस्फोटक लगाकर विस्फोट किया था और विनय के दस्ता के सदस्यों द्वारा गोलीबारी की गई थी.
हरिहरगंज थाना क्षेत्र में मगरा बथान डैम के पास 16 सितम्बर 2013 को पुलिस के साथ सामना हो जाने के कारण विनय के दस्ते के सदस्यों द्वारा गोलीबारी की गई थी. पुलिस की जवाबी कार्रवाई से कमजोर पड़ने के कारण इनके दस्ता के सभी सदस्य छुपकर भाग गए थे. घटनास्थल से विस्फोटक, गोली और उग्रवादियों द्वारा प्रयोग किये जाने वाली सामग्री काफी मात्रा में बरामद की गयी थी. विश्रामपुर थाना क्षेत्र के छोटकी कोडिया गांव के जोखन साव के घर में 9 अगस्त 2014 को गोलीबारी कर विनय के दस्ता के सदस्यों ने 12 टीपीसी उग्रवादियों की हत्या कर उनका हथियार लूट लिया था.
उग्रवादियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति: पलामू एसपी ने बताया कि नक्सली विनय यादव भाकपा माओवादी संगठन का अत्यन्त महत्वपूर्ण उग्रवादी था. इसका ओहदा रीजनल कमिटी मेम्बर था. उसका मूल कार्यक्षेत्र पलामू और गया जिला रहा है. पलामू जिले के हरिहरगंज, नौडीहा बाजार, पाटन, छतरपुर, विश्रामपुर आदि थाना क्षेत्रों में उसने कई घटनाओं को अंजाम दिया है. वह लगातार माओवादी गतिविधियों में शामिल रहा है. झारखंड सरकार ने उग्रवादियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और दोनों तरह के प्रावधान रखे हैं.
झारखंड सरकार ने भी रखा था ईनाम: एसपी ने बताया कि शीर्ष उग्रवादियों की गिरफ्तारी के लिए झारखंड पुलिस द्वारा काफी उंचा ईनाम रखा गया है. उन्होने उदाहरण देते हुए कहा कि झारखंड पुलिस ने भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो मेम्बर किशन दा की गिरफ्तारी के लिए एक करोड़ का ईनाम रखा था और वह झारखंड पुलिस द्वारा वर्ष 2022 में गिरफ्तार भी हुआ. विनय की गतिविधियों के बिहार में ज्यादा केंद्रित होने के बावजूद उस पर झारखंड सरकार ने 15 लाख का इनाम रखा था. झारखंड सरकार की एक बहुत ही आकर्षक आत्मसमर्पण नीति है और इसका हमें फायदा भी मिल रहा है.
पुलिस की संयुक्त कार्रवाई: नक्सलियों को गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम में झारखंड स्थित सीआरपीएफ की 47वीं वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी बिजेंद्र सिंह भाटी, कोबरा की 205वीं वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी रूप नारायण बिरौली, इसी वाहिनी के उप समादेष्टा योगेंद्र ढ़कोले, औरंगाबाद के अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) मुकेश कुमार, दाउदनगर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कुमार ऋषि राज, झारखंड के पलामू के छ्तरपुर के एसडीपीओ अजय कुमार, कोबरा 205वीं वाहिनी के सहायक समादेष्टा अजिय, पलामू के छतरपुर थाना प्रभारी शेखर कुमार, नौडीहा थाना प्रभारी रणजीत कुमार यादव, दाउदनगर थानाध्यक्ष गुफरान अली, ओबरा थानाध्यक्ष पंकज कुमार सैनी, मदनपुर थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा और जिला सूचना ईकाई, औरंगाबाद के पुलिस पदाधिकारी शामिल रहे. दोनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त अभियान में शामिल रही. पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है.