रांची: भाजपा विधायक आलोक चौरसिया को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने कांग्रेस के पूर्व विधायक केएन त्रिपाठी की चुनाव चुनौती याचिका को खारिज कर दिया है. केस नंबर EP/2/2020 में केएन त्रिपाठी का आरोप था कि डाल्टनगंज से भाजपा विधायक आलोक चौरसिया ने 25 साल की उम्र पूरी किए बगैर चुनाव लड़ा था. इसी को लेकर उन्होंने निर्वाचन को चुनौती दी थी. इस मामले में न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने 80 पेज का फैसला सुनाया है.
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केएन त्रिपाठी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने दलील पेश की थी. वहीं पिछली सुनवाई में विधायक आलोक चौरसिया की ओर से वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह ने कोर्ट को बताया था कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) एक्ट की धारा 28 के अनुसार जैक कोई कार्रवाई या आदेश पारित करता है, तो उसे न्यायालय में चैलेंज नहीं किया जा सकता है. आलोक चौरसिया की ओर से यह भी कहा गया कि जब जैक ने उनकी जन्मतिथि में संशोधन कर दिया है तो उसे किसी अदालत में चैलेंज नहीं किया जा सकता है. फिर इलेक्शन पिटिशन में कैसे इसे चुनौती दी जा सकती है.
आलोक चौरसिया की ओर से बताया गया कि गलती से फॉर्म भरते समय जन्म तिथि वर्ष 1995 भर दिया गया था. बाद में उन्हें महसूस हुआ कि गलत तिथि भर दी गई है. हालांकि उस वक्त इस गलती को ठीक नहीं करा सके थे. बाद में उन्होंने वर्ष 2012 में अपनी जन्म तिथि में सुधार की कवायद शुरू की थी. इसके बाद वर्ष 2014 में उनकी जन्मतिथि में झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने सुधार किया था.
सुनवाई के दौरान केएन त्रिपाठी की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता महेश तिवारी और अभिषेक कुमार दुबे ने पैरवी की. पूर्व की सुनवाई में केएन त्रिपाठी की ओर से बहस में कहा गया था कि झारखंड विधानसभा चुनाव के नामांकन के समय आलोक चौरसिया की उम्र 25 वर्ष से कम थी. इसलिए वे चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे.